यदि सरकार मदद नहीं कर पाती तो कैंसर से मरने के पहले खुदकुशी की अनुमति दे दे

यदि सरकार मदद नहीं कर पाती तो कैंसर से मरने के पहले खुदकुशी की अनुमति दे दे

पितृहीन अति निर्धन दिव्यांग कैंसर पीड़ित ने लगाई सरकार व लोगों से मदद की गुहार


दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज गढ़वा

सरकार इलाज नहीं करा सकती तो जहर खा कर आत्महत्या करने की अनुमति दे दे। घोर गरीबी, दिव्यांगता व ऊपर से कैंसर से परेशान युवक ने व्यग्र होकर उक्त पंक्ति कही। वह कैंसर जैसी अति घातक बीमारी से ग्रस्त है। लेकिन घोर गरीबी के कारण इलाज नहीं करा पा रहा। यह मामला झारखंड के गढ़वा जिलांतर्गत कांडी प्रखण्ड क्षेत्र अंतर्गत लमारी कला पंचायत के हरिगावां गांव का है। जहां फूस की झोपड़ी में निवास करने वाले दोनों पैर से दिव्यांग 35 वर्षीय एक युवक रंजीत कुमार पासवान उर्फ गुड्डू पासवान पिता स्वर्गीय रामचन्द्र पासवान रहता है। उसने मीडिया को जानकारी देते हुए अपनी व्यथा बताई। उसने कहा कि पिछले एक वर्ष से उसकी कमर पर एक घाव था। जिसने ट्यूमर का रूप धारण कर लिया। पैसे के अभाव में वह इलाज कराने से असमर्थ रहा। जब स्थिति और बिगड़ी तो वह किसी प्रकार कर्ज के पैसे लेकर वाराणसी स्थित हेरिटेज अस्पताल पहुंचा। वहां डॉक्टरों ने इन्फेक्शन का संदेह जाहिर किया। जांच के लिए घाव का सैम्पल लेकर भेजा गया। रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सक ने कैंसर बताया। रंजीत कैंसर का नाम सुनते ही काफी भावुक हो गया। जो पापी पेट की भूख से नहीं लड़ पा रहा वह दिव्यांग अति भयावह कैंसर से कैसे लड़ेगा। उसे घोर चिंता सताने लगी कि कैंसर एक घातक बीमारी है। रंजीत ने बताया कि उसे दिव्यांग पेंशन मिलता है। लेकिन उससे इलाज कराना असम्भव है। उसने मीडिया के माध्यम से समाज के दरियादिल नेताओं, अधिकारियों व समाजसेवियों से अनुरोध किया है कि इस समस्या को सरकार तक पहुंचाते हुए आर्थिक मदद दिलाएं और खुद भी सहयोग करें। उसका सौ गुना आपको मिलेगा। साथ ही प्रदेश व देश की सरकार से उसने मांग की है कि असाध्य बीमारी के इलाज के लिए चालू योजना में उसे शामिल कर मदद करें। कागजी कार्यवाही करनेवाला भी उसके पास कोई नहीं है। इसके लिए भी समाज के सहृदय लोग आगे आकर उसका काम करा दें। शायद आपके प्रयास से एक असहाय जिंदगी बच जाए। किसी बेहतर अस्पताल में कैंसर का इलाज हो जिससे वह ठीक हो जाए। रंजीत का कहना है कि सरकार मैं मरना नहीं चाहता हूं, जीने की लालसा है मेरी। यदि कोई व्यक्ति या सरकार मेरे प्रति कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो अंततः कैंसर की बीमारी से मरने से पहले आपके आदेश से जहर खा कर आत्महत्या कर लूंगा। उसने बताया कि बचपन में ही पिता का साया मेरे सिर से उठ गया। मेरी मां है जिसका खर्च भी जैसे-तैसे करके मैं ही चलाता हूँ। मैं अपाहिज, विवश व लाचार हूँ। रणजीत ने इस विषयक एक आवेदन लिखकर प्रखंड विकास पदाधिकारी कांडी को भेजा है। उसने कहा कि सरकार के ही प्रतिनिधि अधिकारी बीडीओ को उसने आवेदन दे दिया है। इससे आगे की उसको सामर्थ्य नहीं है।

कैंसर पीड़ित रंजीत की खाता संख्या- 33210010652
स्टेट बैंक कांडी व मोबाइल का फोन पे नम्बर 8340518086 है। जिसपर दयालु लोग रंजीत की मदद कर सकते हैं।

क्या कहा बीडीओ ने :- इस विषय में बीडीओ राकेश सहाय ने कहा कि कैंसर पीड़ित रंजीत से मिलकर वे उसके इलाज की व्यवस्था कराते हैं। कहा कि मुख्यमंत्री असाध्य रोग योजना से भी उसकी मदद कराएंगे।

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Ashutosh Ranjan

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