किसी भी शहर का चेहरा होता है बस स्टैंड, इसे सुव्यवस्थित रखें : एसडीएम
बस स्टैंड परिसर की विधि व्यवस्था संधारण के लिए होगी आवश्यक पहल
अवैध बस संचालन और टाइम टेबल उल्लंघन से आए दिन होता है विवाद
कुछ एजेंटों की आपराधिक सांठ-गांठ सामने आई, चिन्हित कर होगी कार्रवाई
दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज़ गढ़वा
अनगढ़ गढ़वा को सुगढ़ बनाने की अपनी बहु आयामी भूमिका में एसडीएम संजय कुमार ने आज फिर गढ़वा की दुखती नब्ज पर हाथ रखा है। जिससे अनायास ही यह उम्मीद जग गई कि दशकों से लाइलाज लग रही बीमारी का अब इलाज हो जाएगा। कहां कैसे आइए इस खबर के जरिए आपको भी बताते हैं। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज बुधवार को “कॉफी विद एसडीएम” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस नियमित साप्ताहिक संवाद श्रृंखला की मेज़बानी अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार द्वारा की गयी। इस सप्ताह के सत्र में गढ़वा के बस मालिकों और बस एजेंटों को आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद गढ़वा सुशील कुमार भी उपस्थित रहे। बस मालिकों और बस स्टैंड से जुड़े एजेंटों ने एसडीएम के समक्ष अपनी समस्याएं और सुझाव रखे। वहीं, बस मालिकों ने भी अपने-अपने मुद्दे साझा किए। एसडीएम संजय कुमार ने सभी की समस्याओं और सुझावों को गंभीरता से सुना और आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि प्रशासन भविष्य में भी सभी हितधारकों की बातों को प्राथमिकता के साथ सुनेगा और उनके समाधान के लिए तत्पर रहेगा।
बस स्टैंड में यात्री सुविधायें बहाल हों : बस एसोसिएशन: इस संवाद कार्यक्रम के दौरान ज्यादातर बस संचालकों ने कहा कि बस स्टैंड का नवनिर्माण जरूर हुआ है। किंतु यहां न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं की घोर कमी है। उन्होंने यहां पर सार्वजनिक शौचालय, पेयजल के साथ-साथ यात्री शेड की जरूरत बताई। बस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एसडीएम से कहा कि वे नियमित तौर से नगर परिषद की सैरात के अनुरूप निकाय शुल्क अदा करते हैं। किंतु यहां यात्रियों को बैठने के लिए एक कुर्सी भी नहीं है। पूरे बस स्टैंड में यात्री विशेष कर महिलाएं, बूढ़े, बच्चे सभी खड़े रहते हैं। उक्त शिकायत के आलोक में एसडीएम ने मौके पर मौजूद कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार को यथाशीघ्र उक्त यात्री सुविधायें बहाल करने हेतु नियमानुसार पहल करने का निर्देश दिया। बस संचालकों ने बस स्टैंड परिसर में अंधेरा रहने की शिकायत की। इस पर कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि बस पड़ाव में जो सरकारी बिजली कनेक्शन है। इस कनेक्शन से वहां के दुकानदारों ने भी अवैध तरीके से लाइन जोड़ लिया है। जिससे सर्किट में फाल्ट आ गया है। वे इस मामले को अपने स्तर से स्वयं देख रहे हैं।
गढ़वा में यूपी और छत्तीसगढ़ की बसों का अवैध संचालन बंद हो: बस संचालकों ने एसडीएम के समक्ष अपनी परेशानी रखते हुए बताया कि गढ़वा बस स्टैंड में उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ से अनधिकृत तौर से बड़ी संख्या में बसें आती हैं। जहां उत्तर प्रदेश से आने वाली सभी बसें जिले के अंदर अवैध तरीके से घुसती हैं। वहीं छत्तीसगढ़ से आने वाली बसें बिना काउंटर साइन परमिट के प्रवेश करती हैं। बस मालिकों ने इस विषय को लेकर गंभीरता से कार्रवाई करने का अनुरोध किया।
अनधिकृत संचालन और टाइम टेबल उल्लंघन से होता है संघर्ष: राधे-राधे बस सर्विस के प्रोपराइटर रुद्र प्रताप सिंह और विशाल बस सर्विस के मालिक रविंद्र गुप्ता सहित लगभग सभी स्थानीय बस मालिकों ने गंभीर शिकायत की कि जहां अन्य राज्यों की अवैध बसों के हमारे बस स्टैंड में प्रवेश करने पर स्थानीय बस संचालक विरोध करते हैं। वहीं टाइम टेबल का अनुपालन न करने पर उल्लंघन कर्ताओं की प्रति एजेंटों में आक्रोश पैदा होता है। फलस्वरुप आए दिन वहां पर विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती रहती है। ऐसे में प्रशासन को हस्तक्षेप करना चाहिए। संजय कुमार ने कहा कि चूंकि यह मामला विधि व्यवस्था से जुड़ा हुआ है इसलिए वे इस पर ठोस कार्रवाई करेंगे।
बस स्टैंड में हस्तक्षेप करने वाले आपराधिक तत्वों पर कार्रवाई की मांग: कई बस संचालकों ने बताया कि गढ़वा बस स्टैंड में कुछ एजेंट अपराधिक प्रकृति के लोगों से साथ सांठ गांठ करके बिना समय सारणी के तहत भी बस स्टैंड में गाड़ी घुसा देते हैं। वे इस दबंगई के एवज में वसूली भी करते हैं। उनकी बात ना मानने पर मारपीट या संघर्ष सामने आता है। इसको लेकर कई बार खून खराबा हो चुका है। उन्होंने एसडीएम से ऐसे तत्वों को चिन्हित कर उन पर निरोधात्मक कार्रवाई करने का अनुरोध किया।


अवैध टेंपो और कमांडर वाहनों पर लगाम लगे: बस संचालकों ने बताया कि बस स्टैंड के सामने ही अवैध रूप से टेंपो और जीपों का जमावड़ा लगा रहता है। इन लोगों को लोकल में ही चलना चाहिए। किंतु ये लोग बस वालों से कंपटीशन करते हैं और कई बार तो इस प्रतिस्पर्धा में बस वालों के साथ लड़ाई झगड़ा भी करते हैं। बस मालिकों ने अपना दर्द सुनाते हुए कहा कि वे लोग परमिट लेकर सरकार को राजस्व देते हैं। किंतु बिना परमिट और बिना कागजों के चलने वाले टेंपो और कमांडर उनको व्यावसायिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे अवैध वाहनों पर जनहित में तुरंत कार्रवाई की जाए। संजय कुमार ने परिवहन एवं पुलिस विभाग के समन्वय से इन वाहनों पर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना की बसें निर्धारित रूट पर चलें: बैठक में संवाद के दौरान यह तथ्य सामने आया कि मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के तहत संचालित वाहन अपने रूट पर ना चलकर अन्य वाहनों के परंपरागत रूट पर चल रहे हैं। इस पर एसडीएम ने ग्राम गाड़ी योजना से जुड़े संचालकों को निर्देश दिया कि उक्त कल्याणकारी योजना इसीलिए लाई गई थी ताकि दूर दराज के गांव देहात के लोग भी शहर तक के सुगम यातायात सुविधा का लाभ ले सकें। इसलिए वे उन्हीं मार्गों पर अपने वाहन चलाएं। मार्ग विचलन की स्थिति में उन पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं ग्राम गाड़ी योजना से जुड़े संचालकों ने कहा कि बस स्टैंड में उनकी बसों को घुसने नहीं दिया जाता है। इस पर बस एसोसिएशन और सभी एजेंट को निर्देश दिया गया कि वे ग्राम गाड़ी योजना की इन बसों को अंदर आने से नहीं रोकेंगे।
शहर में जहां-तहां बसों को न रोकें: संजय कुमार ने सभी बस संचालकों को निर्देश दिया कि वे बस स्टैंड में ही बसों को लगायें। अगर रास्ते में कहीं सवारी मिलती है तो वे सवारी उठा सकते हैं। लेकिन वे शहर के चौक चौराहों पर बस का स्टॉपेज ना बनाएं। उन्होंने कहा कि रंका मोड और अंबेडकर चौक के पास नो स्टॉपेज जोन घोषित किया हुआ है। इसके बावजूद वहां पर बस, कमांडर आदि खड़ी करके आए दिन जाम की स्थिति उत्पन्न कर दी जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसा करना दंडनीय है, ऐसा करने से बचें और शहर के सुगम यातायात में अपना योगदान दें।
कांडी में बस पड़ाव चिन्हित करने की मांग: गौरी शंकर दुबे एवं कुछ अन्य बस संचालकों ने कांडी में बसों के ठहराव के लिए कोई स्थान नहीं होने की समस्या एसडीएम के समक्ष रखी। उन्होंने कहा कि सड़क संकरी होने के कारण वे बसें खड़ी नहीं कर पाते हैं। इसलिए उनके लिए रोड के निकटवर्ती क्षेत्र में कहीं भी बस पड़ाव हो जाए तो उन्हें बड़ी सुविधा होगी।
ऑटो- टैक्सी का रूट निर्धारण हो: बस संचालकों ने ऑटो रिक्शा टैक्सी आदि के रूट बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अभी कोई भी टैक्सी पूरे जिले में कहीं भी चली जाती है। कई बार तो ये लोग बस से सवारियां उतार कर भी ले जाते हैं। ऐसे में अनावश्यक टकराव की स्थिति उत्पन्न होती है। जो कि जनहित में नहीं है। इसलिए अलग-अलग मार्ग पर चलने वाले ऑटो रिक्शा एवं टैक्सी आदि के रूट पहले से तय होने चाहिए। उसी अनुसार परमिट निर्धारित हों। इस पर अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि वे वरीय पदाधिकारियों के समक्ष इस मुद्दे को रखकर जरूर कोई ना कोई हल निकालेंगे।
एसडीएम के साथ संवाद से आशान्वित दिखे बस संचालक: बस संचालक मंसूर खान, सुमन द्विवेदी, संतोष कुमार सिंह, कृष्ण विजय सिंह, राजकुमार पांडेय आदि ने कहा कि यह पहला अवसर है जब किसी एसडीएम ने समस्या एवं सुझाव रखने के लिए अपने यहां इतने आत्मीय माहौल में आमंत्रित किया है। उन्हें एक आशा जरूर जगी है कि अब बस स्टैंड में कुछ ना कुछ सकारात्मक बदलाव जरूर होगा।
उपस्थिति: इस संवाद कार्यक्रम में संतोष बस सर्विस, चुनू राज बस सर्विस, शिवोत्तम बस सर्विस, विशाल बस सर्विस, बाबा भोलेनाथ बस सर्विस, रोहित बस सर्विस, जेपीएस, रिलायंस, रजनीगंधा, आरके ट्रैवल्स, हरिहरपुर बस सर्विस, बदन बस सर्विस, दुबे बस सर्विस, पूर्णिमा ट्रैवल्स, मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना आदि के संचालकों और एजेंटों की मौजूदगी रही। जिसमें विशेष रूप से निरंजन कुमार दुबे, अशोक प्रसाद, विशाल पासवान, मनीष कुमार , विनय प्रजापति, सत्येंद्र कुमार सिंह, मंजूर खान, संतोष कुमार सिंह , सलाउद्दीन खान, अलीराज खान, सुधीर चौबे, संतोष तिवारी, विनय प्रजापति आदि ने अपने विचार रखे। संवाद में आए सुझाव और शिकायतों पर यथोचित पहल करने का भरोसा एसडीएम की ओर से दिया गया। उन्होंने कहा कि बस स्टैंड किसी भी शहर का चेहरा होता है इसलिए सब मिलकर इसको सुंदर और व्यवस्थित बनाएंगे।