काश शहर का यह सड़क गढ़वा विधानसभा क्षेत्र में होता..?

काश शहर का यह सड़क गढ़वा विधानसभा क्षेत्र में होता..?

मंत्री द्वारा किए गए विकास पर बदनुमा दाग़ है यह सड़क

आशुतोष रंजन 

गढ़वा 

जहां तक मुझे मालूम है सड़क को विकास का पहला पायदान कहा जाता है,जिससे गुजरते हुए अन्य विकास योजनाएं निर्धारित स्थल तक पहुंचती हैं,लेकिन जब पहला पायदान ही कमज़ोर हो तब ऐसे हालात में अन्य विकास की बात करना बेमानी नहीं बल्कि पूरी तरह बेईमानी है,हम बात कहीं और की नहीं बल्कि उस गढ़वा की कर रहे हैं जिसे वर्तमान गुजरते वक्त में विकसित क्षेत्र के रूप में बताया जा रहा है,लेकिन एक छोटी से सड़क की बदहाली विकास पर उस बदनुमा दाग़ की तरह है जैसे नेताओं की सफेदी पर पड़ा कीचड़ का छींटा,आख़िर वो कौन सा सड़क है जो विकास योजनाओं को धत्ता बता रहा है आइए आपको इस ख़ास ख़बर के ज़रिए बताते हैं।

काश शहर का यह सड़क गढ़वा विधानसभा क्षेत्र में होता : – गढ़वा विधानसभा क्षेत्र जिसे गुज़रे इन पांच सालों में विकास के मामले में अग्रणी क्षेत्र कहा जा रहा है,ख़ुद जनप्रतिनिधि के साथ साथ उनके नुमाइंदे तक यह कहते नहीं थक रहे हैं की यह क्षेत्र पूरी तरह अविकसित था जिसे एक संकल्प के साथ विधायक सह मंत्री द्वारा अनवरत विकसित किया जा रहा है,क्या गांव और क्या शहर सभी जगह विकास योजनाएं कार्यान्वित हो रही हैं,कोई ऐसा काम नहीं है जिसे अधूरा छोड़ा जा रहा है,कहा तो यहां तक जाता है की शुरुआत से अब तलक इतने सड़कों का निर्माण कराया जा चुका की अब तो बिजली की तेज़ रौशनी में वैसे अधूरे सड़कों को ढूंढा जा रहा है जिसका निर्माण कराया जा सके,लेकिन अफ़सोस मंत्री द्वारा किए गए इतने विकासीय कार्य पर बदनुमा दाग़ लगाने के लिए किसी सुदूर गांव का नहीं बल्कि शहर का यह सड़क ही काफ़ी है,क्योंकि गांव से ले कर शहर तक की अन्य सड़कें निर्माण के वास्ते भले नज़र आ गई हों पर यह सड़क आज भी आंखों से ओझल ही है,हम बात जिला मुख्यालय के सहिजना मोहल्ला स्थित हनुमान नगर गेट के सामने वाले सड़क की कर रहे हैं,जो पूरी तरह ख़राब और बदहाल है और इससे आने जाने में लोग परेशान भी होते हैं इसका अहसास भी मुझे तब हुआ जब मैं ख़ुद उससे गुजरने में मैं ख़ुद चोटिल हुआ,बाइक समेत गिर जाने के बाद मुझे उठाने वाले लोगों ने अफ़सोस जताने के साथ यह कहा गया की आपको तो हम लोगों ने कई बार कहा की इस सड़क की बदहाली के बारे में लिखिए,आने जाने में खासी परेशानी होती है लेकिन आपको तो यकीन नहीं हुआ,पर अब तो ख़ुद पर गुजरने के बाद विश्वास तो हुआ होगा की हमलोग भी इसी तरह कई बार चोटिल हुए होंगे,अब तो कलम उठाइए,अब तो कुछ लिखिए,लेकिन इतना लिखने के बाद भी मुझे यकीन नहीं है की कुछ बदलाव हो पाएगा क्योंकि जब इतने साल बाद भी इस ओर नज़र नहीं गया तो अब अंतिम समय में क्या हो पाएगा,मुझे यह कहने में भी कोई गुरेज नहीं है कि शायद शहर में होने के बाद भी मुझे लगता है की यह सड़क गढ़वा विधानसभा क्षेत्र में नहीं है,अगर होता तो शायद उन सभी सड़कों की तरह इसका भी कायाकल्प हो गया होता जिस तरह क्षेत्र के अन्य सड़कों का हुआ,ऐसे में अब आगामी विधानसभा चुनाव काफ़ी करीब है,क्या यह बदहाल सड़क मुद्दा नहीं बनेगा,अगर मुद्दा बनेगा तो इसका जवाब क्या होगा…?

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