पापी पेट का सवाल हल करने परदेस गए एक और मजदूर युवक की जिंदगी बेकारी की बलिवेदी पर कुर्बान

पापी पेट का सवाल हल करने परदेस गए एक और मजदूर युवक की जिंदगी बेकारी की बलिवेदी पर कुर्बान

यहां कोई काम नहीं मिलने पर चेन्नई में सरिया सैंटरिंग में कर रहा था मजदूरी

वापस लौटने में ट्रेन से गिर कर चली गई जान

एकलौता कमाऊ बेटे को खोकर 20 वर्षों की परित्यक्ता मां छाती पीटकर कर रही चीत्कार

 

दिवंगत आशुतोष रंजन

 

प्रियरंजन सिन्हा 

बिंदास न्यूज, गढ़वा



गढ़वा : घर से पलायन कर मजदूरी कर पापी पेट का सवाल हल करने परदेस गए एक और मजदूर युवक की जिंदगी बेकारी की बलिबेदी पर बलिदान हो गई। इधर कोई काम नहीं मिलने के कारण पलायन कर परिवार पालने वाले दर्जन से लेकर डेढ़ दर्जन युवा मजदूरों की प्रतिवर्ष इन्हीं परिस्थितियों में मौत हो जाती है। इस प्रकार उनके हिस्से में पैसे से अधिक मौत आती है। और वे कफ़न में लिपटकर घर लौट आते हैं। गढ़वा जिलांतर्गत कांडी थाना क्षेत्र के लमारी कला गाँव निवासी उदय राम का 25 वर्षीय पुत्र मुकेश कुमार की मृत्यु ट्रेन से कट जाने के कारण हो गयी। घटना गुरुवार की है। उदय राम की दो शादी है। मुकेश उदय राम की पहली पत्नी का छोटा पुत्र था। मुकेश की पढ़ाई आर्थिक तंगी के वजह से पूरी नहीं हो पाई। मुकेश चेन्नई में पिछले 5 वर्षों से ठेकेदार कोल्हुआ पलामू निवासी सोनू राम  के ठेकेदारी में सरिया सैंटरिंग का काम करता था। मुकेश सोमवार को चेन्नई से अपने घर लमारी कला के लिए ट्रेन से निकला था। इसी क्रम में डेहरी ऑन सोन रेलवे स्टेशन के नजदीक  रेलवे पटरी पर झाड़ी के समीप ट्रेन से गिर गया। जिससे उसाका बायां पैर कट गया और बुरी तरह चोट लगने की वजह से माथा फट गया। जिससे उसकी मृत्यु हो गई। मृतक की माता प्रभा देवी व मृतक दो भाई होते हैं। बड़े भाई मिथिलेश कुमार जो बाहर कहीं मजदूरी करता है। मृतक बहुत गरीब परिवार से आता है। समाचार लिखे जाने तक मृतक का शव घर पर नही आया था। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। इधर मृतक का शव पता करने तथा पोस्टमार्टम कराने से लेकर सभी कार्यों में लमारी कला पंचायत के पूर्व मुखिया गीता देवी के पुत्र सह वर्तमान युवा भाजपा नेता संतोष कुमार सिंह का काफी योगदान रहा। संतोष कुमार सिंह सूचना मिलते ही परिजनों से पहले डेहरी ऑन सोन पहुंचकर स्टेशन मास्टर, रेलवे पुलिस, डालमिया नगर थाना पुलिस से संपर्क कर शव का पहचान करते हुए सासाराम में शव का पोस्टमार्टम कराने में परिजनों को काफी सहयोग किया।

  • मुकेश पंचतत्व में विलीन
  • मां के बुढ़ापे की लाठी को भस्मीभूत होते देख बरस पड़ीं दर्जनों आंखें

पलायन कर परदेस में मजदूरी कर लौटते समय ट्रेन से गिरकर मृत युवा मजदूर मुकेश पंचतत्व में विलीन हो गया। शुक्रवार की देर शाम गांव में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। मालूम हो कि कांडी थाना क्षेत्र के लमारी कला गांव निवासी युवा मजदूर मुकेश कुमार 5 साल से चेन्नई में सरिया सैंटरिंग के काम में मजदूरी कर रहा था। घर लौटते समय गुरुवार को डेहरी ऑन सोन रेलवे स्टेशन के निकट ट्रेन से गिर जाने के कारण उसकी दुखद मौत हो गई। इस घटना के बाद से जीवन भर की दुखियारी मुकेश की मां का रो-रो कर बुरा हाल है। मुकेश ही घर का इकलौता होशियार एवं कमाऊ सदस्य था। उसे भी क्रूर काल ने उससे छीन लिया। बताते चलें कि 20 साल पहले मुकेश के पिता उदय राम एक दूसरी महिला के साथ घर छोड़कर चले गए थे। जो आज तक वापस नहीं लौटे। किसी तरह हाड़ तोड़ मेहनत मजदूरी करके अकेली महिला ने तीन बच्चों का पालन पोषण किया। बड़ा बेटा भी बाहर कमाने गया है। जो अभी तक वापस नहीं लौटा। छोटे बेटे ने अपने भाई मुकेश को मुखाग्नि दी। उल्लेखनीय है कि इस महिला के छोटे और बड़े बेटे दोनों मंदबुद्धि के हैं। एक मुकेश ही ठीक-ठाक एवं होशियार तथा कमाऊ सदस्य था। उसकी अभी शादी भी नहीं हुई थी। जो इस अति दुखद हादसे में सबको छोड़ गया। इस भारी विपत्ति से गांव के लोग भी मर्माहत हैं। इस परिवार में अब ऐसा भी कोई नहीं बचा कि कानूनी प्रावधान के अनुसार इस रेल हादसे को लेकर मुआवजा के लिए दौड़ धूप करके इसका लाभ प्राप्त कर सके। वह तो भला हो इसी गांव के निवासी पूर्व मुखिया के पुत्र युवा नेता संतोष कुमार सिंह ने काफी मेहनत मशक्कत और दौड़ धूप के बाद पोस्टमार्टम आदि की सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव को गाड़ी से उसके घर रवाना कर दिया। अन्यथा दुखियारी मां को मृत बेटे के शव से भी भेंट नहीं हो पाती।

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Ashutosh Ranjan

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