आलतू फालतू चीजों से अपने को बचाते हुए केवल करियर बिल्डिंग पर ध्यान केंद्रित करें : सचिन

आलतू फालतू चीजों से अपने को बचाते हुए केवल करियर बिल्डिंग पर ध्यान केंद्रित करें : सचिन

कांडी के अधौरा निवासी सचिन जेपीएससी में फाईनेंस सर्विस के लिए चयनित


दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा


यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन क्रैक करके अपना व अपने परिवार का नाम रोशन करने का सपना देखने वाले एक और युवक ने झारखंड पब्लिक सर्विस कमिशन की प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता पाई है। कांडी प्रखंड क्षेत्र के अधौरा गांव निवासी सचिन कुमार ने 264 वां रैंक लाकर इस प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त की है। उन्हें झारखंड फाइनेंस सर्विस मिला है। यद्यपि कि सचिन का लक्ष्य यूपीएससी है। सचिन ने बताया कि उसकी स्कूलिंग डीएवी पब्लिक स्कूल खलारी से हुई है। यहां से उसने 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। यहीं के कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स के साथ ग्रेजुएशन किया था। जबकि इकोनॉमिक्स से ही उसने एमए भी किया है। यूजीसी नेट में भी सचिन सफल रहा है। दो-तीन दिन पहले ही इसका भी परिणाम आया है। फिलहाल वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक प्रसिद्ध प्रोफेसर के मार्गदर्शन में पीएचडी की तैयारी कर रहा है। वैसे वर्तमान में सचिन रिवेन्यू टैक्स इंस्पेक्टर के रूप में पलामू जिला के हरिहरगंज नगर पंचायत में पदस्थापित है। सचिन के परिवार में शैक्षणिक सफलता का पुराना इतिहास रहा है। सचिन के पिता ने राजकीय पॉलिटेक्निक रांची से इलेक्ट्रिसिटी से डिप्लोमा किया था। कुछ वर्ष पहले ही सचिन के पिता मानदेव राम अवर प्रमंडल पदाधिकारी के पद से कोल इंडिया से सेवानिवृत हुए हैं। जबकि सचिन का बड़ा भाई मृत्युंजय कुमार ने यूपीएससी इंजीनियरिंग सर्विस में 215 बैच के सफल प्रतियोगी रहे हैं। फिलहाल मृत्युंजय डिप्टी चीफ मटेरियल मैनेजर इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई में भारतीय रेल के तहत पदस्थापित हैं। सचिन के पिता मानदेव राम ने कहा कि उनके बच्चे शुरू से ही मेहनती एवं बड़े लक्ष्य का पीछा करने वाले रहे हैं। कहा कि ईमानदारी से मेहनत करते हुए लक्ष्य का पीछा करने वाला कभी असफल नहीं होता। जबकि सचिन ने आनेवाले प्रतियोगियों से कहा कि सबसे पहले अपने लक्ष्य पर फोकस कीजिए। पूर्ण मनोयोग से मेहनत के साथ सेल्फ स्टडी के द्वारा उसे प्राप्त करने का अथक प्रयास कीजिए। कोई कारण नहीं है कि आप सफल नहीं हों। पर शर्त यह है कि वर्तमान में प्रचलित आलतू फालतू चीजों से अपने को बचाते हुए केवल कैरियर बिल्डिंग पर ध्यान केंद्रित करना होगा। दैनिक भास्कर के पूछने पर कि इस सफलता की सूचना मिलने पर आपने कैसा महसूस किया तो परिजनों ने बताया कि उन्हें सफलता की जानकारी मिलने पर काफी खुशी हुई। यद्यपि कि यह फाइनल डेस्टिनेशन नहीं है। उसका लक्ष्य एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में जाकर देश की सेवा करना है।

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Ashutosh Ranjan

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