दानरो किनारे बसे गांवों के सक्रिय समाजसेवियों को एसडीएम ने कॉफी पर बुलाया
पनघटवा डैम से बेलचंपा तक लगभग ढाई दर्जन गांव बसे हैं दानरो तट पर
दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा
पानी के लिए बेपानी होने से बचने के लिए आज ही से पानी बचाने की जुगत लगाना जरूरी है। गढ़वा की सर्वतोमुखी बेहतरी के लिए प्रणबद्ध अधिकारी एसडीएम संजय कुमार ने इस दिशा में प्रयास प्रारंभ कर दिया है। कैसे आइए आपको भी इस खबर के जरिए बताते हैं। सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार द्वारा चलाए जा रहे साप्ताहिक संवाद कार्यक्रम “कॉफी विद एसडीएम” हर बुधवार की तरह इस बार 11 जून को सुबह 11:00 बजे आयोजित किया जाना है। इस सप्ताह एसडीएम ने दानरो नदी किनारे अवस्थित लगभग 30 गांव के लोगों से अनुरोध किया है कि प्रत्येक गांव से कम से कम एक दो पर्यावरण प्रेमी समाजसेवी इस कॉफी संवाद कार्यक्रम में जरूर भाग लें।
दानरो नदी का पूरा प्रवाह क्षेत्र सदर अनुमंडल में है: संजय कुमार ने कहा कि लगभग पूरी की पूरी दानरो नदी सदर अनुमंडल क्षेत्र के अंतर्गत प्रवाहित होती है। डंडई प्रखंड की सीमा पर स्थित पनघटवा डैम से उद्गम के उपरांत डंडई, मेराल तथा गढ़वा सदर प्रखंड के कई गांवों से होते हुए बेलचंपा में कोयल नदी के साथ संगम स्थल तक इसका प्रवाह क्षेत्र है। इसलिए इस नदी के संरक्षण का दायित्व भी सदर अनुमंडल क्षेत्र के लोगों का बनता है।
लगभग 30 गांव बसे हैं दानरो के तट पर: संजय कुमार ने बताया कि दानरो नदी पनघटवा डैम से निकलकर बुल्का (बैरिया दामर), डंडई, झकरा (बैला झकड़ा), कदैलिया, कजरमारा, देवगाना, दतवनिया, कजराठ, झोतर, खुटैलिया, तिसरटेटूका, बघौता, कोरवाडीह, नवाडीह, झलुआ, छतरपुर, कल्याणपुर, करमडीह, सहिजना, तेनार, भरटिया, गढ़ौता, मधेया, महुपी, फरटिया, खजूरी, बसहा, बेलचंपा आदि गांव क्षेत्र से प्रवाहित होती है। अतः दानरो नदी के संरक्षण के लिए इन सभी गांव के लोगों का सामूहिक प्रयास जरूरी है। कुछ इसी उद्देश्य से इस सप्ताह के “कॉफी विद एसडीएम” में इन गांवों के प्रबुद्ध लोगों को बुलाया गया है।
“दानरो महोत्सव” के लिये बनेगी रूपरेखा: संजय कुमार ने बताया कि इस बार के “कॉफ़ी विद एसडीएम” में न केवल आमंत्रित सदस्यों की निजी समस्याएं सुनी जाएंगीं बल्कि दानरो संरक्षण को लेकर वर्ष भर के लिए प्रस्तावित कार्यक्रम “दानरो महोत्सव” को लेकर सामूहिक विमर्श किया जाएगा। ताकि एक बेहतर रूपरेखा बन सके।
उन्होंने उपरोक्त वर्णित गांवों के लोगों से अपील की कि वे उक्त कार्यक्रम में जरूर सहभागिता निभाएं। उन्होंने कहा कि यह भागीदारी पूर्णतया स्वैच्छिक है। इसलिए दानरो नदी हित में जो स्वेच्छा से इस अभियान में शामिल होना चाहें वे सादर आमंत्रित हैं। आशा है पानी के अविरल प्रवाह पर आधारित समस्त प्राणी व वनस्पति जगत के संरक्षण के महान उद्देश्य को लेकर इतनी ज्यादा संख्या में लोग आएंगे कि जगह कम पड़ जाएगी।