बड़े हथियार और गोली बरामद


आशुतोष रंजन
गढ़वा

कभी हाथ से निकलता प्रतीत होने वाला झारखंड का बूढ़ा पहाड़ आज पूरी तरह से ख़ुद के बाहुपाश में है,कहने का मतलब की जिस तरह सालों से नक्सलियों ने उस पहाड़ को जहां एक तरफ अपना शरणगाह बना रखा था वहीं उक्त पहाड़ से ही वो अपनी गतिविधि का संचालन किया करते थे,उन्हें वहां से खदेड़ कर पहाड़ को मुक्त कराने का अभियान सालों चला और अब जा कर अंततः बूढ़ा पहाड़ नक्सलियों से पूरी तरह मुक्त हो गया,लेकिन यहां पर मुझे कहने में और प्रशासनिक महकमे को यह स्वीकारने में कोई हिचक नहीं है की पहाड़ नक्सलियों से सशरीर भले मुक्त हो गया हो पर उनके द्वारा ख़ुद को महफूज़ रखने के लिए प्लांट किए गए बमों और छुपाए हुए हथियारों से आज भी मुक्त नहीं हुआ है,जिसके प्रमाण आए दिन उनकी बरामदगी से मिलती रहती है,आपको बताएं की पुलिस और सीआरपीएफ की टीम जहां एक ओर पहाड़ को अपने घेरे में लिए हुए है वहीं दूसरी ओर टीम द्वारा अनवरत पहाड़ की तलहटी से ले कर चोटी तक की जांच होती रहती है,उन्हीं जांच के क्रम में उक्त बरामदगी होती है,हम अगर आज की बात करें तो लातेहार पुलिस और कोबरा 209 बटालियन की टीम आज फिर लातेहार का बारेसाढ़ जो बूढ़ा पहाड़ के हद्द में ही आता है के सर्च अभियान में निकली जहां टीम को नक्सलियों द्वारा बनाया गया एक बंकर नज़र आया,जिसकी तलाशी लेने के बाद वहां से अत्याधुनिक SLR रायफल 2,INSAS LMG 1 और INSAS का ही एक रायफल के साथ साथ उसकी गोलियां और नक्सलियों के सामान बरामद हुए,तभी कहूं की नक्सलियों ने पहाड़ को सशरीर भले छोड़ा है पर अपने इरादों से जुदा नहीं किया है,उधर उक्त पहाड़ को आजाद कराने वाली सुरक्षा एजेंसियां भी पूरी तरह प्रतिबद्ध हो कर इस लिहाज़ से डटी हुई हैं की हम ना तो उनके गलत मंसूबों को कामयाब होने देंगें और ना ही फिर से पहाड़ को गुलाम होने देंगें,बूढ़ा पहाड़ अब आज़ाद है और हमेशा आज़ाद रहेगा।