पांच गांव के बच्चे 11 दिनों से नहीं जा रहे स्कूल

पांच गांव के बच्चे 11 दिनों से नहीं जा रहे स्कूल

अटेंडेंस रहा जीरो, जानें क्या है वजह



दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा


जिले के पाटन थाना क्षेत्र के पाल्हे कला के इलाके में पांच गांव के बच्चे पिछले 11 दिनों से स्कूल नहीं जा रहे हैं। पाल्हे कला के इलाके में मौजूद तीन स्कूलों में 11 दिनों से बच्चों का अटेंडेंस जीरो रहा है। 6 जुलाई को पाटन थाना क्षेत्र के पाल्हे कला मे मुहर्रम के जुलूस के दौरान दो पक्षों में हिंसक झड़प हुई थी। इसी झड़प के बाद से इलाके में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है।

हिंसक झड़प के बाद पाल्हे कला के इलाके में मौजूद गम्हेथा, नवका टोला, रहमत नगर, सधपुर, महुलिया और भुईयां टोली गांव के बच्चे पढ़ाई करने नहीं जा रहे हैं। इन गांवों के बच्चे प्राथमिक से लेकर हाई स्कूल तक में पढ़ाई करते हैं। लेकिन कोई भी बच्चा स्कूल नहीं जा रहा है।

11 दिनों से एक भी बच्चा नहीं पहुंचा स्कूल: पाल्हे कला के गम्हेथा मिडिल स्कूल में 204 बच्चे नामांकित हैं। शुक्रवार को पढ़ाई के लिए 10 बच्चे पहुंचे थे। लेकिन पिछले 10 दिनों से कोई भी बच्चा पढ़ाई के लिए नहीं पहुंच रहा था। गम्हेथा के ही नवकाटोला स्कूल में 11 दिनों से कोई भी बच्चा पढ़ाई के लिए नहीं पहुंचा है। पाल्हे कला से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर सधपुर मिडिल स्कूल में 227 बच्चे नामांकित हैं। लेकिन कोई बच्चा पढ़ाई के लिए नहीं जा रहा है। पाल्हे कला मिडिल स्कूल में 345 बच्चे नामांकित हैं। लेकिन 50 प्रतिशत से भी कम बच्चे पढ़ाई के लिए पहुंच रहे हैं। इस स्कूल में रहमतनगर, भुईयां टोला और महुलिया के बच्चे पढ़ाई करते हैं। लेकिन इन गांवों के बच्चे नहीं पहुंच रहे हैं। पाल्हे कला एवं आसपास के इलाके के बच्चे दसवीं तक की पढ़ाई के लिए नौडीहा हाई स्कूल में जाते हैं। नौडीहा हाई स्कूल में 520 बच्चे नामांकित हैं। जिनमें 140 के करीब बच्चे हिंसा से प्रभावित गांवों के हैं जो पढ़ाई के लिए नहीं जा रहे हैं।

मुहर्रम के बाद से बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं। वे प्रतिदिन स्कूल आते हैं और अपनी हाजिरी बनाते हैं। बच्चों का इंतजार भी करते हैं और समय खत्म होने के बाद वापस लौट जाते हैं। अब्दुल्ला अंसारी, प्रिंसिपल, सधपुर मिडिल स्कूल

बच्चों को स्कूल लाने के लिए शिक्षक जा रहे हैं घर-घर: बच्चों की संख्य जीरो होने के बाद शिक्षक लगातार प्रयास कर रहे हैं और ग्रामीणों के बीच जा रहे हैं। प्रतिदिन शिक्षक स्कूल जाते हैं और ग्रामीणों से भी बातचीत करते हैं। स्कूल के शिक्षक घर-घर जाकर बच्चों को भेजने का आग्रह कर रहे हैं। जिस पर बच्चों के परिजन शिक्षक से सुरक्षा की पूरी गारंटी मांग रहे हैं। शिक्षकों के काफी समझाने के बाद परिजन बच्चों को स्कूल भेजने के लिए राजी हुए। लेकिन बाद में बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कूल में नहीं भेजा जा रहा है।

हालात सामान्य हैं। बच्चों के परिजनों से बातचीत की जा रही है। प्रतिदिन परिजनों से बच्चों को स्कूल भेजने का आग्रह किया जा रहा है। घर-घर शिक्षक जा रहे हैं और परिजनों को भरोसा दिला रहे हैं कि सुरक्षित वातावरण में बच्चों की पढ़ाई होगी। स्कूल नहीं आने से बच्चों की पढ़ाई को भी नुकसान हो रहा है- पंकज कुमार, प्रिंसिपल, पाल्हे कला, मिडिल स्कूल

हालात सामान्य लेकिन माता पिता में समाया है डर – ग्रामीण: पाल्हे कला के इलाके में मौजूद सभी गांवो के हालात सामान्य हैं। सभी गांव में शांति है और कई इलाकों में पुलिस बल की भी तैनाती है। गम्हेथा के पूर्व मुखिया सबीहा नाज ने बताया कि स्कूल के शिक्षक गांव में जा रहे हैं और परिजनों से बातचीत भी कर रहे हैं। इलाके में हालात फिलहाल सामान्य हैं। लेकिन बच्चों के माता-पिता डर रहे हैं। कई स्कूल किनारे पर मौजूद है, जिस कारण लोगों में डर है। वहीं, पाल्हे कला के नफीस ने बताया कि स्कूल के शिक्षक घरों में आए थे और बच्चों से बातचीत भी की। हालात सामान्य है लेकिन एक डर बना हुआ है।

मुहर्रम की घटना के बाद बच्चों और परिजनों में डर है। बच्चे स्कूल आना भी चाहे तो परिजन नहीं भेज रहे हैं। कई के अभिभावक गांव में नहीं हैं। बच्चों के नहीं आने के बाद नए तौर पर स्कूल के कार्यों का निबटारा कर रहे हैं। बच्चों के बिना स्कूल में मन ही नहीं लग रहा है।

-सुनील कुमार गुप्ता, शिक्षक, गम्हेथा मिडिल स्कूल

इलाके में शिक्षा विभाग चलाएगा अभियान: इस दौरान डीएसई ने बताया कि बच्चों को स्कूल में वापस लाने के लिए प्रखंड में मौजूद सभी शिक्षक कर्मियों को लगाया जाएगा। बीईओ, बीआरपी सीआरपी को मौके पर भेजा जाएगा और ग्रामीणों के साथ बातचीत भी की जाएगी।

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Ashutosh Ranjan

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