अनुसंधान में ज़रूर जुटी होगी पुलिस


आशुतोष रंजन
गढ़वा

इस जानकारी से तो आप बखूबी वाक़िफ हैं की राजनीतिक पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के पदधारी नेताओं द्वारा झारखंड के गढ़वा सदर अस्पताल में पदस्थापित सिविल सर्जन अनिल कुमार और उपाधीक्षक अवधेश कुमार सिंह के साथ दुर्व्यवहार एवं मारपीट की गई,जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज़ कराते हुए कार्रवाई की मांग को ले कर डॉक्टरों द्वारा हड़ताल शुरू की गई,इस बीच जिले के मरीजों की परेशानी को देखते हुए डीसी शेखर जमुआर,एसपी अंजनी कुमार झा,डीडीसी राजेश कुमार राय,एसडीओ राज महेश्वरम,अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अवध कुमार यादव और शहर थाना प्रभारी चंदन कुमार द्वारा हड़ताली डॉक्टरों से इन गुज़रे दिनों में कई दौर की बात की गई लेकिन बात नहीं बन रही थी,क्योंकि अधिकारी डॉक्टरों से हड़ताल ख़त्म करने की बात ज़रूर कह रहे थे पर कार्रवाई और गिरफ्तारी के मसले पर चुप्पी साध जा रहे थे,पर कल एक बार फिर से हुई वार्ता कारगर सिद्ध हुई और आज IMA और झासा द्वारा ज़ारी हड़ताल को वापस ले लिया गया,यानी की डॉक्टरों द्वारा हड़ताल को ख़त्म कर दिया गया,हड़ताल ख़त्म किए जाने के पीछे क्या शर्त है,आइए आपको बताते हैं।

कही गई 12 तक कार्रवाई करने की बात: – घटना घटित होने,जानकारी होने,और हड़ताल शुरू होने के बाद गुजरे इतने दिनों तक कार्रवाई विषयक तो चुप्पी ही साधा गया,लेकिन कल वरीय अधिकारी द्वारा कार्रवाई और गिरफ्तारी के बावत स्पष्ट रूप से कहे जाने और आश्वासन दिए जाने के बाद ही डॉक्टरों ने हड़ताल को वापस लिया है,अब ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है की क्या सच में होगी कार्रवाई या केवल डॉक्टरों को बहलाने के लिए ऐसी बात बोली गई..?

नहीं तो 13 मार्च से फिर हड़ताल : – जानकारी देते हुए डॉक्टर सह IMA के सचिव कुमार निशांत सिंह ने कहा की वरीय प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कार्रवाई विषयक दिए गए आश्वासन के आधार पर पिछले पांच रोज़ से ज़ारी हड़ताल को आज वापस ले लिया गया,साथ ही कहा की गढ़वा की जनता के स्वास्थ्य संबंधी असुविधाओं एवं व्यापक हित को भी नज़र किया गया,डीडीसी गढ़वा के इस आश्वासन पर कि दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई हेतु प्रशासन को 7 दिन का समय दिया जाए,यदि 12 मार्च तक दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई नहीं होती है तो हम सभी 13 मार्च से कार्य बहिष्कार के लिए बाध्य होंगे।