भवन हो चुका था नीलाम,फिर भी चल रहा था अस्पताल का काम
आशुतोष रंजन
गढ़वा
हमने ख़बर का शीर्षक दिया है की अब यहां नहीं सुनाई देगी बच्चों की किलकारी,क्योंकि अस्पताल करा दिया गया खाली,यह कोई तुकबंदी नहीं है बल्कि मैं वही लिख रहा हूं जो आज नज़रों के सामने नुमाया हुआ है,आख़िर ऐसा क्या हुआ है,आइए आपको इस ख़ास ख़बर के जरिए बताते हैं।
क्योंकि अस्पताल करा दिया गया खाली: – गढ़वा जिला मुख्यालय के टाउन हॉल मैदान से सटे किलकारी अस्पताल को पंजाब नेशनल बैंक मेदिनीनगर द्वारा आज खाली कराया गया,इस बावत जानकारी देते हुए उक्त बैंक के चीफ मैनेजर आनंद कुमार ने बताया कि 1994 में भूमि के मालिक चंदेल इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर विकास कुमार सिंह पिता राणा प्रताप सिंह द्वारा हमारे बैंक से 10 लाख रुपया लोन लिया गया था,लोन लेने के बाद समय पर पैसा नहीं चुकाने के एवज में बैंक द्वारा कई बार नोटिस भी किया गया,नोटिस का जवाब नहीं मिलने के बाद बैंक द्वारा 2016 में कार्रवाई करते हुए उक्त भूमि की नीलामी की गई,नीलामी में गढ़वा थाना क्षेत्र के झुरा गांव निवासी अरविंद कुमार तिवारी द्वारा उक्त भूमि को लिया गया,भूमि को लेने के कुछ दिन बाद इसमें कब्जा करते हुए चिकित्सक पुष्पा सहगल द्वारा किलकारी अस्पताल चलाया जा रहा था,अरविंद कुमार तिवारी द्वारा जब उक्त भूमि को लेने की बात कही गई तो पंजाब नेशनल बैंक के पदाधिकारियों द्वारा उपायुक्त गढ़वा को इसकी जानकारी दी गई,जानकारी के बाद मामले पर कार्रवाई करते हुए आज यानी 18 जुलाई को गढ़वा अंचल के पदाधिकारी पुलिस के बल व बैंक के पदाधिकारियों द्वारा उक्त भूमि को खाली कराकर अरविंद कुमार तिवारी को सौंपा दिया।


घर को ध्वस्त भी कर दिया गया: – उधर बाद की जानकारी से आपको अवगत कराएं की उक्त घर को जिसमें किलकारी अस्पताल संचालित हो रहा था उसे भूमि मालिक अरविंद तिवारी द्वारा जेसीबी से पूरी तरह ध्वस्त करा दिया गया।
मुझे नहीं दी गई कोई जानकारी: – इस संबंध डॉक्टर पुष्पा सहगल ने कहा की मुझे कोई जानकारी नहीं दी गई है,जिस तरह एक अपराधी के घर से सामान निकाल कर फेंका जाता है ठीक उसी तरह का व्यवहार हमारे साथ किया गया,घर खाली करने के लिए मुझे पूर्व में कोई सूचना नहीं दी गई।

