कभी अपराध की पाठशाला था कांडी


आशुतोष रंजन
गढ़वा

जब किसी के द्वारा मेरे मन को ज्यादा आहत किया जाता है तो मेरे द्वारा सोशल मीडिया पर अक्सर पोस्ट किया जाता है की आप मुझे बेशक आहत कर रहे हैं लेकिन इतना ज़रूर ध्यान रहे की मेरा घर कांडी इलाक़े में है जहां शरीफ़ के साथ साथ हरिफ भी रहा करते हैं,और मुझमें वो दोनो गुण है,यहां इसे लिखने का यह मतलब नहीं है की कोई मुझे आहत किया है,ऐसी कोई बात नहीं है,बल्कि बात यह है की अब वो पहले वाला कांडी नहीं रहा और अशांत रहने वाला वो अब कैसे पूर्ण रूपेण शांत रहेगा,जानने के लिए पढ़िए यह ख़ास रिपोर्ट।

जिसे कहा जाता था अपराध की पाठशाला: – जिस कांडी इलाक़े में गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई देने के साथ साथ लूट,डकैती और छिनतई के लगातार नए मामले सामने आते थे,तभी तो उसे अपराध की पाठशाला कहा जाता था,कई दशकों से ले कर कुछ साल पहले तक जहां से अपराध का संचालन हुआ करता था,लेकिन हम था इसलिए कह रहे हैं की वर्तमान गुजरते वक्त में उस इलाक़े को अमन का यानी शांत इलाका कहा जाता है,और यह सब संभव हुआ है पुलिस कप्तान अंजनी कुमार झा और उनके कुशल नेतृत्व में काम कर रही पुलिस टीम के अनथक प्रयास से,खबरों में लिख कर और बोल कर कई बार आपको वाकिफ करा चुका हूं की एसपी अंजनी कुमार झा का यह संकल्प है की एक दो चिन्हित थाना क्षेत्र को नहीं बल्कि पूरे गढ़वा जिले को नक्सलियों और अपराधियों के साथ साथ सभी तरह के नशा के अवैध कारोबार से मुक्त कराना है और इस दिशा में उनकी पूरी टीम उनके कुशल निर्देशन में काम करते हुए अनवरत सफ़लता हासिल कर रही है,जहां एक ओर गढ़वा आज की तारीख़ में पूरी तरह नक्सल मुक्त हो गया है,जो बूढ़ा पहाड़ एक कोढ़ के रूप में था उसे भी नक्सलियों से मुक्त करा लिया गया,बात अपराध की घटना और नशे के अवैध कारोबार की करें तो उसमें भी अपेक्षा से अधिक कमी आई है,पुलिसिया दबिश का परिणाम यह है की यहां के नशा कारोबारी अब खौफ़ के मारे दूसरे राज्यों में पलायन कर गए हैं,बात रही की अशांत रहने वाला कांडी अब कैसे शांत रहेगा तो आपको बताऊं की तार्किक के साथ साथ दूरदर्शी सोच के साथ पुलिसिंग कार्यों को मूर्तरूप दे रहे एसपी अंजनी कुमार झा द्वारा कांडी थाना में नए थाना प्रभारी की पदस्थापना की है,अपने कप्तान से प्राप्त निर्देश के आलोक में काम करते हुए बेहतर पुलिसिया कार्यों के लिए कई बार समानित हो चुके योगेंद्र कुमार अब कांडी के नए थानेदार होंगें,योगदान देने के उपरांत उनके द्वारा मीडिया से बात करते हुए कहा गया की जिले में गुज़रे इतने वर्षों में वरीय अधिकारी द्वारा मुझे जो भी जिम्मेवारी दी गई मैं उसका जहां एक ओर बखूबी निर्वहन किया वहीं दूसरी ओर निर्देश का पालन करते हुए कई जटिल अनुसंधानों को भी पूरा किया,अब एक नया दायित्व दिया गया है तो सबके सहयोग से इस दायित्व को भी ठीक उसी तरह कार्यरूप से पूर्ण करूंगा जिस तरह अब तलक करता आया हूं,रही बात कांडी में अमन स्थापित करने की तो इसमें केवल पुलिस की ही नहीं आप सभी की भी महती जिम्मेवारी बनती है की आपसी सहयोग से कांडी को पूरी तरह शांत रखा जाए,और मुझे विश्वास है की अब कांडी पूरी तरह शांत रहेगा।