जोरू की तरह ज़मीन से भी व्यक्ति की प्रतिष्ठा जुड़ी होती है


आशुतोष रंजन
गढ़वा

ज़ुबानी और जमीनी से जुदा WhatsApp और फेसबुक की राजनीति देखनी हो तो या तो आपको गढ़वा का रुख करना होगा या फिर यहां के नेताओं के WhatsApp स्टेटस और फेसबुक पोस्ट को नज़र करना होगा,जिसे देखते ही आप पूरी तरह समझ जायेंगें की कैसे सोशल मीडिया के ज़रिए राजनीति हो रही है,अब उसे आप स्वच्छ कहेंगें या गंदी,यह आपको समझना होगा,गुज़रे वक्त की बातों को छोड़ दें तो कल और आज दो पोस्ट किए गए हैं,जिसमें पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी द्वारा बोले गए कुछ बातों को पोस्ट किया जा रहा है,अब क्या पोस्ट किया गया है,और उस पोस्ट के जरिए क्या लिखा गया है आइए आपको बताते हैं।

एकदम दिमाग़ ख़राब हो गया है: – गढ़वा विधानसभा क्षेत्र के रंका अनुमंडल इलाक़े में किसी ज़मीन के मामले को ले कर वहां पहुंचे पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी द्वारा उनकी ज़मीन को बचाने और उन्हें उनका वाज़िब हक़ दिलाने को ले कर जहां एक ओर ख़ुद को प्रतिबद्ध बताया गया वहीं दूसरी ओर कई बातें बोली गईं,बोले गए उन्हीं कई बातों में से कुछ को कल पोस्ट किया गया जिसमें दिखाया गया की पूर्व विधायक मौजूद ग्रामीणों से पूछ रहे हैं की मेरे विरोधी मुझे बुड़बक कह रहे हैं,आप लोग ही बताइए क्या मैं आपको बुड़बक दिखता हूं,लोगों ने एक स्वर से कहा की बिल्कुल नहीं,ऐसा कैसे हो सकता है,आप तो जो भी बोल रहे हैं,लड़ रहे हैं वो हमारे लिए कर रहे हैं,अब आज की बात करें तो वहीं बोले गए बातों में से एक भाग को आज पोस्ट किया गया,जिसमें पूर्व विधायक कहते दिख रहे हैं की अगर किसी ज़मीन का रसीद नहीं है तो क्या आप उसे लूट लीजिएगा,मतलब मेरी बीबी सिंदूर नहीं लगाएगी तो क्या आप उसे लूट लीजिएगा,अब इसी बात को whats app के स्टेटस के साथ साथ फेसबुक वॉल पर पोस्ट किया जा रहा है,साथ ही पोस्ट करने के आलावे बहुत कुछ लिखा भी जा रहा है।

ज़मीन से भी व्यक्ति की प्रतिष्ठा जुड़ी होती है: – उधर ऐसे पोस्ट को ले कर पूर्व विधायक ने कहा की अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों के हक़ और हकुक के लिए वो कुछ भी बोल,सुन,और साथ ही कर गुजर सकते हैं,आप लोग ही बताइए की लोगों को उनका वाजिब अधिकार ना मिले,उनके हक के साथ साथ उन्हें दो वक्त का निवाला देने वाला ज़मीन लूट लिया जाए और मैं देखते हुए भी चुप रहूं यह मुझसे कैसे हो सकता हूं,मेरे जीवित रहते तो यह आजीवन संभव नहीं है,साथ ही कहा की ऐसे ही लूटे जा रहे एक ज़मीन के मामले को ले कर लोगों द्वारा बुलाए जाने पर वो रंका पहुंचे थे,जहां उन्हें ग्रामीणों द्वारा अपनी परेशानी बताई गई,उनकी बातों को सुन मेरे द्वारा कहा गया की गढ़वा विधानसभा क्षेत्र में जहां भी ज़मीन लूटे जाने के ऐसे प्रयास किए जाने के मामले सामने आ रहे हैं,वहां पहुंच मैं इस गोरखधंधे का पुरजोर विरोध कर रहा हूं,आपको हक़ दिलाने और आपकी ज़मीन लूटने से बचाने को ले कर मेरे द्वारा किए जा रहे प्रयास और बोले जा रहे बातों को ले कर मेरे विरोधी मुझे बुड़बक,पागल और ना जाने क्या क्या कह रहे हैं,अरे भाई वो कहते रहें मुझ पर इन सब बातों का कोई असर नहीं होता है,मैं अपने लोगों के लिए हर वक्त कुछ भी बोलने,सुनने और कुछ भी करने को तैयार हूं,अब आज मुझे मेरे लोगों ने बताया की कुछ विरोधियों द्वारा एक और पोस्ट किया गया है जिसमें आप बोल रहे हैं की अगर मेरी बीबी सिंदूर नहीं लगाएगी तो क्या उसे कोई लूट कर ले जाएगा,पहले तो मैं बहुत जोर से हंसा और फिर कहा की अरे दिमाग़ से मैं नहीं ऐसा पोस्ट करने वाले लोग दिवालिया हो गए हैं,अब भला वैसे अनपढ़ों को मेरे द्वारा बोले गए अल्फाज़ कैसे समझ आयेंगे,ऐसा बोलने के पीछे मेरा तात्पर्य यह था की अगर कोई गरीब व्यक्ति अभाव वश अपने ज़मीन में जोत कोड़ नहीं कर पा रहा है या ज़मीन होते हुए भी उसके पास उसका रसीद नहीं है तो क्या उस ज़मीन पर आपका हक़ हो गया और उसे आप लूट लीजिएगा,कुछ यही आज कल लगातार गढ़वा विधानसभा क्षेत्र में हो रहा है,जहां गरीबों के ज़मीन को लूट कर उन्हें भूमिहीन बनाया जा रहा है,तभी हमने कहा की जोरू की तरह ज़मीन से भी व्यक्ति की प्रतिष्ठा जुड़ी रहती है तो आप ही सोचिए जब ज़मीन लूटी जा रही है तो क्या उस व्यक्ति की प्रतिष्ठा नहीं जा रही है,इसीलिए हमने किसी दूसरे का नहीं बल्कि ख़ुद के बावत बोला की अगर मेरी बीबी सिंदूर नहीं लगाएगी तो क्या आप उसे ज़मीन जैसा लूट लीजिएगा,अब आप ही सोचिए मैंने क्या गलत कहा.?