झारखंड के लिए कुछ नहीं इस बजट में


आशुतोष रंजन
गढ़वा

केंद्रीय बजट को कोई सराह रहा है तो किसी को यह बजट रास नहीं आ रहा,अगर बात हम सरकारी अधिवक्ता सह झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय पदाधिकारी परेश तिवारी की करें तो उनके अनुसार यह बजट कुछ नहीं बल्कि तनिक भी ख़ास नहीं रहा,झारखंड के लिए इस बजट में कुछ नहीं है,साथ ही उनके द्वारा कहा गया की आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक में सिंचाई परियोजना के लिए 5,300 करोड़,देश के लिए कोई यूनिफॉर्म कोई सिंचाई पॉलिसी नहीं,यूरिया सब्सिडी में पिछले साल की तुलना में 15% [लगभग 23,000 करोड़] की भारी कमी आई है,विगत वर्षों से पूरा देश मंहगाई की मार झेल रहा है,आटा,दाल,तेल,साबुन आदि जिनका प्रयोग आम आदमी प्रतिदिन करता है,उसके दाम बहुत बढ़ गये हैं,कुल मिलाकर संक्षेप में कहें तो 2023 के इस बजट से गांव गरीब,किसान और बेरोजगारो को झुनझुना मिला,बस केंद्र की ओर ताकते रहिए और झुनझुना बजाते रहिए।