सांसद ने श्री बंशीधर मंदिर व चैनपुर बभंडी के राधाकृष्ण मंदिर को कृष्ण सर्किट से जोड़ने की मांग की

सांसद ने श्री बंशीधर मंदिर व चैनपुर बभंडी के राधाकृष्ण मंदिर को कृष्ण सर्किट से जोड़ने की मांग की

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मिलकर अन्य स्थलों को भी बतौर पर्यटन स्थल विकसित करने पर बल दिया



दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा


नई दिल्ली स्थित शास्त्री भवन मंत्रालय में केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय के मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से मुलाकात की। इस अवसर पर पलामू संसदीय क्षेत्र अंतर्गत गढ़वा जिला के श्री बंशीधर नगर मंदिर एवं पलामू जिला के चैनपुर स्थित बभंडी राधा कृष्ण मंदिर की महत्ता को देखते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु प्रसाद योजना के तहत श्री कृष्ण सर्किट से जोड़ने का अनुरोध किया। साथ ही साथ पलामू प्रमंडल के बेतला (पलामू व्याघ्र क्षेत्र) के अंतर्गत पड़ने वाले पलामू किला, कमलदह झील, केचकी, ईको स्ट्रीट एवं मलय डैम का पर्यटन विकास एवं पलामू किला को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग किया।

कहा कि गढ़वा जिला झारखण्ड राज्य के उत्तर पश्चिम में स्थित है और बिहार का रोहतास, उत्तर प्रदेश का सोनभद्र एवं छतीसगढ़ का सरगुजा जिलों की सीमाएं इससे लगती हैं। इसलिए इसे कभी गेटवे ऑफ छोटानागपुर कहा जाता था। झारखण्ड की राजधानी रांची से गढ़वा जिले की दूरी 205 किलोमीटर है। गढ़वा से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर नगर उंटारी अनुमंडल स्थित है। जहाँ पर शताब्दियों प्राचीन श्री बंशीधर मंदिर स्थित है। इस मंदिर में राधा एवं कृष्ण की साढ़े चार फीट उँची और बतीस मन की स्वर्ण निर्मित एक अत्यंत मोहक प्रतिमा विराजमान है। यह अद्भुत प्रतिमा भुमि में गड़े शेषनाग के फन पर निर्मित चौबीस पंखुड़ियों वाले विशाल कमल पर विराजमान है। श्री वंशीधर मंदिर देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है। नगर उंटारी गढ़ के मुख्य द्वार के पास स्थित मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की चार फीट उंची और 32 मन वजनी (1280 किलो) प्रतिमा भक्तों का मन मोह लेती है। पहली बार मेरी पहल पर यहाँ वर्ष 2017 से श्री वंशीधर महोत्सव मनाया जा रहा हे। उक्त महोत्सव को झारखण्ड सरकार द्वारा राजकीय महोत्सव घोषित किया गया है। इसके साथ-साथ नगर उंटारी स्थित श्री वंशीधर मंदिर के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए झारखण्ड सरकार एवं गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मेरे अनुरोध पर उक्त स्थान का नाम जो पहले नगर उंटारी था, उसे बदल कर श्री वंशीधर नगर किया जा चुका है। अभी हाल में नगर उटांरी स्टेशन पर रेल मंत्री ने मेरे अनुरोध पर रांची नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस के ठहराव की स्वीकृति दी है।

वहीं चैनपुर बभंडी राधा कृष्ण मंदिर सरोवर के मध्य स्थित यह मंदिर क्षेत्र के श्रद्धालुओं के लिए गहरी धार्मिक एवं सांस्कृतिक आस्था का केंद्र है। विदित हो कि इस ऐतिहासिक मंदिर की स्थापना वर्ष 1930 में हुयी थी। पलामू के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ0 रघुवंश नारायण सिंह जी एवं स्थानीय जिला प्रशासन के प्रयासों से इस मंदिर का जीर्णोद्धार का कार्य किया गया है। इसके ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक महत्व को संरक्षित रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जिस प्रकार से श्री बंशीधर नगर महोत्सव को राजकीय महोत्सव घोषित किया गया है, उसी प्रकार श्रद्धालुओं एवं इस क्षेत्र की स्थानीय जनता के द्वारा बभंडी में राधा कृष्ण महोत्सव का आयोजन कराने की मांग लगातार की जा रही है। इससे इस मंदिर को एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है और इसे श्री बंशीधर नगर मंदिर से जोड़कर एक व्यापक राधा कृष्ण धार्मिक पर्यटन सर्किट का हिस्सा बनाएं जाने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। जिससे आर्थिक और सांस्कृतिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

जबकि पलामू व्याघ्र क्षेत्र अंतर्गत ऐतिहासिक पलामू किला अवस्थित है। चेरो वंश (आदिवासी) के राजा प्रताप राय ने सन् 1628 में पुराना किला का निर्माण कराया था। तत्पश्चात् 1658 में राजा मेदिनी राय के द्वारा नए किले का अधूरा निर्माण कराया गया था। चेरो वंश के राजाओं ने मुगल साम्राज्य और ब्रिटिश शासन के हस्तक्षेप से पलामू को बचा कर रखा था। राजा मेदिनीराय सामाजिक एकता के प्रतीक थे, उनके लोकोक्ति ‘‘धन्य धन्य राजा मेदिनियॉ, घर घर बाजे मथनियां’’ अर्थात उनके शासन काल में सर्वत्र खुशहाली थी। झारखंड राज्य पहाड़ों, जंगलों, नदियों और खूबसूरत झीलों से अच्छादित प्रदेश है। यहॉ का एक महत्वपूर्ण भूभाग के अंतर्गत पलामू प्रमंडल के तीनों जिले क्रमशः पलामू, गढ़वा एवं लातेहार हैं। जहां की धरती खनिज संपदाओं से परिपूर्ण है। वहीं प्राकृतिक संपदाओं से भी परिपूर्ण है। पलामू प्रमण्डल के लातेहार जिला अंतर्गत बेतला व्याघ्र परियोजना देश के प्रथम व्याघ्र परियोजनाओं में से एक है। राजा मेदिनीराय की धरोहर पलामू किला तथा पलामू व्याघ्र क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए पुराने एवं नए पलामू किले को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करते हुए पुरातत्व विभाग, भारत सरकार के द्वारा किला का रख-रखाव, जीर्णोद्धार एवं सौदर्यीकरण तथा पुरातत्व विभाग, भारत सरकार की सूची में शामिल कराने हेतु आवश्यक कदम उठाये जायें। साथ ही साथ मलय डैम, कमलदह झील, केचकी इको रिट्रीट को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाय।

उपरोक्त मामले में मंत्री ने सकारात्मक आश्वासन देते हुए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देशित किया। साथ ही उक्त संबंध में झारखण्ड सरकार से प्रस्ताव भेजने को कहा। ताकि उक्त मामलों पर अग्रेतर कार्रवाई की जा सके।

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Ashutosh Ranjan

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