दाल भात केंद्र को आपूर्ति की जाने वाली सामग्री में भी भारी घोटाला का आरोप

दाल भात केंद्र को आपूर्ति की जाने वाली सामग्री में भी भारी घोटाला का आरोप

केंद्र की संचालकों ने सीएम को संबोधित आवेदन में इसे ठेका प्रथा से मुक्त करने की लगाई गुहार



दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा


गढ़वा : गरीबी से त्रस्त एवं परेशान लोगों को, जिन्हें पेट भरकर भोजन करने की भी सामर्थ्य नहीं है उनके लिए सरकार ने मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र का प्रावधान किया है। जहां अति निर्धन व्यक्ति को भी मात्र ₹5 में भरपेट भोजन मुहैया कराया जाता है। लेकिन भूखे लोगों को दया कर दी जाने वाली राहत में भी घोटाला करने वालों को दया नहीं आती। दाल भात केंद्र को खाद्य सामग्री आपूर्ति करने का सरकार ने 3 सालों से ठेका दे रखा है। जो कभी भी प्रावधान के अनुसार पूरी सामग्री केंद्र को आपूर्ति नहीं करते। ऐसे में दाल भात केंद्र की संचालिकाओं की स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है। कहां और कैसे इस खबर के जरिए चलिए आपको भी पूरी बात बताते हैं। गढ़वा टाउन हॉल के प्रांगण में जिले में संचालित दाल भात योजना स्वयं सहायता समूह की तीसरी बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता मेराल दाल भात केंद्र की संचालिका बिंदा देवी ने की। इस बैठक में सभी संचालकों ने एक स्वर में कहा कि उक्त योजना के संचालन में सरकारी संरक्षण में व्यापक गड़बड़ी एवं अनियमितता की जा रही है। जिला आपूर्ति पदाधिकारी के पत्रांक 1131 दिनांक 16 12. 2024 के अनुसार 12 से 18 क्विंटल चावल 0.75 क्विंटल चना एवं 0.75 क्विंटल सोयाबीन की प्रत्येक महीना आपूर्ति सभी केंद्रों पर करनी है। इसके बदले दो क्विंटल चावल एवं तीन चार महीना पर 500 नगद मात्र सोयाबीन और दाल के बदले मिल रहा है। यह सिलसिला जब से ठेकेदारी प्रथा लागू हुई है अर्थात 3 तीन सालों से जारी है। स्पष्ट है कि उक्त योजना का संचालन एवं लाभ अंतिम पायदान के व्यक्ति को होता है। 5 रुपया में पेट भर भोजन बिना किसी मानदेय और मजदूरी के राष्ट्रीय आपदा कोरोना से लेकर आज तक संचालन हो रहा है।

ऐसे में तमाम सूचना आवेदन के बाद भी कफन की चोरी हो रही है। गरीब लाभ से वंचित हैं। इस विकट परिस्थिति में हम लोग निम्न मांग करते हैं कि इस महाघोटाले की जांच अपराध अनुसंधान विभाग को सौंप दिया जाए। नियमित राशन की आपूर्ति व प्रत्येक केंद्र का संचालन हो। संभव हो तो इसे ठेका प्रथा से मुक्त करते हुए राशन की सीधी आपूर्ति गोदाम से की जाए।

रसोईया बहनो को मानदेय एवं ग्रुप बीमा का लाभ सुनिश्चित किया जाए। अंत में मुख्यमंत्री को संबोधित आवेदन में कहा कि हमलोग गंभीरता से सुविचार करने को लेकर आवेदन समर्पित कर रहे हैं। इस मौके पर बिंदा देवी, अनीता देवी, ललिता देवी, ममता देवी, ज्ञान्ती देवी, जवही कुंवर, चमेली देवी, इंद्रावती देवी, रेखा देवी, उर्मिला देवी, फूल कुमारी देवी, रेशमी देवी, चरिया देवी, रामदेनी देवी, कलपतिया देवी, अनीता देवी, कमोदा देवी सहित काफी संख्या में दाल भात केंद्र की संचालिकाएं उपस्थित थीं।

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Ashutosh Ranjan

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