गुरूजी ने कभी भी अपने आदर्शों से नहीं किया समझौता

गुरूजी ने कभी भी अपने आदर्शों से नहीं किया समझौता

उनकी भरपाई कभी संभव नहीं

झामुमो ने शोकसभा के दौरान दिशोम गुरू को दी श्रद्धांजलि



दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा


पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के गढ़वा के कल्याणपुर स्थित आवास पर दिनांक 04.08.2025 दिन सोमवार को झारखण्ड राज्य के निर्माता दिशोम गुरू शिबू सोरेन के निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान वक्ताओं द्वारा बताया गया कि इस खबर से मन अत्यंत ही मर्माहत है। दिशोम गुरू शिबू सोरेन को झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ही नहीं पूरे राज्य की जनता बाबा के नाम से संबोधित करती थी। गुरू जी 81 वर्ष की उम्र में हम सभी को छोड़कर चले गये। इसकी भरपाई भविष्य में संभव नहीं है। दिशोम गुरू 18 वर्ष की उम्र से ही सेठ साहूकारों एवं महाजनों की सुदखोरी के खिलाफ लंबी लड़ाई लडी थी। साथ ही झारखण्ड राज्य के निर्माण के लिए आर्थिक नाकेबंदी, धरना-प्रदर्शन, रैली तथा जेल भरो आन्दोलन के फलस्वरूप बिहार सरकार को स्वायत्त परिषद का गठन करना पड़ा। दिशोम गुरू शिबू सोरेन को इसका अध्यक्ष बनाया गया। झारखण्ड की लड़ाई गुरूजी के नेतृत्व में लड़ी गई। जिसमें हजारों लोग शहीद हो गये। परंतु सरकार की सारी यातनाएं सहने के बाद भी झारखण्ड राज्य की लड़ाई को इनके द्वारा कमजोर नहीं होने दिया गया और अविभाजित बिहार राज्य से अलग झारखण्ड राज्य का निर्माण हुआ। इनके द्वारा कभी भी अपने आदर्शों से समझौता नहीं किया। इन्होंने आदिवासी समाज को एकजूट करने एवं मुख्यधारा में लाने का जो प्रयास किया वह झारखण्ड ही नहीं बल्कि भारतीय राजनीति में मिसाल है। दिशोम गुरू द्वारा अपना पूरा जीवन आदिवासी समाज के कल्याण एवं उनके हितों की रक्षा लिए समर्पित कर दिया गया था। देश में जब भी आदिवासियों के हक एवं अधिकार की बात होगी तो दिशोम गुरू शिबू सोरेन का नाम सम्मान के साथ लिया जायेगा। इस मौके पर जिला सचिव शरीफ अंसारी, मनोज ठाकुर, अनिता दत्त, अंजली गुप्ता, रेखा चौबे, फुजैल अहमद, फरीद खाँ, अशर्फी राम, आलमगीर अंसारी, संजय सिंह छोटू, वंदना जायसवाल, धनन्जय तिवारी, फखरे आलम, इस्तेखार अंसारी, पूरन तिवारी, रतन सिंह खरवार, मंजर खान, रसीद अंसारी, रविन्द्र तिवारी सहित सैकड़ों कार्यकर्त्ता उपस्थित थे।

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Ashutosh Ranjan

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