रांची से रेस्क्यू बाघ को पलामू टाइगर रिजर्व में छोड़ा

रांची से रेस्क्यू बाघ को पलामू टाइगर रिजर्व में छोड़ा

इसका नाम है बेहद खास!


दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज़, गढ़वा


रांची के सिल्ली के मारदू गांव से रेस्क्यू हुए बाघ को पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में छोड़ दिया गया है। बुधवार देर रात बाघ रांची से चलकर पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में पहुंचा था और गुरुवार की सुबह 7:00 बजे के करीब पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में छोड़ दिया गया है। सुरक्षा कारणों से जिस इलाके में बाघ को छोड़ा गया है उसका लोकेशन जारी नहीं किया जा रहा है।

बाघ को लेकर पलामू टाइगर रिजर्व ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी। पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेशकान्त जेना के नेतृत्व में बाघ को जंगल मे छोड़ा गया है। दरअसल रांची के सिल्ली के मारदू गांव में पुरंदर महतो के घर से बुधवार को वन विभाग टीम ने बाघ का रेस्क्यू किया था। बाद में डॉक्टरों की टीम ने बाघ की स्वास्थ्य जांच किया था। इसके बाद उसे पलामू टाइगर रिजर्व लाया गया।

रांची से रेस्क्यू बाघ को पलामू टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया

पलामू किला के नाम पर रखा है बाघ का नाम: सिल्ली से रेस्क्यू हुआ बाघ पलामू टाइगर रिजर्व का है। यह बाघ 2023 में पलामू टाइगर रिजर्व के पलामू किला के इलाके में देखा गया था। जिस कारण इस बाघ का नाम किला बाघ रखा गया था। 2023 के बाद यह हजारीबाग, चतरा के बाद गुमला होते हुए बंगाल सीमा के पुरुलिया में चला गया था। वापस लौटने के दौरान यह काफी दिनों तक खूंटी के इलाके में रहा था। खूंटी के बाद पलामू टाइगर रिजर्व के रास्ते में आबादी के कारण यह सिल्ली के तरफ चला गया था। सिल्ली में यह एक घर मे घुस गया था जिसके बाद रेस्क्यू किया गया।

रांची के सिल्ली में रेस्क्यू हुए बाघ को पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में छोड़ा गया है। यह वही किला बाघ है जो पलामू टाइगर किला के आसपास देखा गया था। बाघ की उम्र साढ़े चार वर्ष है। बाघ नर प्रजाति का है और व्यस्क है। बाघ के मूवमेंट पर निगरानी रखी जा रही है। -प्रजेशकांत जेना, डिप्टी डायरेक्टर, पलामू टाइगर रिजर्व।

बाघ ने एमपी बांधवगढ़ से लेकर बंगाल कॉरिडोर को किया था एक्टिव

किला बाघ ने मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लेकर पश्चिम बंगाल के पुरलिया तक के कॉरिडोर को एक्टिव किया है। कई दशकों के बाद इस कॉरिडोर में बाघ की मूवमेंट मौजूद है। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ से बंगाल के पुरुलिया तक का करीब 800 किलोमीटर तक बाघ का कॉरिडोर है। किला बाघ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से निकलकर पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में 2023 में दाखिल हुआ था।

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Ashutosh Ranjan

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