किसानों को तत्काल राहत, मुआवजा व वैकल्पिक फसल के लिए अनुदान की जरूरत बताई
सीएम ने तत्काल आकलन व राहत तथा मुआवजा का दिलाया भरोसा
दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा
गढ़वा : जिला में लगातार अतिवृष्टि और बाढ़ की वजह से किसानों की हालत बद से बदतर हो गई है। खेतों में लगी फसलें लगभग नष्ट हो चुकी हैं। ऐसे में किसानों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा है। इस गंभीर हालात को देखते हुए झामुमो मीडिया पैनलिस्ट सह केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे ने मॉनसून सत्र के दौरान विधानसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और उन्हें विस्तार से पूरे हालात से अवगत कराया। धीरज दुबे ने मुख्यमंत्री को बताया कि जिले के कई प्रखंडों में मक्का और दलहन जैसी मुख्य फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं है। खेतों में पानी भर जाने से किसानों के पास अपने खेत को बचाने का कोई उपाय नहीं रहा। साथ ही, कांडी प्रखंड के हेठार इलाके में बाढ़ की वजह से कई गांवों में डूब के कारण धान की फसल बर्बाद हो गई। मवेशियों के चारा तक की किल्लत हो गई और लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गढ़वा जिले के किसान कठिन दौर से गुजर रहे हैं। कभी उन्हें सूखा तो कभी अतिवृष्टि से नुकसान उठाना पड़ता है। एक ओर उनकी सालभर की मेहनत बर्बाद होती है तो दूसरी ओर बाजार से लिया गया कर्ज़ चुकाने की चिंता। अगर सरकार तत्काल राहत और मुआवज़े की व्यवस्था नहीं करती, तो किसानों की स्थिति और भी भयावह हो जाएगी। धीरज दुबे ने कहा कि सरकार का यह कदम किसानों के लिए संजीवनी साबित होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि आपदा से प्रभावित परिवारों को न केवल आर्थिक सहायता मिले, बल्कि फसल बीमा योजना का लाभ भी तुरंत सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में वैकल्पिक फसलों और रोजगार के अवसरों की भी व्यवस्था की जाए। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि प्राकृतिक आपदा के समय केवल राहत राशि से समाधान नहीं होगा, बल्कि दीर्घकालिक योजना बनाकर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे। धीरज ने सुझाव दिया कि आपदा प्रबंधन के तहत जिले में कृषि संकट प्रबंधन केंद्र स्थापित किए जाएं। गौरतलब है कि इस बार मानसून के दौरान जिले में औसत से कहीं अधिक बारिश हुई है। नदियों के उफान और लगातार हुई वर्षा से हजारों हेक्टेयर फसल चौपट हो गई। किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और कई जगहों पर लोग अभी भी राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। मुख्यमंत्री से हुई इस मुलाकात के बाद उम्मीद जगी है कि किसानों को राहत पैकेज और मुआवज़े के रूप में मदद मिलेगी। धीरज दुबे ने कहा कि वे किसानों की आवाज़ बनकर लगातार सरकार तक उनकी समस्याओं को पहुँचाते रहेंगे। श्री दुबे ने यह भी बताया कि प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत सिर्फ ₹1 में रूपये में 31 अगस्त 2025 तक फसलों का बीमा किया जा रहा है। भविष्य में फसल के नुकसान पर मुआवजा पाने के लिए किसानों को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने धीरज की बातों को गंभीरता से सुना और भरोसा दिलाया कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि जिले में हुए नुक़सान का तत्काल आकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। ताकि प्रभावित परिवारों को राहत राशि उपलब्ध कराई जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि किसानों की कर्ज़ माफ़ी और बीमा दावों पर प्राथमिकता से कार्रवाई होगी।