ग्रामीणों से की बात,गांव वाले बोले,अब बहुत सुकून है ज़िंदगी में


आशुतोष रंजन
गढ़वा

मुझे ना तो बताने और ना ही लिखने की जरूरत है की किस रूप में अपने राज्य का गढ़वा जिला नक्सल प्रभावित था,हम आप अगर बाहर किसी प्रदेशों में जाते थे और सामने वाले को जब हमारे घर के बारे में जानकारी होती थी तो तपाक से यही बोलता था की अरे वही गढ़वा न जहां वहां के निवासियों से ज़्यादा नक्सली रहा करते हैं,और सुनने के बाद हमारे पास बस इतना ज़वाब होता था की पुलिसिया प्रयास जारी है जल्द ही हमारे ऊपर से यह कलंक हटेगा,और हमारा वो ज़वाब आज सत्य साबित हुआ,आज हमारे आपके ऊपर नक्सली जिले वाला कलंक धूल गया और हम नक्सल मुक्त हो गए तभी तो आज जहां एक ओर फतह करने वाले जवान तिरंगा फहरा कर आह्लादित होते हुए जोश से लबरेज़ हैं तो वहीं दूसरी ओर राज्य के वरीय अधिकारी उन तक पहुंच उनके हौसले को परवाज़ दे रहे हैं,आज कौन अधिकारी उन तक पहुंचा और उनके द्वारा क्या कहा गया,आइए आपको इस ख़ास ख़बर के जरिए बताता हूं।

जवानों के हौसले को दिया परवाज़: – एक फुंसी से शुरू हो कर नासूर का रूप ले चुके नक्सलियों से गढ़वा जिला को पूरी तरह मुक्त करने को ले कर दशकों से जारी प्रशासनिक प्रयास का परिणाम आख़िर उस रोज़ सामने आया जब चारों ओर से सिमट कर बूढ़ा पहाड़ रूपी एक पॉकेट में सिमटे नक्सलियों को कुछ माह पहले समूल रूप से खदेड़ दिया गया,और हमारा जिला नक्सल मुक्त हो गया,जिस रोज़ अंतिम कार्रवाई हुई उस रोज़ जवानों और अधिकारियों द्वारा उक्त बूढ़ा पहाड़ की चोटी पर विजयी पताका तिरंगा फहराया,जो आज भी उसी विजयी शान से लहराते हुए जीत की याद दिला रहा है,उस जीत के बाद ऐसी बात नहीं है की अब प्रशासनिक कवायद बंद हो गई,बल्कि अभी भी पहाड़ की चोटी से ले कर नीचे और उसके आस पास दर्जनों पुलिसिया कैंप स्थापित हैं जहां हर वक्त जवान ठीक देश के उन जवानों की तरह नजरें जमाए मोर्चा संभाले हुए हैं जो देश के बाहरी दुश्मनों से लड़ने के लिए तैयार रहते हैं,उधर जोश से लबरेज़ सभी जवानों के उत्साह को बढ़ाने समय समय पर उन तक वरीय अधिकारी पहुंच रहे हैं,हम आज की बात करें तो सिआरपीफ डीजी एस एल थाउसेन बूढ़ा पहाड़ स्थित फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस पहुंचे,जहां उनके द्वारा बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराने में अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन करने वाले जवानों के अदम्य साहस की सराहना की,और कहा की आपके ही बदौलत ही हम आज बूढ़ा पहाड़ को उन आतताइयों से मुक्त करा पाए,अब हमें इसी तरह डटे रहना है ताकि वो पहाड़ की ओर देखने तक की हिमाकत ना कर सकें।

ग्रामीणों के बीच हुआ कंबल का वितरण: – जवानों से मिलने,उनसे बातचीत करते हुए उनके उत्साह को बढ़ाने के साथ साथ डीजी द्वारा वहां के उन ग्रामीणों से भी बातचीत की गई जो पिछले कई सालों से नक्सलियों के कारण एक घुटन भरी जिंदगी जीने को विवश थे,उन्होंने ग्रामीणों से पूछा की पहले और अब में आप क्या अंतर महसूस कर रहे हैं,उनके सवाल के जवाब में ग्रामीणों ने कहा की यह पूछने नहीं बल्कि हमारे चेहरे को देख कर महसूस किया जा सकता है,जहां हमारा जीवन खौफ के बीच गुजरता था आज का आलम है की हम एक सुकून भरी जिंदगी जी रहे हैं,और इसका सारा श्रेय आप सबों को जाता है,क्योंकि आपके साहस और समर्पण का ही नतीज़ा है की आज हमारे इस बूढ़ा पहाड़ के साथ पूरा जिला नक्सल मुक्त हो गया,उधर सीआरपीएफ के सिविक एक्शन प्लान के तहत डीजी द्वारा ग्रामीणों के बीच कंबल,मिठाई और फल का वितरण किया गया।

इनकी भी रही मौजूदगी: – इस मौक़े पर एसडीजी मध्य क्षेत्र वितुल कुमार,आईजी ऑप्स सिआरपीफ राजीव कुमार,आईजी झारखंड सेक्टर विनय नेगी,डीआईजी पलामू रेंज राजकुमार लकड़ा,एसपी गढ़वा अंजनी कुमार झा,सिआरपीफ 172 बटालियन के कमांडेंट नृपेंद्र कुमार सिंह सहित सिआरपीफ एवं पुलिस के अधिकारी मुख्य रूप से मौजूद रहे।