लोग कहते हैं की एकमात्र स्थापित राजनेता हैं गिरिनाथ
आशुतोष रंजन
गढ़वा
झारखंड का गढ़वा वो जिला है जहां एक ओर लीक की नहीं बल्कि बेलिक की राजनीति होती है वहीं बयानबाज़ी का क्या कहना,किस दल के छोटे से बड़े नेता कब क्या बोल दें वो ख़ुद भी नहीं जानते,इधर कुछ अरसे से तो सोशल मीडिया पर भी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता कुछ ज़्यादा ही सक्रिय हैं,वो अपने फेसबुक वॉल के साथ साथ सार्वजनिक whats app ग्रुप में भी कुछ ऐसा पोस्ट कर देते हैं जो एक तरफ़ जहां चर्चा का विषय बनता है तो कभी कभी उन्हें फजीहत भी झेलनी पड़ती है,अब आज के इस पोस्ट को ही देखिए जहां धार्मिक कार्यक्रम पर भी राजनीतिक रंग चढ़ाने की कोशिश की गई है,क्या है वो पोस्ट आइए आपको बताते हैं।
धार्मिक कार्यक्रम पर भी लोग चढ़ाने लगे रंग राजनीति का : – शादी ब्याह हो या किसी की मौत हुई हो या कोई धार्मिक आयोजन हो हर राजनीतिक दल से जुड़ा बड़ा राजनेता जिसे वहां बुलाए जाने का निमंत्रण प्राप्त होता है वो वहां ज़रूर शामिल होता है,साथ ही इसे राजनीति से बिल्कुल परे रखा जाता है,लेकिन अफ़सोस इस बात का है कि इसे कहीं और भले परे रखा जाता हो पर गढ़वा में ऐसे अवसर को भी राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जाती है,इस ख़बर में जिस तस्वीर को आप नज़र कर रहे हैं हम बात इसी की कर रहे हैं क्योंकि इसी तस्वीर के ज़रिए ही राजनीतिक रंग देने की भरसक कोशिश की गई है,दरअसल जिला के मेराल प्रखंड क्षेत्र में एक धार्मिक आयोजन किया गया था जहां आयोजनकर्ताओं द्वारा सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया था,जिसमें सत्तापक्ष के साथ साथ विपक्ष से भी जुड़े नेता शामिल हो रहे थे उसी वक्त निमंत्रण के निमित ही नहीं बल्कि हर किसी के बुलावे पर निश्चित रूप से शामिल होने वाले पूर्व मंत्री सह आगामी विधानसभा चुनाव में सशक्त प्रत्याशी गिरिनाथ सिंह भी शामिल हुए,अब इतना तो आपको मालूम ही है कि वर्तमान गुजरते वक्त में वो चाहे घर का व्यक्तिगत आयोजन हो या बाहर में सार्वजनिक हर जगह फ़ोटोग्राफ़ी जम कर होती है सो वहां भी हुई,आप तस्वीर में देख भी रहे होंगे कि सत्तापक्ष के नेताओं के साथ गिरिनाथ सिंह भी नज़र आ रहे हैं,अब इसी तस्वीर के ज़रिए उक्त धार्मिक आयोजन को भी सत्ताधारी दल के एक नेता द्वारा राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है,उनके द्वारा अपने फेसबुक वॉल पर इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा गया कि पूर्व मंत्री गिरिनाथ सिंह झारखंड मुक्ति मोर्चा में हुए शामिल,अब बताइए हर मौक़े को राजनीतिक रंग में रंगने के फ़िराक़ में रहने वाले ऐसे नेताओं को कुछ रोज़ नहीं बल्कि लगातार कई सालों तक उन्हीं से यानी गिरिनाथ सिंह से ही राजनीति सीखनी पड़ेगी कि राजनीति आखि़र कैसे की जाती है,क्योंकि लोग सही मायने में स्थापित राजनेता उन्हें ही कहा करते हैं,लेकिन यह भी कहना वाज़िब होगा कि सालों सीखने के बाद भी ऐसी सोच वाले लोग आजीवन नेता नहीं बन पाएंगे।