सर्वे के बाद मैकेनिज्म की हो रही है समीक्षा
पलामू टाईगर रिजर्व के कोर एरिया से नहीं गुजरेगी रेलवे लाइन
दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
पलामू टाइगर रिजर्व से गुजरने वाली रेलवे लाइन को डायवर्ट करने की मैकैनिज्म की समीक्षा की जा रही है। सोननगर से पतरातू तक रेलवे की थर्ड लाइन का निर्माण कार्य चल रहा है। रेलवे के इस फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण कार्य कई जगहों पर अंतिम चरण में है। जबकि कई जगहों पर इसका निर्माण पूरा हो चुका है।
पीटीआर ने 3 रेल लाइन के गुजरने पर की है आपत्ति:- रेलवे की थर्ड लाइन पलामू टाइगर रिजर्व से गुजरने वाली है। जबकि पहले से ही दो लाइन पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से गुजरती है। रेलवे विकास निगम ने थर्ड लाइन के निर्माण के लिए वन विभाग से अनुमति मांगी थी। लेकिन पलामू टाइगर रिजर्व ने रेलवे की थर्ड लाइन को पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से गुजरने पर आपत्ति जताई थी। जिसके बाद वाइल्ड लाइफ बोर्ड और रेलवे विकास निगम ने मिलकर पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से गुजरने वाली रेलवे लाइन को डायवर्ट करने की योजना तैयार की।
आरडीसी व पीटीआर ने लाईन डाईवर्ट करने की बनाई है योजना:- रेलवे विकास निगम और पलामू टाइगर रिजर्व ने मिलकर कोर एरिया से गुजरने वाली रेलवे लाइन को डायवर्ट करने को लेकर सर्वे भी किया है। पलामू टाइगर रिजर्व ने छिपादोहर रेलवे स्टेशन से लाइन डायवर्ट करने को कहा है। डायवर्सन के बाद रेलवे लाइन पलामू टाइगर रिजर्व के बफर एरिया से गुजरेगी और एक जगह चिकन नेक प्वाइंट बनेगा। डायवर्सन के बाद 11 किमी की दूरी 14 किमी हो जाएगी। डायवर्सन के बाद रेलवे लाइन छिपादोहर रेलवे स्टेशन से हेहेगड़ा रेलवे स्टेशन तक जाएगी।
“चिकन नेक प्वाइंट के मामले में पूछा गया है कि डायवर्सन के दौरान किस मैकेनिज्म का इस्तेमाल किया जाना है। चिकन नेक प्वाइंट पलामू टाइगर रिजर्व और वन्य जीवों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। सर्वे के बाद रिपोर्ट तैयार है। मैकेनिज्म के बारे में जानकारी ली जा रही है। रेलवे लाइन को डायवर्ट करने की योजना है।” – प्रजेशकांत जेना, उप निदेशक, पीटीआर