काश इनके जैसा और कोई होता: मां


आशुतोष रंजन
गढ़वा

किसी जरूरतमंद की मदद करना जहां एक ओर उस व्यक्ति को राहत पहुंचाता है वहीं ख़ुद को सुकून भी देता है,पर कुछ लोग ही होते हैं जो मदद करते हैं,लेकिन झारखंड के गढ़वा में एक व्यक्ति ऐसा भी है जो एक ओर जहां सरकारी राशि के ज़रिए भी मदद पहुंचाता है,तो वहीं दूसरी ओर व्यक्तिगत रूप से भी सहयोग करना अपना दायित्व समझता है,हम बात यहां नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि संतोष केशरी की कर रहे हैं जिनके द्वारा परिषद के ज़रिए योजना कार्यान्वित कराते हुए पूरे क्षेत्र को विकसित किया जा रहा है तो वहीं समस्याग्रस्त लोगों को निजी रूप से सहयोग भी किया जा रहा है,अब आज उनके द्वारा किसे किस रूप में मदद पहुंचाई गई,आइए आपको बताते हैं।

बेटी भी कहां हौसला हारी है: – मां बेटी पर अपनी जान वारी है,तो बेटी भी कहां हौसला हारी है”, जी हां दिन का उजाला हो रात का स्याह अंधेरा,उसके लिए तो हर वक्त एक बराबर जैसा है क्योंकि उसकी आंखें उस स्थिति में नहीं है जो दिन रात के अंतर को समझ सके,हम बात यहां नगर परिषद के वार्ड संख्या दो निवासी हुस्नआरा खातून की बेटी रुखसार परवीन की कर रहे हैं,जिसकी आंखों की रौशनी 90% जा चुकी है,ख़ुद से कहीं जाने और कुछ भी कर पाने में अक्षम रखसार आज अपनी मां पर पूरी तरह आधारित है,वर्तमान गुजरते वक्त में उसकी मां ही उसके लिए सहारा हैं,कभी ख़ुद के बदौलत एक जिंदादिल जिंदगी जीने वाली रुखसार को जब बिस्तर से उतर कर चलने की ज़रुरत महसूस होती है और उसे उसकी मां का सहारा मिलता है तो उसकी आंखें बरस पड़ती हैं,तो उधर उसे कुंहकता देख उसकी मां भी भावुक हो जाती हैं,लेकिन बेटी का हौसला बरकरार रहे और वो टूटे नहीं इसलिए वो उसके सामने ख़ुद को संभालने की कोशिश करती रहती हैं,इस विषम हालात के बाद भी जहां एक ओर बेटी में हौसला समाहित है तो वहीं मां की भी जीवटता देखते बनती है,क्योंकि किसी भी तरह वो बेटी की आंखों के आगे छाए अंधेरे को दूर करते हुए उसे एक बार फ़िर से उजाला दिखाने की उम्मीद पाली हुई हैं और उस निमित उनका प्रयास अनवरत जारी है।

क्योंकि संतोष की मदद ने जगाई रौशनी की उम्मीद: – अब दीदार कर सकेगी उसकी दीद,क्योंकि संतोष की मदद ने जगाई उसे रौशनी की उम्मीद”, सहयोग के पर्याय बन चुके नगर परिषद के अध्यक्ष प्रतिनिधि संतोष केशरी को जैसे ही मालूम चला की अपने ही क्षेत्र के वार्ड संख्या दो निवासी रुखसार की आंखें दुनिया देखने से महरूम हो चुकी हैं तो वो तुरंत सीधे शरीफ मुहल्ला स्थित उसके घर पहुंचे,और उसकी मां से उसके हालात के बावत पूरी जानकारी ली, रुखसार के विषय में जैसे ही उसकी मां द्वारा पूरी बात बताई गई और यह कहा गया की जब जब उसे किसी का सहारा लेना पड़ता है तो उसे ऐसा लगता है मानो मेरा जीवन अब बिखर सा गया है जिसे समेट पाना अब मुश्किल है,पूरी बातें सुन संतोष केशरी भावुक हो गए,और उनके द्वारा कहा गया की जब रुखसार के हालात के बारे में सुन कर ऐसा लग रहा है तो बेशक समझा जा सकता है की वो हर क्षण कैसा महसूस कर रही होगी जिसे किसी के लिए भी शब्दों में बयां करना कठिन है,उधर संतोष केशरी द्वारा रुखसार के इलाज़ वास्ते तत्काल पच्चीस हज़ार रुपये की सहयोग राशि दी गई,साथ ही कहा गया की आप शंकर नेत्रालय जा कर इलाज़ कराइए,मुझे पूरी उम्मीद है की रुखसार पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएगी और एक बार फिर से वो दुनिया देख पाएगी,साथ ही कहा की पिता के साए से महरूम गढ़वा की बेटी रुखसार के आंखों की रौशनी वापस आए और वो हम सबों की तरह उजालों से भरी दुनिया देख सके,इसलिए इसे मदद करने हेतु और भी लोगो को आगे आने की जरूररत है।

इनकी भी रही मौजूदगी: – रुखसार को देखने,उसका हाल जानने और साथ ही उसे संतोष केशरी द्वारा सहयोग दिए जाने के मौक़े पर मुख्य रूप से पिंटू ठाकुर,विशु सोनी,अप्पू आलम, नौशाद आलम,तनवीर खान, आजाद अंसारी,फरीद अंसारी,अकरम अंसारी,समीर खान,अहमद अंसारी सहित कई लोग मौजूद रहे।