हत्या एवं डायन भूत प्रतिषेध अधिनियम के अभियुक्त दो पुरुष व एक महिला को उम्र कैद

हत्या एवं डायन भूत प्रतिषेध अधिनियम के अभियुक्त दो पुरुष व एक महिला को उम्र कैद

साथ ही प्रत्येक को दस हजार रुपए जुर्माना भी



दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज़, गढ़वा


अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चतुर्थ (आशुतोष कुमार पाण्डेय) की अदालत में हत्या करने के आरोप में एक महिला एवं दो पुरुष सहित तीन लोगों को आजीवन सश्रम कारावास एवं प्रति व्यक्ति ₹10,000 आर्थिक जुर्माना की सजा सुनाई गयी। सजा पाने वाले में मेराल थाना के रजबंधा निवासी दिनेश पासवान, नीरज पासवान एवं रीना देवी का नाम शामिल है। विदित हो कि आशा कुमारी के लिखित आवेदन के आधार पर मेराल थाना कांड संख्या-254/2020, दिनांक-17 सितंबर 2020 दर्ज करायी गयी थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि एक ही परिवार के सदस्य एक राय होकर, डायन का आरोप लगाकर सूचिका के दादी रुक्मिणी कुंवर के साथ मारपीट कर रहे थे। इसी क्रम में सूचिका के पिता अनिल पासवान सह मृतक छुड़ाने गये तो सभी आरोपी मिलकर लाठी डंडों से मारपीट कर अनिल पासवान को जख्मी कर दिया। जिसे उचित ईलाज हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मेराल में ले जाया गया। जहां डॉक्टरों के द्वारा इन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस आशय की लिखित सूचना पर प्राथमिकी दर्ज कर सभी के विरुद्ध संबंधित थाना के द्वारा अनुसंधान प्रारंभ कर इस अपराध में शामिल सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजते हुए भा0द0वि0 की धारा-302 एवं 3/4 डायन भूत प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत आरोप पत्र समर्पित किया गया। न्यायालय द्वारा संज्ञान लेते हुए आरोप गठन कर वाद की कार्यवाही अभियोजन की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत करने हेतु तिथि निर्धारित की गई। भिन्न-भिन्न तिथियों के दौरान कुल 11 साक्षियों का साक्ष्य कलमबद्ध कर आरोपी का बयान दर्ज किया गया। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता जयप्रकाश नारायण ने बहस की, जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक उमेश दीक्षित ने घटना को सही साबित करने का अथक प्रयास करते हुए जोरदार बहस किया। दोनों पक्षों की बहस सुनने के उपरांत न्यायालय द्वारा उपलब्ध दस्तावेज एवं साक्ष्य के आधार पर भा0द0वि0 की धारा-302/34 तथा 3/4 डायन भूत प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत दोषी करार देते हुए सजा के बिंदु पर सुनवाई उपरांत तीनों आरोपीगण को आजीवन सश्रम कारावास एवं प्रति व्यक्ति ₹10,000 जुर्माना की सजा सुनाई गई तथा सजा की आदेश की कॉपी नि:शुल्क प्रदान करते हुए सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

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Ashutosh Ranjan

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