लें संकल्प,पुलिस का सम्मान करते आए हैं और करते आयेंगे


आशुतोष रंजन
गढ़वा

किसी बड़े आयोजन को सफ़ल बनाने के लिए अधिकारी और कर्मियों को कैसे दिन रात एक करनी पड़ती है उसे वो ही जानते हैं,उसका ज़रा सा भी अहसास हम आप नहीं कर सकते,हम बात यहां बंशीधर महोत्सव की कर रहे हैं जहां दो दीनी आयोजन को सफल बनाने के लिए सिविल प्रशासन से ले कर पुलिस प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है,लेकिन उसके बाद भी लोग समझने को तैयार नहीं हैं,जो कल देखने को मिला उसके अनुसार अहले सुबह से देर रात तक अधिकारी और पुलिसकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी,पास जांचने के साथ साथ निर्धारित स्थल पर लोगों को बैठाने के लिए पुलिस अधिकारी और जवानों को काफी परेशान होते देखा गया,लेकिन उसके बाद भी उन्हें ही लोग दोषवार ठहराते देखे गए,उन्हें दोषी ठहराने से पहले एक बार जान लेना चाहिए की एक ओर जहां वो हमारे और आपके लिए ही वहां मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं,आपको कहीं परेशानी ना हो इसलिए उनके द्वारा जांच पड़ताल की जाती है और आपको निर्धारित स्थान पर बैठने को कहा जाता है,ऐसे में अगर थोड़ी सी परेशानी होती है तो उसे नज़रअंदाज़ कर देना चाहिए क्योंकि आप वहां पर मौजूद पुलिस के अधिकारी और जवानों की परेशानी को महसूस नहीं कर सकते,साथ ही आप ख़ुद सोचिए एक ओर आप यह कहते हुए भी नहीं थकते की इन्हीं के बदौलत आप आज दिन के उजाले की बात कौन करे रात के अंधेरे में भी बेखौफ हो सड़क पर आवाजाही कर रहे हैं,साथ ही अपने अपने घरों में भी सुकून का वक्त बिता रहे हैं,और उधर दूसरी ओर जब वही पुलिसकर्मी आपके लिए ही वहां एक सुबह से देर रात तक खड़े हो कर व्यवस्था बनाने में जुटे हैं तो आप उन्हें दोषी ठहराने में जुटे हुए हैं,आप ज़रा यहां सोचिए की इतनी व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के बाद भी आपको अंदर में कभी कभी परेशानी महसूस हो रही है,अंदाज़ा लगाइए अगर ये उस आयोजन स्थल पर नहीं होते और कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं होती तो फिर क्या हाल होता,इसलिए जिस तरह हम आप पुलिस अधिकारी और जवानों का सम्मान करते आए हैं ठीक उसी तरह उनका सहृदय सम्मान करते रहें।