नयी बिजली को कैसे झेले तार पुराना


आशुतोष रंजन
गढ़वा

झारखंड के गढ़वा जिले में आज चार लोग बिजली करंट से झुलस गए,घरवाले एवं ग्रामीणों द्वारा आनन फानन में उन्हें ईलाज के लिए सदर अस्पताल गढ़वा लाया गया,जहां प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बेहतर ईलाज के लिए रांची रिम्स रेफर कर दिया गया।

सोनपुरा स्टेट वाले गांव में घटित हुई है घटना: बिजली करंट से झुलसने वाली घटना जिले के कांडी थाना क्षेत्र स्थित सोनपुरा स्टेट वाले गांव में घटित हुई है,घटना के बावत जानकारी देते हुए ईलाज कराने पहुंचे परिजनों ने बताया की सभी लोग खेत में काम कर रहे थे उसी दरम्यान ऊपर से गुजरा ग्यारह हज़ार वोल्ट वाला बिजली का तार अचानक खेत में गिर गया,उसी गिरे तार में प्रवाहित हो रहे करंट के चपेट में आने से चारों लोग ऊदल यादव,रामकिशन यादव,सुरेश मेहता और शगुनी मेहता झुलस गए,थोड़ी दूर में काम कर रहे लोगों द्वारा शोर मचाने के बाद गांव से ग्रामीण खेत की ओर दौड़े तथा विभाग में फोन कर के बिजली का प्रवाह बंद कराया गया,साथ ही जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि दिनेश कुमार के सहयोग से उन्हें ईलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया,जहां डॉक्टरों द्वारा उनका प्राथमिक उपचार किया गया,लेकिन उनके हालात की गंभीरता को देखते हुए बेहतर इलाज हेतु रिम्स रेफर कर दिया गया।

नयी बिजली को कैसे झेले तार पुराना: कभी दूर शहर में बिजली के बल्ब को देख कर एक कसक के साथ यह कहने वाले हमलोग की काश हमारे यहां भी रौशनी होती,देर ही सही रौशनी आई,हम आप आह्लादित ज़रूर हुए लेकिन जो अंदरूनी परेशानी है वो तो अब तलक पेवस्त ही है,जैसे बिजली नई मिली लेकिन तार पुराना ही है,अब बिजली का उच्च प्रवाह उक्त पुराना तार झेल नहीं पा रहा है,नतीजा हो रहा है की वो तार गल कर गिर जा रहा है,आज घटित हुई घटना में भी कुछ ऐसा ही होना ग्रामीणों द्वारा बताया जा रहा है,अब सवाल उठता है की बिजली दे कर खुद से खुद का पीठ तो थपथपाया जा रहा है लेकिन काश नई बिजली देने से पूर्व पुरातनी व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई होती तो आज ये चार गरीब ग्रामीणों की जिंदगी मौत के मुहाने पर नहीं आई होती,ऊपरवाले की मेहर हो इनकी जान बच जाए और घटना से सबक लेते हुए व्यवस्था में सुधार भी हो जाए ताकि फिर से ऐसी घटना की पुनरावृति ना हो।