जिले के शैक्षणिक विकास में कोचिंग संस्थानों की भूमिका अहम : एसडीएम
दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा
किसी भी समाज के विकास की पहली व आखिरी पायदान होती है बेहतर शिक्षा। इसमें कोचिंग संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कैसे आइए इस खबर के जरिए आपको भी बताते हैं। सदर एसडीएम संजय कुमार के साप्ताहिक संवाद कार्यक्रम “कॉफी विद एसडीएम” के इस सप्ताह के कार्यक्रम में आज बुधवार को अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस दौरान न केवल सहभागियों ने अपनी निजी समस्याएं रखीं। कोचिंग संस्थानों के हितों की बात रखी बल्कि क्षेत्र के विकास एवं बेहतरी को लेकर अपने सुझाव भी दिये। एसडीएम की ओर से आज के आमंत्रित सदस्यों की समस्याओं और सुझावों पर ससमय पहल करने का भरोसा दिया गया।
कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण हो: नीरज कुमार ने सुझाव दिया कि कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण होना चाहिए। बिना पंजीकरण किए हुए कोई भी कोचिंग खोल ले रहा है। फलत: गंभीरता से इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की भी छवि प्रभावित होती है। इस पर एसडीएम की ओर से कहा गया कि यह उन सबका निजी मामला है। हालांकि उन्होंने भी सुझाव दिया कि सभी लोग कम से कम नगर परिषद से अपना पंजीकरण जरूर करवा लें।
बेहतर रिजल्ट देने वाले कोचिंग संस्थानों को मिले सम्मान: कॉमर्स के वरिष्ठ शिक्षक लखन कश्यप ने कहा कि वे लोग सिर्फ पैसे के लिए ही काम नहीं करते हैं। बल्कि वे अपने छात्र-छात्राओं के बेहतर भविष्य के लिए दिन रात चिंता करते हैं। ऐसे में सभी कोचिंग संस्थानों को यह अपेक्षा होती है कि यदि उनकी रात दिन की मेहनत से उनके छात्रों का बेहतर परिणाम आता है तो संस्थानों को भी इसका श्रेय मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन की ओर से अच्छा परिणाम देने वाले कोचिंग संस्थानों को सम्मानित किया जाए तो इससे कोचिंग संस्थानों के बीच में एक सकारात्मक प्रतिस्पर्धा बनेगी और मेहनत करने वाले शिक्षक खुद को अभिप्रेरित भी महसूस करेंगे। इस पर संजय कुमार ने कहा कि वह जरूर पहल करेंगे।
कोरोना के बाद कोचिंग संस्थानों का बढ़ गया संघर्ष: अमित कश्यप, रंजन कुमार, चंदू चंद्रवंशी आदि ने दर्द बयां करते हुए कहा कि कोरोना के बाद से कोचिंग संस्थानों के सामने अस्तित्व का संकट आ पड़ा है। अब बहुत कम कोचिंग संस्थान ऐसे हैं जिनमें छात्र-छात्राओं की संख्या जरूरत के अनुसार पर्याप्त है। ज्यादातर छात्र-छात्राएं कोविड के बाद आए ऑनलाइन कोचिंग सिस्टम में खुद को ढाल चुके हैं।
कोचिंग संस्थानों का भी हो संघ: कई कोचिंग संस्थानों ने बात रखी कि जैसे अन्य व्यवसाय करने वालों का एक संगठन होता है। इसी प्रकार से कोचिंग संस्थानों का भी संगठन होना चाहिए। किंतु अब तक ऐसा संभव नहीं हो पाया था। क्योंकि आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते कोचिंग संस्थान कभी एक मंच पर नहीं बैठे। पर आज “कॉफी विद एसडीएम” कार्यक्रम को धन्यवाद जो सभी कोचिंग संस्थानों को एक साथ बैठा दिया। अब वे लोग अपना संगठन बनाने की पहल करेंगे।
प्रशासनिक पदाधिकारी भी कभी-कभी क्लास लें: कुछ कोचिंग संस्थानों के संचालकों ने सुझाव दिया कि यदि बड़े प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारी कभी-कभी कोचिंग संस्थानों में समयानुरूप क्लास लें तो इससे बच्चे प्रोत्साहित होंगे तथा उनमें भी आगे बढ़ने की प्रेरणा आएगी। इस पर एसडीएम ने कहा कि वे समय मिलने पर जरूर कुछ कोचिंग कक्षाओं में पढ़ाने पहुंचेंगे।
शहर का मास्टर प्लान बने: कोचिंग संस्थानों से जुड़े लोगों ने कहा कि वे शहर के अंदर जो समस्याएं देखते हैं व्यस्तता के चलते वे प्रशासन के समक्ष नहीं रख पाते हैं किंतु उन सभी का एक सामूहिक सुझाव है कि शहर के विकास को लेकर एक नियोजित मास्टर प्लान बनना चाहिए तभी विकास दिखेगा अन्यथा अभी विभागों के बीच समन्वय की कमी रहने के कारण कहीं कुछ तो कहीं कुछ छूट जाता है।
कोचिंग के समय छात्राओं को मिले सुरक्षित माहौल: कुछ कोचिंग संचालकों ने बताया कि सुबह 7:00 से 9:00 बजे तथा शाम को 4:00 से 6:00 बजे तक कोचिंग कक्षाओं का पीक टाइम रहता है। इस समय कोचिंग कक्षाओं में आने वाली छात्राओं के रास्ते पर मनचले लोग तंग करने या फब्तियां कसने का प्रयास करते हैं। इसलिए इन दोनों समय पर यदि संभव हो तो स्थानीय पुलिस बल के लोग शहर के कोचिंग संस्थान वाले इलाकों में गश्त सुनिश्चित करें। ताकि छात्राएं एक सुरक्षित माहौल में कोचिंग आना-जाना कर सकें। एसडीएम ने कहा कि वह उनके इस सुझाव पर गंभीरता से पहल करेंगे।


रखीं निजी समस्यायें: इस दौरान लखन कश्यप, देवबंश यादव, अनिल देव सहित कई लोगों ने अपनी निजी समस्याएं भी रखीं। जिनमें से ज्यादातर समस्याएं भूमि विवाद प्रकृति की थीं। इस पर संजय कुमार की ओर से कहा गया कि चूंकि ये मामले अर्धन्यायिक प्रकृति के हैं। इसलिए नियमानुसार वे निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही हल किये जा सकते हैं। किंतु फिर भी वे उनके मामलों को गंभीरता से हल करने का प्रयास करेंगे।
एसडीएम की पहल की सराहना की: लगभग सभी कोचिंग संचालकों ने एसडीएम की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह पहला मौका है जब उन्हें किसी प्रशासनिक पदाधिकारी ने समस्याएं और सुझावों को जानने के लिए बुलाया है। उनकी इस पहल से सभी कोचिंग संस्थानों का उत्साहवर्धन हुआ है। वे भविष्य में भी एसडीएम के साथ शहर और जिले के विकास और विधि व्यवस्था संधारण में योगदान देने के लिए सदैव उपलब्ध रहेंगे।
विचार रखे: कार्यक्रम में लखन कश्यप, आदित्य चौधरी, रवि रंजन, चंदन महतो, देववंश यादव, प्रभात कुमार, दीपा कुमारी, राज नारायण मिश्रा, प्रवीण मिश्रा, नीरज कुमार, मिथिलेश कुमार आदि ने अपने विचार रखे।
सहभागिता: आज के “कॉफी विद एसं कार्यक्रम” में कश्यप कॉमर्स कोचिंग, सेकंड स्कूल, इंजिनियर्स अकादमी, ज्ञान गंगा कोचिंग सेंटर, श्योर सक्सेस सेंटर, भारत कंप्यूटर सेंटर, इंटेंस कंप्यूटर सेंटर, शिक्षा हब, लक्ष्य कोचिंग, आइंस्टीन स्टडी सर्किल आदि लगभग एक दर्जन से अधिक कोचिंग संस्थानों की सहभागिता रही।