जब जब आएगा रामनवमी,आएगी शिवम की याद : कंचन


आशुतोष रंजन
गढ़वा

आज की बात करने से पहले मैं ज़रा एक साल पीछे जाना चाहूंगा जब मौत की एक घटना पर स्कूली बच्चे सिसक उठे थे,लेकिन आज की मौत पर तो पूरा गढ़वा रो रहा है,आख़िर क्या है वो मौत की दो घटना आइए आपको इस ख़ास ख़बर के ज़रिए बताते हैं !

मां की मौत पर सिसक उठे थे स्कूली बच्चे : – एक साल पहले की बात है जब गढ़वा जिला मुख्यालय के बाज़ार क्षेत्र निवासी एक महिला शिक्षक की मौत हुई थी,इस मौत से घर परिवार और समाज तो मर्माहत था ही लेकिन जैसे ही इस घटना की जानकारी स्कूली बच्चों को हुई वो तो पूरी तरह स्तब्ध रह गए थे और उधर स्कूल में फौरन छुट्टी हो जाने के कारण बच्चे अपने अपने घर ना जा कर सीधे अपनी शिक्षक के घर पहुंचे,जहां के मर्माहत दृश्य के बावत उस वक्त वहां मौजूद वरिष्ठ पत्रकार आनंद सिन्हा बताते हैं की फफक फफक कर रो रहे बच्चे घर के अंदर आ नहीं पा रहे थे,जैसे ही उन्हें शिक्षक के अंतिम दर्शन के निमित घर के अंदर ले जाया गया सभी जार बेजार रोने लगे,किसी किसी तरह उन्हें ढाढस बंधाते हुए चुप कराया गया,लेकिन जैसे ही शव यात्रा निकली तो वो एक बार फिर से सिसक उठे और शव यात्रा में शामिल हो गए,उन्हें यह कहा भी गया की शव यात्रा में बच्चे नहीं जाते लेकिन रोते बिलखते हुए बच्चों ने कहा की वो अपनी मैडम को अंतिम क्षण में कैसे छोड़ दें,दरअसल वो मैडम आज एक दुर्घटना में अपनी जान गंवा चुके शिवम सोनी की मां थीं |

आज बेटे की मौत पर रो रहा गढ़वा : – हमने ऊपर के पाराग्राफ में आपको पढ़ाया की मां की मौत पर सिसक उठे थे स्कूली बच्चे और आज बेटे की मौत पर रो रहा गढ़वा,जी हां आज शिवम सोनी की मौत पर लोग मर्माहत ही नहीं बल्कि रो रहे हैं,हम बात उसी शिवम की कर रहे हैं जिसकी आज एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई,आपको बताएं की गढ़वा की रामनवमी जब समापन की दिशा में अग्रसर हो चुका था तो शिवम अपने दोस्तों के साथ पलामू मुख्यालय के लिए यह सोचते हुए निकला की अब ज़रा वहां की रामनवमी के साथ साथ कैसी झांकी बनाई गई है उसे नज़र किया जाए,वो वहां पहुंच देखा भी और गढ़वा की रामनवमी और झांकियों से आकलन भी किया,वो लौट कर उस आकलन को बताता भी लेकिन होनी को तो कुछ और ही मंजूर था सो वहां से लौटने के क्रम में बरांव गांव पास दुर्घटना घटित हो गई जिसमें उसकी जान चली गई और उसके चार अन्य दोस्त घायल हो गए जिनका ईलाज पलामू में चल रहा है |

जब जब आएगा रामनवमी,आएगी शिवम की याद : – उधर ख़ुद के साथ साथ सभी पदाधिकारी और सदस्यों की महीनों मेहनत के बाद खुशी खुशी रामनवमी को आग़ाज़ से अंजाम तक पहुंचाने वाले श्री महावीर मंडल के अध्यक्ष कंचन साहू जो आज पूरी तरह मर्माहत ही नहीं बल्कि आहत भी हैं,पूछे जाने पर फफक कर रो पड़ने के बाद किसी तरह खुद को संभालते हुए कहते हैं की सबकुछ ठीक हो गया,मैं बहुत खुश था,लेकिन शुरुआत से अंतिम तक मंडल के अभिन्न सदस्य शिवम सोनी जिसके अनथक मेहनत के बदौलत ही आयोजन इस मुकाम पर पहुंचा था जैसे ही उसके साथ घटना घटित हो जाने और हमारे बीच से हमेशा के लिए उसके चले जाने की जानकारी हुई मैं तो उस वक्त अपने मंच पर ही था खड़े हालत में पछाड़ खा कर गिर पड़ा,सदस्यों द्वारा मुझे संभाला गया,क्योंकि अपने घर की जिम्मेवारी को बखूबी संभालने वाला शिवम जबसे श्री महावीर मंडल से जुड़ा था यहां भी उसे जो भी जवाबदेही दी जा रही थी उसे अपनी मेहनत के बदौलत जल्द पूरा कर देने वाला शिवम अब हमारे बीच नहीं है इसे मैं कैसे मान लूं,आप सबों के कहने से कैसे स्वीकार लूं की अब वो कभी नहीं आएगा,फिर से रोते हुए कंचन कहते हैं की वो अभी आएगा भईया,और सबको बताएगा की उसने पलामू में क्या आकलन किया था,और साथ ही अभी बहुत काम बाकी है,वो आएगा,हम सबों का शिवम आएगा |