रथ, मानव झांकी, साउंड, संगीत, साफ सफाई, प्रतिमा, भंडारा आदि की कैटेगरी को लेकर अखाड़ों को किया जाएगा पुरस्कृत
दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
झारखंड के कुछ चुनिंदा शहरों में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में रामनवमी के भव्य आयोजन का इतिहास रहा है। इन शहरों में जिला मुख्यालय गढ़वा का भी नाम अग्रणी पंक्ति में लिया जाता है। यहां की रामनवमी के भव्य आयोजन को देखने के लिए दूर-दूर से लोग हजारों की संख्या में रामनवमी को दिन और रात गढ़वा में ही व्यतीत करना चाहते हैं। लिहाजा इस दिन यहां शहर में तिल रखने की भी जगह नहीं मिलती। इस भव्य आयोजन का इतिहास लिखने का सबसे पहला श्रेय श्री राम नवमी पूजा महासमिति जनरल को जाता है। इसकी स्थापना वर्ष 2011 में की गई थी। तब से लेकर आज तक हर वर्ष भव्य से और भव्य आयोजन का रिकॉर्ड श्री रामनवमी महासमिति जनरल के नाम ही दर्ज है। संघत मोहल्ला स्थित श्री शिव मंदिर में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जनरल के उमेश कश्यप ने कहा कि सबका सम्मान करते हुए अपने आयोजन को दिनानुदिन और अधिक भव्यता एवं दिव्यता प्रदान करना हमारा उद्देश्य है। नए युग में कुछ नया करने का हम प्रयास करते हैं। इस उद्देश्य में हम निरंतर सफल हो रहे हैं। यह मैं नहीं पूरे गढ़वा जिले की श्रद्धालु जनता कहती है। जनरल के वर्तमान अध्यक्ष रोहित कुमार छोटू ने रामनवमी महोत्सव के सभी अखाड़ा एवं आयोजकों को धन्यवाद देते हुए संपूर्ण जिला वासियों को रामनवमी की बधाई दी। जब कि महासमिति जनरल के संस्थापक अध्यक्ष मुरली श्याम सोनी ने कहा कि गढ़वा शहर के प्राइम प्लेस रंका मोड़ स्थित महावीर मंदिर के पास रामनवमी पूजा महासमिति जनरल का भव्य मंच बनाया जा रहा है। इस वर्ष के उत्सव में भी सभी राम भक्त शामिल होंगे। इस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में जिला के प्रशासनिक प्रमुख उपायुक्त शेखर जमुआर, पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार पांडेय एवं स्थानीय विधायक सत्येंद्र कुमार तिवारी उपस्थित रहेंगे। जबकि अन्य सभी प्रशासनिक पदाधिकारी भी सम्मानित अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे सभी अखाड़ों का सम्मान करते हैं और अपील करते हैं कि शांति एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में जन्मोत्सव का आयोजन किया जाए। कहा कि इस बार रथ, झांकी, मानव झांकी, भंडारा, साफ सफाई, ध्वनि, शांति सद्भाव, प्रतिमा, संगीत आदि को लेकर अखाड़े को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निर्णायक मंडली में महासमिति का कोई सदस्य शामिल नहीं होता है। इसलिए विवाद का कोई कारण नहीं है। उन्होंने और खुलासा करते हुए कहा कि निर्णायक मंडल में न्यायपालिका, प्रशासन, पत्रकार, ओलंपिक संघ व समाजसेवी आदि में से सदस्यों का चयन किया गया है। इस दौरान इस बात का ध्यान रखा गया है कि किसी के परिजन यदि किसी अखाड़े में शामिल हों तो उन्हें निर्णायक मंडल में शामिल नहीं किया जाएगा। निर्णायक मंडल के सदस्यों को 50 नंबर का फॉर्मेट दे दिया जाता है। वह सभी बिंदुओं पर मार्क्स भरकर फॉर्मेट जमा कर देंगे। जिसे जोड़कर प्रथम, द्वितीय व तृतीय की घोषणा की जाएगी एवं उसके अनुसार पुरस्कार दिया जाएगा। इस दौरान उपस्थित पत्रकारों को भी अंग वस्त्र एवं तलवार देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर रोहित कुमार छोटू, सूरज सिंह, उमेश कश्यप, विजय ठाकुर, गोपाल सोनी, मदन मोहन गुप्ता, अरविंद पटवा, संजीव दुबे, विवेक कुमार सिन्हा, टिंकू गुप्ता, विशाल गुप्ता, मनोज मेहता सहित कई लोग उपस्थित थे।
