मैं ख़ुद को महोत्सव से अलग करता हूं: भानु


आशुतोष रंजन
गढ़वा

राजनीति में सत्तापक्ष और विपक्ष के राजनेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चलते रहता है,इसी बीच कभी कभी नेता ऐसी बात बोल जाते हैं जो राजनीतिक गलियारे के साथ साथ आम लोगों के बीच में भी चर्चा का विषय बन जाता है,अब कल विधायक भानु द्वारा दिए गए उस बयान की बात करें तो विधायक द्वारा सूबे के मंत्री मिथिलेश ठाकुर को चुनौती दी गई,वो चुनौती क्या है आइए आपको इस ख़ास ख़बर के ज़रिए बताते हैं।

मंत्री को विधायक की चुनौती: – लंबे अंतराल के बाद श्री बंशीधर महोत्सव का होना तय हुआ है,आगामी तीन और चार मई को तारीख़ मुकर्रर हुई है,भगवान कृष्ण की विश्व की अद्वितीय और इकलौती बत्तीस मन ठोस सोने वाली प्रतिमा युक्त मंदिर को विश्व पर्यटन के फलक पर स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित होने जा रहे महोत्सव को ले कर जहां एक ओर आम लोग आह्लादित हैं तो वहीं दूसरी ओर राजनेताओं के बीच वाकयुद्ध भी शुरू हो गया है,किसी भी विषय को ले कर बेबाक बोलने वाले विधायक भानु प्रताप शाही द्वारा मंत्री मिथिलेश ठाकुर को इंगित करते हुए लगातार ज़ुबानी हमला किया जा रहा है,कल बंशीधर अनुमंडल मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में उनके द्वारा सीधे रूप में कहा गया की मंत्री को संविधान की जानकारी नहीं है,चुनौती देते हुए कहा की उन्हें अगर जानकारी चाहिए तो वो हमसे मिलें,साथ ही कहा की महोत्सव के नाम पर मंत्री तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं,उन्होंने पत्रकारों से ही सवाल करते हुए कहा की आप राजनीतिक कार्यक्रमों के साथ साथ आधिकारिक बैठकों में भी मौजूद रहते हैं,आप ही बताइए की महोत्सव के निमित जिस रोज़ मंत्री यहां आ कर बैठक किए क्या उस रोज़ मैं मौजूद था,क्या मुझे जानकारी दी गई थी,बैठक का प्रोसिडिंग आप देख सकते हैं,कहा की आप बताइए की भवनाथपुर का विधायक और पलामू के सांसद मंत्री हैं.?,भला ऐसा कहीं होता है की जिस क्षेत्र में इतना बड़ा सरकारी आयोजन हो रहा हो और उस क्षेत्र का जनप्रतिनिधि जानकारी से महरूम हो,इसीलिए मैंने कहा की मंत्री भगवान के नाम पर भी राजनीति कर रहे हैं।

भगवान कृष्ण उन्हें सद्बुद्धि दें: – मंत्री के लिए भगवान बंशीधर से सद्बुद्धि मांगते हुए विधायक ने कहा की जब अधिकारियों के साथ बैठक की गई तो उक्त बैठक में उनके द्वारा कहा गया की सांसद और विधायक कौन होते हैं पूजा करने वाले,पूजा सरकार करेगी,लेकिन मैं पूछना चाहता हूं की सरकार कौन है,सरकार इस राज्य की करोड़ों जनता है,साथ ही कहा की केवल सत्तापक्ष से सरकार नहीं बनती,विपक्ष भी उसमें समाहित होता है,कहने का मतलब की जिस तरह केंद्र में किसी की भी सरकार हो सांसद उस सरकार का अंग होता है,ठीक उसी तरह राज्य में किसी की भी सरकार सत्तासीन हो,विधायक उक्त सरकार का एक पार्ट होता है,ऐसे में यह कहना की सांसद और विधायक पूजा नहीं कर सकते यह पूरी तरह से हास्यास्पद है।

पद और पावर का दुरुपयोग कर रहे मंत्री: – विधायक भानु ने कहा की मंत्री अपने पद और पावर का दुरुपयोग कर रहे हैं,जो भगवान कृष्ण ने इस धरा को राजनीति का ज्ञान दिए,आज देखिए मंत्री उनसे भी राजनीति कर रहे हैं।

सबके साथ छल किया मंत्री ने: – पत्रकारों से मुखातिब होते हुए भानु ने कहा की मंत्री ने पत्रकारों के साथ,चैंबर एवं व्यवसायियों के साथ साथ भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र और जिला के समस्त जनता के साथ छल करते हुए महोत्सव को टालने का काम किया।

इसलिए मैं ख़ुद को महोत्सव से अलग करता हूं: – आप विधायक भानु का अपमान कीजिएगा मैं बर्दाश्त कर लूंगा,सांसद विष्णु दयाल राम का अपमान कीजिएगा मैं सहन कर लूंगा,आप भाजपा को अपमानित कीजिएगा मैं कुछ देर के लिए सहन कर लूंगा,लेकिन आप भगवान बंशीधर का अपमान कीजिएगा इसे मैं कतई बर्दाश्त नहीं करूंगा,तभी तो मैं पिछले बार भी कहा था और आज भी अपने उसी बात और संकल्प पर अडिग होने के साथ साथ भगवान बंशीधर से क्षमा मांगते हुए ख़ुद को महोत्सव से अलग कर रहा हूं।