सर्दी के मौसम में ज़रूरतमंद परिवारों तक गर्म कपड़े पहुँचाये जायेंगे
“कॉफ़ी विद एसडीएम” में वस्त्र व्यवसायियों के साथ बैठक में लिया गया निर्णय
एसडीएम की अपील पर पहले ही दिन पांच हजार से अधिक गर्म कपड़ों की हुई व्यवस्था
आइये, इस सर्दी हम ज़रूरतमंदों तक गरमाहट, स्नेह और खुशियाँ पहुँचाएँ : एसडीएम
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दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा
गढ़वा : यथा नाम तथा गुण के पर्याय दिव्य दृष्टि धारी अपने एसडीएम संजय कुमार ने एक बार फिर इस अवधारणा को सौ फीसदी साबित कर दिया। ठंड से ठिठुरती काया के प्रति माया का उन्होंने जबरदस्त आह्वान किया है। शहर के सार्वजनिक स्थलों से लेकर गांव की झोपड़ियों तक ठंड से ठिठुरती काया की इस मौसम में भरमार देखी जाती है। उनके लिए गर्म कपड़ों एवं अन्य सुलभ संसाधन का आह्वान करके उन्होंने इसे सप्रमाण सिद्ध किया है। अब गेंद समाज के पाले में है। जरूरत है कि इस आह्वान पर अपने कदम तेज करते हुए अपने आजू-बाजू से गर्म कपड़े आदि जुटा कर जरूरतमंदों तक पहुंचाई जाए। सदर एसडीएम संजय कुमार के साप्ताहिक संवाद कार्यक्रम “कॉफ़ी विद एसडीएम” की 50 कड़ी पूरी होने के उपलक्ष्य में रविवार को विशेष संवाद कार्यक्रम रखा गया। इस कार्यक्रम में अनुमंडल क्षेत्र के थोक वस्त्र विक्रेताओं को आमंत्रित किया गया था। एसडीएम एवं वस्त्र विक्रेताओं के बीच हुए आत्मीय संवाद के दौरान सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि प्रशासन–समाज सहभागिता आधारित पहल “आईए खुशियाँ बाँटें” आरंभ किया जाए। जिसमें जरूरतमंदों तक मदद के लिए सामूहिक हाथ बढ़ाया जाए। चूंकि जाड़े का मौसम आ गया है इसलिए मुहिम के पहले चरण में जरूरतमंदों तक गर्म कपड़े पहुंचाने का प्रयास शुरू किया गया।
इस विशेष संवाद कार्यक्रम में गढ़वा के वस्त्र विक्रेता संघ के सदस्यों और थोक वस्त्र व्यवसायियों ने एसडीएम के इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए स्वैच्छिक रूप से जरूरतमंदों के लिये अपनी-अपनी सामर्थ्य अनुसार गर्म कपड़े उपलब्ध करवाने की पेशकश की।
बैठक के दौरान एसडीएम ने कहा कि समाज हमेशा प्रशासन से बड़ी और समर्थ इकाई है। कहा कि तमाम कल्याणकारी सरकारी योजनाओं को प्रशासनिक पदाधिकारी धरातल पर उतारने का काम कर रहे हैं किंतु उस सबके अलावा यदि सामाजिक संस्थाएं और समाज के सक्षम लोग भी अपने-अपने स्तर से अपने आसपास के जरूरतमंद लोगों की मदद को हाथ बढ़ाते हैं तो इस सामाजिक प्रशासनिक गठजोड़ से परिणाम और भी सुखद आ सकते हैं। समाज की मदद से ज़रूरतमंदों तक खुशियां पहुँचाना केवल वस्त्र वितरण तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि उनके जीवन की हर मुश्किल में मदद कर हर संभव खुशी और सुरक्षा देने का काम किया जायेगा। कार्यक्रम में उपस्थित नागरिकों व संगठनों ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे गढ़वा में एक सकारात्मक सामूहिक आंदोलन का स्वरूप देने का संकल्प लिया।
पहले ही दिन 5000 से अधिक गर्म कपड़ों की हुई पेशकश: वस्त्र विक्रेता संघ ने अपने स्तर से सहयोग उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जताई। मुहिम के पहले ही दिन गढ़वा के बाबा कमलेश, राजघराना, साबिर गारमेंट्स, एनके वस्त्रालय, गोल्डन ड्रेसेज, माही हैंडलूम, शुभम ड्रेसेज, अजंता हैंडलूम, श्याम फैशन, सलीम साड़ी सेंटर, उत्तम कमलापुरी आदि ने अपने-अपने स्तर से सहयोग हेतु जो पेशकश की वह संख्या कुल मिलाकर 5000 कपड़ों से अधिक पार कर गई। एसडीएम ने कहा कि सिर्फ वस्त्र विक्रेता ही नहीं बल्कि समाज के अन्य सक्षम वर्गों, शैक्षणिक संस्थाओं, नौकरी-पेशा लोगों, सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों और आमजनों से भी इस मुहिम में जुड़ने का अनुरोध किया जा रहा है।
सुझाव दिए: कार्यक्रम में कमलेश अग्रवाल, रवि केसरी, साबिर अंसारी, अविनाश केसरी, वसीम अकरम, यशराज, सूजल कुमार, गोविंद केसरी, अजय कुमार, उत्तम कुमार, इकबाल आलम आदि ने इस विषय पर अपने-अपने सुझाव दिए। इनमें से कुछ लोगों ने अपने मोहल्ले, बाज़ार और ग्राम पंचायत स्तर पर वस्त्र संग्रह अभियान चलाने का प्रस्ताव भी रखा।
कमलेश अग्रवाल व रवि केसरी को सम्मानित किया गया: लगातार जरूरतमंदों के बीच सहयोग करने की भावना के लिए एसडीएम संजय कुमार ने बाबा कमलेश प्रतिष्ठान के कमलेश अग्रवाल तथा राजघराना के रवि केसरी को अंगवस्त्र और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। अंत में संजय कुमार ने सभी आमंत्रित सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “आइये खुशियां बांटें” मुहिम प्रशासन और समाज के साझा प्रयास का सार्थक उदाहरण बनेगी, और आने वाले दिनों में गढ़वा के कई ज़रूरतमंद परिवारों तक गर्माहट, संवेदना और मुस्कान पहुँचाने में मददगार होगी।








