एक दिवसीय धरना के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों ने सीएम से की 6 सूत्री मांग

एक दिवसीय धरना के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों ने सीएम से की 6 सूत्री मांग

10 लाख की योजनाओं की स्वीकृति व 10 लाख का बीमा सहित अन्य मांगें शामिल



दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा


गढ़वा जिला के पंचायत प्रतिनिधियों ने उपायुक्त के माध्यम से झारखंड के मुख्यमंत्री को संबोधित 6 सूत्री मांग पत्र समर्पित किया है। वे इन मांगों के समर्थन में जिला कार्यालय के समीप एकदिवसीय धरना दे रहे थे। इस धरना की अध्यक्षता जिला परिषद अध्यक्ष शांति देवी ने की। सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से कहना है कि पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण के लिए ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद को सशक्त किए जाने को लेकर नियमावली के अनुसार उन्हें पूर्ण कार्यकारी अधिकार दिया जाए। इन संस्थाओं को वित्तीय, प्रशासनिक और नीतिगत स्वायत्तता प्रदान की जाए। ताकि स्थानीय स्तर पर विकास कार्यों को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। उन्होंने कहा है कि यह अधिकार सुनिश्चित करेगा कि पंचायतें स्वतंत्र रूप से योजनाओं का नियमन और कार्यान्वयन कर सकती हैं। जिससे ग्रामीण विकास को गति मिले। अगले बिंदु पर मानदेय लागू करने की मांग की गई है। कहा गया है कि पंचायत प्रतिनिधियों को केरल एवं बिहार मॉडल के तर्ज पर उचित और नियमित मानदेय प्रदान किया जाए। यह मानदेय उनकी जिम्मेदारियों और कार्यभार के अनुरूप लागू हो। ताकि वे आर्थिक चिताओं से मुक्त होकर जन सेवा में पूर्ण समर्पण प्रदान कर सकें। इससे उनकी कार्य क्षमता में वृद्धि होगी। 15 वें वित्त आयोग की राशि का समयबद्ध वितरण किए जाने की मांग की गई है। 15 वें वित्त आयोग की राशि को समय पर और नियमित रूप से पंचायतों को उपलब्ध कराया जाए। विलंब के कारण विकास कार्य रुक जाते हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में अवसंरचनाओं और सेवाओं का विकास प्रभावित होता है। समयबद्ध वितरण से परियोजनाएं निर्बाध रूप से पूरी हो सकेंगी। पंचायत व प्रतिनिधियों को बीमा कवर दिया जाए। सभी पंचायत प्रतिनिधियों को 10 लाख रुपए का जीवन बीमा अनिवार्य रूप से लागू किए जाने पर जोर दिया गया है। यह उनकी सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करेगा। जिससे वे निश्चिंत होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकेंगे। पंचायत प्रतिनिधियों ने डीआरडीए को जिला परिषद में पूर्ण रूप से शामिल किए जाने की मांग की है। उन्होंने मनरेगा और अन्य वित्तीय योजनाओं के तहत पंचायत प्रतिनिधियों को 10 लख रुपए तक की योजनाओं का लाभुकों से कार्य कराने का अधिकार दिए जाने की मांग की है। इससे स्थानीय स्तर पर योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

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Ashutosh Ranjan

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