हजारों की संख्या में छठ व्रतियों ने मनोरम झरना में स्नान कर दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य

हजारों की संख्या में छठ व्रतियों ने मनोरम झरना में स्नान कर दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य

खरना के दिन ही पहुंचे लाखों श्रद्धालु छठव्रती व अन्य

कांडी के टेंपल इन वाटर छठ घाट पर भी जुटीं हजारों व्रती




दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा


गढ़वा : प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ में महाव्रत छठ के दूसरे दिन हजारों की संख्या में निराहार व्रतियों ने अस्ताचल गामी सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया। इसके बाद अपने-अपने थाला पर बैठकर भगवान भास्कर एवं छठी मैया को समर्पित पांच-पांच गीत गाकर अपने-अपने घर की ओर प्रस्थान किया। जहां चंद्रास्त के पहले खरना किया। वहीं चंद्रमा को नमन करके दूसरी बार जल ग्रहण करके 36 घंटे से अधिक समय का कठिन व्रत प्रारंभ किया। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ में उत्तर दक्षिण की ओर से आने वाली सड़क हो या पश्चिम पूरब तथा अन्य दिशा से आने वाली खेत की मेड हो आज सभी रास्ते जल्दी-जल्दी सतबहिनी की ओर चले आ रहे थे। उन रास्तों पर रंग-बिरंगे कपड़े पहने छठ का गीत गाते हुए निराहार व्रतियों की कतार चली आ रही थी। जबकि सड़कों से छोटी बड़ी गाड़ियों में भी गीत गाते हुए छठ व्रतियों की काफी लंबी चौड़ी जमात सतबहिनी पहुंच रही थी। सब लोग नवीन यज्ञशाला के मैदान एवं मेला मैदान के ऊपर गाड़ियों को पार्क करके कलात्मक सीढ़ियों से झरना घाटी में उतरकर अक्षत एवं जौ जल में समर्पित कर जल जगाया। वहीं पर व्रतियों ने दातुन करके मनोरम झरना में झुंड का झुंड जाकर स्नान किया। साथ आए परिजनों ने उनका सहयोग किया। इसके बाद अधिकांश व्रतियों ने जल में खड़ा होकर सकल संसार के उद्गम भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया। इसके बाद लोटा में पवित्र जल लेकर झरना घाटी के पूरब यज्ञशाला मैदान, मनोरम झरना के पश्चिम झरना घाटी में स्थित बालू पर, तीन छठ घाटों पर, सुविस्तृत मेला मैदान में, बजरंगबली मंदिर प्रांगण में, सूर्य मंदिर, नवीन यज्ञशाला में, मानस पाठ के मंडप में तमाम जगहों पर स्थित अपने-अपने थाला पर बैठकर भगवान सूर्य एवं छठी मैया को संबोधित गीत गाया। इसके बाद जल्दी-जल्दी सभी ने अपने-अपने घरों की ओर प्रस्थान किया। जहां चंद्रास्त के पहले गुड की खीर बनाकर खरना किया। जबकि इसके बाद भगवान भास्कर के प्रकाश से ही प्रकाशित चंद्रमा को नमन करते हुए अगले 36 घंटे की कठिन तपस्या प्रारंभ की। इस दौरान प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ में हर वर्ष से काफी अधिक संख्या में निराहार छठ व्रतियों को अर्घ्य देते देखा गया। कल बड़ा उपवास को इस संख्या में और काफी अधिक वृद्धि होगी। सबसे अधिक खुला खुला स्थान सतबहिनी झरना तीर्थ में है। लेकिन आज संझत के दिन ही सभी स्थान भरे हुए दिखाई दे रहे थे। इस मौके पर मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति के अध्यक्ष सह विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक नरेश प्रसाद सिंह सचिव पंडित मुरलीधर मिश्र के साथ समिति के तमाम पदाधिकारी एवं स्वयंसेवकों को व्यवस्था बनाए रखने में व्यस्त देखा गया। जबकि शांति व्यवस्था के लिए चकांडी थाना की पुलिस भी तैनात थी।

वही प्रखंड मुख्यालय कांडी के ऐतिहासिक पोखरा में स्थित टेंपल इन वॉटर – सूर्य मंदिर के निकट काफी संख्या में छठ व्रतियों को अस्ताचल गामी सूर्य को अर्घ्य प्रदान करते देखा गया। यहां बड़े पोखरा के चारों पिंडों पर व्रतियों के लिए अच्छी व्यवस्था बनाई गई है। जहां स्नान के बाद अपने-अपने थाला पर निराहार व्रतियों ने भगवान भास्कर व छठी मैया के पांच-पांच गीत गाकर अपने-अपने घरों में लौटकर खरना किया। वहीं सोन एवं कोयल तटीय गांवों के तमाम छठव्रती नदी की पावन धारा के समीप छठ महाव्रत की शुरुआत करते देखे गए।

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Ashutosh Ranjan

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