अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस : गढ़वा की पूजा को मिला जीवनसाथी, युवक पवन ने थामा उसका हाथ!

अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस : गढ़वा की पूजा को मिला जीवनसाथी, युवक पवन ने थामा उसका हाथ!

अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस के मौके पर पलामू में एक युवक ने विधवा महिला के साथ की शादी



दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा


पलामू के पोलपोल के रहने वाले पवन कुमार ने सामाजिक मिसाल कायम करते हुए विधवा और एक बच्चे की मां पूजा देवी का हाथ थाम लिया। सामाजिक संस्था के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में इन दोनों ने शादी कर अन्य लोगों के लिए एक मिसाल कायम कर दिया।

बता दें कि पूजा देवी के पति की मौत 2020 में हुई थी। जबकि पवन दास अविवाहित है। पवन एक माइक्रोफाइनेंस कंपनी में नौकरी करते हैं और बीए तक की पढ़ाई की है। पूजा गढ़वा जिला के सोनेहारा गांव की रहने वाली है। 2018 में पूजा देवी की शादी हुई थी। 2019 में उन्हें एक बच्चा हुआ और 2020 में उनके पति का निधन हो गया। 23 जून को अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस के मौके पर पवन ने विधवा पूजा के साथ शादी कर ली है।

दरअसल, पलामू में पहल ट्रस्ट के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसी कार्यक्रम में पवन कुमार ने पूजा देवी के साथ शादी की। विधवा विवाह पर समाज कल्याण विभाग की तरफ से दो लाख रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। शादी के दौरान प्रशिक्षु आईएएस हिमांशु, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी नीता चौहान, माटी कला बोर्ड के सदस्य सह पहल ट्रस्ट के अविनाश देव समेत कई अधिकारी मौजूद थे।

पवन और पूजा को बहुत से लोगों ने दिया आशीर्वाद: ‘पवन और पूजा ने एक सामाजिक मिसाल कायम की है। विधवा विवाह पर सरकार के द्वारा दो लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। पलामू में 2025 में पांच विधवा विवाह का सरकार ने लक्ष्य रखा है’। -नीता चौहान, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी।

पति की मौत के बाद समाज महिला को मानता है दोषी: अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस पर कई महिलाओं ने अपने दर्द को साझा किया। पलामू के चैनपुर स्थित सेमरटांड़ की रहने वाली एक विधवा महिला ने कहा कि पति की मौत के बाद महिला को दोषी माना जाता है। महिला ने बताया कि मौत के बाद उनसे बेटे को छीन लिया गया है। घर से बाहर निकलने के बाद उनके इज्जत को लेकर सवाल उठाया जाता है। आखिर इसमें उनका क्या दोष है। उनके पास सिर्फ बेटियां है। उन जैसी महिलाओं की मदद के लिए कोई भी सामने नही आता है।

‘अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जहां विधवा विवाह करवाया गया है। विधवाओं को समाजिक रुप से जागरूक और मजबूत करने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे लोग जो विधवा विवाह करना चाहते हैं उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा’. – अविनाश देव, सदस्य माटी कला बोर्ड।

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Ashutosh Ranjan

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