दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा
भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रितेश चौबे ने हिंदी, मगही, भोजपुरी सहित पलमुआ भाषा को लेकर हेमंत सरकार का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि झामुमो सरकार युवाओं के बीच भाषा विवाद उत्पन्न कर झारखंड के युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रही है। उन्होंने कहा कि कुड़ुख व नागपुरी भाषा पलामू गढ़वा का नहीं है। झारखंड में गढ़वा, पलामू सहित कई अन्य जिलों में लोग हिंदी, मगही व भोजपुरी भाषा बोलते समझते हैं। हेमंत सरकार जानबूझकर भाषाई विवाद उत्पन्न कर रही है। झारखंड में पचास प्रतिशत से अधिक लोग हिंदी, मगही व भोजपुरी भाषा को समझते हैं। हेमंत सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी भाषा विवाद उत्पन्न किया था। जिसका भाजपा ने खुलकर विरोध किया था। अंततः सरकार को फैसला वापस लेकर अनुकूल भाषा लागू करना पड़ा था। लेकिन हेमंत सरकार के दूसरे कार्यकाल में फिर से भाषा विवाद उत्पन्न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि झामुमो सरकार झारखंडी युवाओं का भविष्य बर्बाद करने के लिए तरह तरह का विवाद उत्पन्न कर रही है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार झारखंड को विकास नहीं बल्कि पतन की ओर ले जा रही है। पलामू प्रमंडल सहित पूरे झारखंड के युवाओं को छलने का काम किया जा रहा है। बार बार भाषा विवाद में झारखंड को उलझाकर विकास को अवरूद्ध किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि झामुमो, राजद, कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि हिंदी, मगही, भोजपुरी व अंग्रेजी जैसी भाषा वाले लोगों से उनको मतलब है कि नहीं। हेमंत सरकार के इस फैसले से युवाओं में काफी निराशा है। झामुमो सरकार बिना भाषा विवाद सुलझाए किसी भी प्रकार की बहाली नहीं करे। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार भाषा नियमावली बनाकर माध्यमिक आचार्य बहाली के लिए आवेदन लेने जा रही है। जो पूरी तरह से जनविरोधी नीतियों का हिस्सा है। भाजपा कार्यकर्ता स्थानीय युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। हेमंत सरकार अगर फैसले पर पुनर्विचार नहीं करती है तो तमाम छात्र युवाओं के साथ चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा।