जांच में बजा था अलार्म : प्रशासन
आशुतोष रंजन
गढ़वा
आज संभवतः दिन का साढ़े बारह बज रहा था,गढ़वा के क्या आम और क्या ख़ास सभी अपने अपने काम में व्यस्त थे,लेकिन प्रत्याशी और उनके समर्थकों की नज़र तो बाज़ार समिति स्थित स्ट्रांग रूम के तरफ़ ही थी,हम थी तो ग़लत ही कह रहे हैं क्योंकि तेरह नवंबर की शाम से उनकी नज़र उधर ही जमी हुई है क्योंकि उनकी सत्ता की क़िस्मत वहीं रखे हुए ईवीएम में क़ैद है,सो आज जैसे ही अलार्म बजा क्या प्रत्याशी और क्या उनके समर्थक सबके पेशानी पर बल आ गया,प्रत्याशी तो दूसरे चरण के चुनाव को ले कर दूसरे विधानसभा क्षेत्र में जमे हुए हैं,लेकिन अलार्म बजते और उसकी जानकारी होते ही प्रत्याशी के समर्थक स्ट्रांग रूम के आस पास पहुंचे और जानकारी से अवगत होने लगे,जिस तरह की सुरक्षा व्यवस्था वहां मुस्तैद है,ऐसे में वहां कुछ गलत हो जाना और कुछ गलत कर देना तो किसी सूरत में संभव नहीं है,लेकिन सभी को एक मात्र संदेह यही हुआ कि स्ट्रांग रूम में कुछ गड़बड़ी की जा रही थी उसी को ले कर अलार्म बजा,जबकि बात प्रशासनिक अधिकारी की करें जिनके द्वारा अचानक अलार्म बजने को ले कर जो जानकारी दी गई उसके अनुसार आपको बताएं कि वहां एक ओर बैंक भी है तो दूसरी ओर स्ट्रांग रूम भी है,ऐसे में दोनों जगहों पर फायर अलार्म लगाया गया है,जिसे कई बार बजा कर जांच किया जाता है तो वहीं उसके पास कुछ हरक़त होने के बाद भी वो बज उठता है,लेकिन आज जिस अलार्म के बजने के बाद प्रत्याशी और उनके समर्थकों की धड़कन बजी,उसका एकमात्र कारण यही रहा कि उक्त फायर अलार्म का जांच किया जा रहा था जिस कारण वो बज उठा,इसलिए जो संदेह बना हुआ है उसे मन से बाहर निकाल दें और 23 तारीख़ के उस वक्त का इंतज़ार करें जब जन द्वारा दिए गए मत की आपके खुली आंखों के सामने गिनती होगी,जो आपके प्रत्याशी की जीत और हार को सदृश्य ज़ाहिर कर देगा।