काश…बेटा पापा बोल देता..?

काश…बेटा पापा बोल देता..?

महाकुंभ में अज़ब – ग़ज़ब


आशुतोष रंजन
गढ़वा

प्रयागराज महाकुंभ से अज़ब – ग़ज़ब ख़बरें भी सामने आ रही हैं,किसी को बिछड़ा हुआ बेटा मिल रहा है तो किसी को उसके पति की तलाश पूरी हो रही है,तो कोई अपनों से बिछड़ भी रहा है,लेकिन आज जिस अजीब वाक्या से आपको वाक़िफ कराने जा रहा हूं उससे जानने के बाद सच में आप बोल पड़ेंगे कि वाकई बेहद ग़ज़ब बात है,आख़िर वो वाक्या क्या है आइए आपको बताते हैं।

काश..बेटा पापा बोल देता : – आप अगर गए हैं तो वहां के भीड़ से दो चार हुए ही होंगे और अगर नहीं जा पाए हैं तो भी अख़बार और चैनल में आ रही ख़बरों को देख भीड़ से वाक़िफ हो रहे हैं,दरअसल हुआ क्या उस बावत बताएं कि एक छोटा बच्चा अपनों से बिछड़ गया था,प्रशासनिक व्यवस्था तो दुरुस्त है ही तो पुलिसकर्मी द्वारा भी उस बच्चे को ढूंढा जा रहा था इसी बीच कुछ देर में ही अपने बच्चे को तलाशने में उसका पिता कामयाब हो गया,जैसे ही वो बच्चा अपने पिता के गोद में आया तो पहले से रो तो रहा ही था लेकिन गोद में आने के बाद वो और रोने लगा,पिता द्वारा प्यार दुलार करते हुए उसे चुप कराने का प्रयास किया जाने लगा,इसी बीच वो पुलिसकर्मी वहां पहुंचे जिन्हें खोने और पा लेने की जानकारी नहीं थी तो उन्हें अहसास हुआ कि जिस युवक द्वारा बच्चे को गोद में लिया गया है और वो रो रहा है कहीं ऐसा तो नहीं कि इसके द्वारा बच्चे की चोरी की गई है,उक्त युवक से पूछताछ शुरू हुई तो उसके द्वारा जो सच था वही बताया गया कि यह मेरा बेटा है जो कुछ देर पहले हमसे बिछड़ गया था,लेकिन पुलिसकर्मियों को उसकी बातों पर यक़ीन नहीं हो रहा था,तब युवक द्वारा बेटे से कहा गया कि बाबू हम तुम्हारे पापा हैं न,बोलो बाबू,पापा बोलो लेकिन हद तो तब हो गई जब बार बार पूछने के बाद भी उसके बेटे द्वारा उसे पापा नहीं बोला गया,तब पुलिस वालों का शक उसके ऊपर और गहराने लगा,युवक भी बड़ा पशोपेश में पड़ गया कि अब क्या करें बेटा गोद में है और वो अपना बेटा है इसका भी सबूत देना पड़ रहा है फ़िर उसके द्वारा कहा गया कि इसका प्रमाण मैं ऐसे देता हूं,कुछ वक्त दीजिए मै घर से आधार कार्ड मंगाता हूं उसे देख कर तो विश्वास कीजियेगा न,उसके द्वारा जब आधार कार्ड मंगा कर दिखाया गया तब जा कर पुलिसकर्मियों को यक़ीन हो गया कि उसके द्वारा किसी बच्चे की चोरी नहीं की गई थी बल्कि वो बच्चा उसी का बेटा था जो भीड़ में कुछ देर के लिए खो गया था,और मिल जाने के बाद उसे ही वो गोद में लिए हुए था,यहां पर ना तो वो युवक ग़लत था और ना ही महाकुंभ की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी और ना ही वो बच्चा जिसके द्वारा अपने पापा को पापा नहीं बोला गया,दरअसल अपनों से बिछड़ जाने के कारण वो डर गया था,जिस कारण उसके द्वारा कुछ बोला नहीं जा सका,लेकिन इधर जब सब वाक्या ख़त्म हुआ तो उस युवक द्वारा बेटे को दुलारते हुए यही कहा गया कि कुछ ही देर में पुलिस वाले खो देते आपा,क्योंकि मेरा ही बेटा नहीं बोल रहा था मुझे पापा

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