विधायक ने पुलिस पर लगाया बड़ा आरोप
81 विधायक, राज्यसभा व लोकसभा सांसद साथ में पीएम से स्थानीयता के मामले में मांगें मार्गदर्शन : जयराम महतो
दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज़, गढ़वा
डुमरी विधायक जयराम महतो ने अपने और बोकारो एसपी के बीच गोपनीय बातचीत का खुलासा किया है। यह गोपनीय बातचीत बोकारो घटना को लेकर थी। जिसमें विधायक जयराम महतो गोलीबारी के बाद मौके पर पहुंचे थे। जयराम महतो शनिवार को जेकेएलएम के कार्यक्रम में भाग लेने पलामू पहुंचे थे।
शनिवार को विधायक जयराम महतो ने पलामू परिसदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने बोकारो एसपी से हुई बातचीत की जानकारी मीडिया से साझा की। जयराम महतो ने कहा है कि बोकारो घटना के बाद उन्होंने तत्कालीन एसपी से मुलाकात की थी। एसपी का तबादला हो गया है। इसलिए सारी बातें मीडिया में रख रहा हूं। उस दौरान एसपी ने कहा था कि हमें सरकार का पक्ष रखना पड़ता है। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो बड़ा बाबू को वहां जाना चाहिए था। इतना तो डरपोक नहीं होना चाहिए था। एसपी ने हमसे ये बातें कही थीं। क्योंकि एसपी हमारे ही उम्र के हैं, सिर्फ दो साल बड़े हैं।
जयराम महतो ने कहा कि उस दौरान कई बातें कही गयीं। एसपी ने उस समय कहा था कि मीडिया में कही गयी बातों को दिल पर न लें। क्योंकि हमलोगों की भी बाध्यता होती है। हालांकि मीडिया में उन्होंने कुछ और कहा था।
जयराम महतो ने मीडिया से कई बिंदुओं पर बात की। उन्होंने कहा कि बोकारो क्षेत्र में खनन की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। पुलिस इंस्पेक्टर बैलगाड़ी की तरह बालू और कोयला की गाड़ी को हांकते हैं। विधायक होने के नाते वे इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार को इस मामले में कार्रवाई करने की जरूरत है।
सरकार पलामू को बनाए राज्य की उपराजधानी: मीडिया से बात करते हुए जयराम महतो ने कहा कि झारखंड सरकार ने चुनाव के दौरान कई घोषणाएं की थीं। पलामू को उप राजधानी बनाने का मामला भी उठा था। झारखंड सरकार को पलामू को उपराजधानी बनाना चाहिए। जयराम महतो ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भी उनकी चर्चा हो रही है। झारखंड में उन्होंने जो मुद्दे उठाए थे। वे बिहार में भी उठ रहे हैं। चाहे वह स्थानीयता का मामला हो या नियोजन का।
जयराम महतो ने कहा कि वे क्षेत्र भ्रमण के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में गए थे। वहां एक अच्छी बात यह है कि लोग वहां काम तो कर सकते हैं। लेकिन वहां संपत्ति नहीं खरीद सकते। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि झारखंड की स्थानीय नीति अभी तक नहीं बन पाई है। उन्होंने सदन में कहा था कि सभी 81 विधायक, राज्यसभा सांसद, लोकसभा सांसद एक साथ प्रधानमंत्री के पास जाएं और इस मामले में मार्गदर्शन मांगें।