एक बार फिर जादूगर शंकर सम्राट की मायानगरी गढ़वा में

एक बार फिर जादूगर शंकर सम्राट की मायानगरी गढ़वा में

पहली बार मल्टीमीडिया इफेक्ट पर आधारित खेल

अमेरिका से लाइव टीवी

पलक झपकते स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी गायब

गढ़वा के स्टेज पर डायनासोर प्रकट

टाउन हॉल में मायानगरी का उद्घाटन 7 नवंबर की संध्या 6.30 बजे




दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा


गढ़वा : तनाव के बीच जी रही पूरी मानवता के स्वस्थ मनोरंजन के लिए जिला मुख्यालय गढ़वा में एक बार फिर जादू कला के सम्राट जादूगर शंकर सम्राट का आगमन हो गया है। वह 7 नवंबर की संध्या 6:30 बजे से गढ़वा जिला के साथ-साथ पड़ोस के तीन अन्य राज्यों की बहुत बड़ी आबादी को तनाव मुक्त दिनचर्या प्रदान करने के लिए जादू कला के शो का शुभारंभ करेंगे। मालूम हो कि जादू की दुनिया के सबसे सशक्त हस्ताक्षर शंकर सम्राट का जिला मुख्यालय गढ़वा में तीसरी बार आगमन हुआ है। 6 नवंबर को टाउन हॉल गढ़वा में आयोजित प्रेस वार्ता में जादूगर शंकर सम्राट ने खुद के एवं जादू कला के विषय में बहुत सी जानकारी प्रेस के साथ साझा की। उन्होंने बताया कि शंकर सम्राट मात्र 15 वर्ष की आयु से जादू की दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं। इस दुनिया में उन्हें आए अभी तक 20 वर्ष बीत चुके हैं। संप्रति वह मात्र 35 वर्ष की अवस्था में भारत देश के अनेक राज्यों के साथ-साथ विदेश में भी अपनी कला से दर्शकों का स्वस्थ मनोरंजन कर रहे हैं। सैकड़ो नहीं हजारों की संख्या में वरिष्ठ अधिकारियों, राजनेताओं, व्यवसायियों एवं पत्रकारों तथा जन सामान्य के बीच जादूगर शंकर सम्राट एवं उनकी टीम को केवल प्रशंसा मिली है। वह बिहार राज्य की राजधानी पटना के निकट फुलवारी शरीफ के रहने वाले हैं। उन्होंने मास्टर ऑफ कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री ले रखी है। सबसे बड़ी बात कि अभी तक मात्र 35 वर्ष की अवस्था में उन्होंने जादू के 40000 शो प्रस्तुत कर चुके हैं। यह सभी शो बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश एवं अन्य राज्यों में आयोजित किए गए हैं। इसके साथ ही काठमांडू, मस्कट, सिंगापुर एवं अन्य देशों में भी इन्होंने जादू का शो आयोजित कर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी हैं। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए शंकर सम्राट ने कहा कि जादू से लोगों के दिमाग से अंधविश्वास को हटाना एवं लोग तंत्र मंत्र के चक्कर में नहीं पड़े उनका यही उद्देश्य है। यह एक कला है जो विज्ञान पर आधारित है। लेकिन आज जादू एक लुप्त होती जा रही कला है। यह भारतवर्ष से उत्पन्न 64 कलाओं में सर्वश्रेष्ठ कला है। जो विदेशों में फल फूल रहा है। इस लुप्त होती कला की धरोहर को बचाना ही हम सब का उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने समाज के सभी वर्ग प्रशासनिक, राजनीतिक, सामाजिक, व्यवसायिक के लोगों से सहयोग की उम्मीद करते हैं कि उन्हें आवश्यक सहयोग मिलेगा। कहा कि जादू विज्ञान और योग पर आधारित कला है।शंकर सम्राट ने सभी लोगों को आमंत्रित करते हुए कहा कि हमारी माया नगरी में आकर इस कला से अवश्य रूबरू हों। इस दौरान पहली बार मल्टीमीडिया इफेक्ट पर आधारित खेल है। जो कि पहली बार लोगों को देखने को मिलेगा। प्रमुख खेलों की जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिका का लाइव टीवी, पहली बार पलक झपकते स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी का गायब हो जाना, एक चलते पंखे से इंसान का पार हो जाना, एक आरा मशीन से लड़के का दो टुकड़ा हो जाना, मिस्र देश की प्रेम कहानी, जापान के भूत और भूतों का डांस, सुंदरी बन गई खूंखार जानवर, इच्छाधारी नागिन का मॉडर्न आर्ट, हवा में तैरता हुआ बक्सा जिससे लड़की का प्रकट होना, जलते हुए आग के बीच से लड़की का प्रकट होना, चीन वॉल कप म्यूजिक एंड ट्विस्टिंग लेडी और ऐसे अनेक 36 बड़े आइटम आपको देखने के लिए मिलेंगे। इसलिए अधिक से अधिक संख्या में जिला मुख्यालय गढ़वा के टाउन हॉल में शंकर सम्राट की माया नगरी में आकर अपनी तनाव भरी व्यस्त दिनचर्या में प्रफुल्लित होकर अपने कार्य के लिए फिर से फूल रिचार्ज हो जाएं। अवश्य आइए आपका स्वागत है।

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Ashutosh Ranjan

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