रेगिस्तान में खजूर उगाने का माद्दा रखता है ग्रासिम इंडस्ट्रीज रेहला

रेगिस्तान में खजूर उगाने का माद्दा रखता है ग्रासिम इंडस्ट्रीज रेहला

उपलब्धियों का गवाह बना 2024-25 केमिकल उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण में मिला प्रथम पुरस्कार

पलामू में शिक्षा और स्वास्थ्य को सबल बनाना ग्रासिम का लक्ष्य: हितेंद्र अवस्थी


आशुतोष रंजन
गढ़वा

पलामू प्रमंडल खासकर गढ़वा और पलामू जिले में ग्रासिम इंडिया लिमिटेड रेहला की पहचान वैसी है जैसे रेगिस्तान में खजूर की होती है। रोजगार देने के साथ-साथ जनसरोकार की समस्याओं को दूर करने में सतत् प्रयासरत इस कंपनी ने 2024-25 में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यूनिट हेड हितेंद्र अवस्थी के सफल नेतृत्व में कंपनी ने दुर्घटना रहित केमिकल उत्पादन में इतिहास रच दिया। इसके लिए ग्रासिम रेहला को अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसी तरह पर्यावरण के क्षेत्र में प्रभावकारी कार्य के लिए भी कंपनी को प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया है। अखिल भारतीय और जोन स्तर पर आयोजित ग्रेडिंग और उपलब्धियों के लिए कंपनी ने इस वर्ष पांच पुरस्कारों को अपने नाम करने में सफलता अर्जित की है। आदित्य बिरला ग्रुप द्वारा संचालित ग्रासिम इंडिया लिमिटेड की रेहला इकाई ने यूनिट हेड हितेंद्र अवस्थी के नेतृत्व में एक वर्ष के अंदर इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाली अपने ग्रुप में पहली कंपनी बन गई है।

शिक्षा और स्वास्थ्य को सबल बनाना है ग्रासिम का लक्ष्य : – यूनिट हेड हितेंद्र अवस्थी ने वृहस्पतिवार को कंपनी के बेलचंपा स्थित परिसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस कंपनी को सरकार के स्तर पर अखिल भारतीय प्रथम पुरस्कार मिलना गर्व की बात है। कंपनी के पास भविष्य की बड़ी योजनाएं हैं जिसपर तेजी से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने प्लांट में उत्पादन बढ़ाने के लिए केमिकल की एक और यूनिट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए पानी की पर्याप्त व्यवस्था चाहिए, जो वर्तमान में उपलब्ध नहीं है। इसके लिए रिजर्व वाटर के तहत पास की नदी में चेकडैम बनाने की पहल की गई है। इससे उत्पादन के साथ साथ पीने का पानी भी उपलब्ध होगा। इसके साथ साथ सड़क की व्यवस्था के लिए भी प्रयास किया गया था जो अब साकार रूप ले रहा है। रेहला से गढ़वा और रेहला से मेदिनीनगर को जोड़ने के लिए चौड़ी सड़क बन रही है। कंपनी ने 2070 तक पूर्ण पर्यावरण संतुलन के लक्ष्य को पूर्ण करने की ओर सफलता पूर्वक प्रयास किया है। कंपनी अपने क्षेत्राधीन 36 प्रतिशत क्षेत्रों को हरा भरा बनाने में सफलता अर्जित की है। सीएसआर के तहत कंपनी कई उल्लेखीय कार्य को मूर्त रूप देते हुए आम लोगों को बड़ी राहत दे रही है। बच्चों की शिक्षा पर फोकस करते हुए उन्हें स्कूल से जोड़ने एवं गरीब बच्चों की शिक्षा में सहयोग करने का काम किया जा रहा है। मेधावी गरीब बच्चों की 11 एवं 12 की शिक्षा मुफ्त में दी जा रही है। महिला सशक्तिकरण के कई प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं। हजारों महिलाओं को विभिन्न विधाओं का प्रशिक्षण दिया गया है। झारखंड को यक्ष्मा मुक्त बनाने की दिशा में सीएसआर बड़ा काम कर रहा है। पर्यावरण संरक्षण में प्लेटिनम अवॉर्ड प्राप्त होने पर ग्रासिम रेहला का उत्साह और बढ़ा है। कचरा प्रबंधन में अव्वल रहे इस कंपनी को मार्गदर्शक के रूप में देखा जा रहा है। सरकार की पर्यावरण विभाग इसकी समीक्षा करने वाली है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष कार्य चल रहा है। लोगों को अत्याधुनिक मशीनों से स्वास्थ्य जांच और सफल इलाज के लिए बड़े हॉस्पिटल खोलने की योजना बनाई गई है। वहीं तकनीकी शिक्षा पर भी फोकस किया जा रहा है। एक ऐसी समेकित पाठ्यक्रम बनाने की पहल की गई है जिससे त्वरित रोजगार प्रदान की जाए। इससे कंपनियों का उत्पादन बढ़ने के साथ लाखों लोगों को उच्च स्तरीय रोजगार भी प्राप्त होगा।

इनकी भी रही मौजूदगी : – इस मौके पर कंपनी के सीएसआर हेड सह लोक संपर्क पदाधिकारी विकास कुमार सिंह,यूनिट पदाधिकारी अनिल गिरी और नितेश पांडेय मुख्य रूप से मौजूद रहे।

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