गढ़वा के सिरोई खुर्द में 16 वर्षीय आदिवासी समाज की बच्ची के साथ घटी है वीभत्स एवं मानवता को शर्मसार करने वाली घटना


आशुतोष रंजन
गढ़वा

सत्तापक्ष को सवालों से घेरना हो या किसी भी विषय पर मुखर रूप से बेबाक बोलना हो,इस विधा के लिए पहचानित गढ़वा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी का कहना है कि आज गढ़वा में भ्रष्टाचार सर चढ़कर बोल रहा है। आए दिनों अपहरण,बलात्कार, बालू माफिया गिरी,गरीबों की जमीन लूटने का सिलसिला बदस्तूर जारी है,हुक्मरान तो जेल जाएंगे ही,पर कई सरकारी नुमाइंदे जो उनके ही इसारे की कठपुतली बने हुए हैं वो भी लाल घर देखेंगे,भारतीय जनता पार्टी ऐसे भ्रष्टाचारियों की भी सूची बना रही है‌,जो सज़ा पाते हुए होटवार में सहभागी बनेंगे।

इस घटना पर क्यों चुप हैं मंत्री: – पूर्व विधायक ने कहा कि मंत्री द्वारा बोला जाता है कि हमारी सरकार आदिवासी एवं दलितों को समर्पित है,लेकिन आज वो समर्पण कहां गया क्योंकि आज कई दिन गुजर गए लेकिन उस आदिवासी बच्ची के परिजनों को अभी तक न्याय नहीं मिला,ना ही कोई कार्रवाई हुई,जिसके साथ वीभत्स घटना घटित हुई है।

आज बदल गई है जनप्रतिनिधि के औचित्य की परिभाषा: – पूर्व विधायक ने कहा कि मंत्री ने जन्नप्रतिनिधि के औचित्य की परिभाषा को ही बदलने का काम किया है,उन्हें लगता है कि बालू चोरी करना,टेंडर मैनेज करना, आम शरीफ लोगों का भू माफिया के द्वारा जमीन लुटवाना,सिर्फ अपना जमीन ऑन-लाइन करवाना एवं अपने द्वारा पोषित अपराधी के माध्यम से आम गरीब गुरबा का जमीन लुटवाना, मनरेगा योजना में 50% तक की कमीशन गिरी करना,वह भी अपने खास चहतें भेंडर के माध्यम से 50 लाख तक अधिकतम सीमा को तोड़ते हुए, उनके चहते भेंडर के खाता में चार-चार करोड़ रुपए तक ट्रांसफर कर पैसे का बंदर बांट करना ही जनप्रतिनिधि का कार्य है,पूर्व विधायक ने कहा कि ऐसी घटना पर प्रशासन अविलंब जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई करे एवं पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए आर्थिक सहयोग एवं पीड़ित परिवार के एक आश्रित को सरकारी नौकरी दे।