देश के विकास के रास्ते में धार्मिक स्थल रुकावट बने यह बहुत गलत है: विपुल


आशुतोष रंजन
गढ़वा

किसी भी विषय पर बेबाकी से अपनी राय रखने और व्यक्तिगत या सार्वजनिक स्थलों पर जोरदार ढंग से उसे बयां करने वाले युवा समाजसेवी सह योगी सेना के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष विपुल दुबे द्वारा गढ़वा के कब्रिस्तान मुद्दे पर बोला गया,उनके द्वारा क्या कहा गया,आइए आपको इस ख़बर के ज़रिए पढ़ाते हैं।

विकास के लिए कई मंदिर हटाए गए हैं: – विपुल दुबे ने बिना किसी लाग लपेट के सीधे रूप में कहा की देश के विकास का बाधक धार्मिक स्थल बने यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है,इसी देश में विकास कार्यों के लिए कई हिंदू धार्मिक स्थलों को हटाया गया,कई मंदिर हटाए गए,पर किसी ने उसका विरोध नहीं किया किसी भी राज्य में हिंदू धार्मिक स्थल विकास का रोड़ा नहीं बना है,उन्होंने कहा कि गढ़वा में पिछले कुछ दिनों से एक ऐसे कब्रिस्तान का मुद्दा लेकर लोग बाईपास निर्माण कार्य को बाधित कर रहे हैं जो कागज में है ही नहीं,कहा कि पहले भी मुस्लिम समुदाय के लोगों से अचला कब्रिस्तान के लिए उसके ज़मीनी कागज़ात मांगे गए थे,पर वाज़िब कागज जमा नहीं करने पर सीओ की ओर से उक्त कब्रिस्तान को हटाने का निर्देश दिया गया था,उसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोग न्यायालय गए वहां भी कब्रिस्तान की जमीन से संबंधित कोई भी कागज जमा नहीं कर सके,जिसके बाद लोगों को अपने मामले को वापस लेना पड़ा, उसके बाद भी धार्मिक स्थल का नाम देकर विकास कार्य को प्रभावित करना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है,उन्होंने कहा कि राज्य में सड़क निर्माण कार्य के दौरान सैकड़ों मंदिर,श्मशान घाट और धार्मिक स्थल हटाए जाने के दरम्यान तो किसी ने विरोध नहीं किया था लेकिन आज अवैध कब्रिस्तान के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग प्रशासन पर दबाव बनाए हुए हैं,अगर यही स्थिति रहा तो एक भी विकास कार्य नहीं हो सकेंगे क्योंकि आने वाले दिनों में अगर धार्मिक स्थल विकास का रोड़ा बना तो आगे जितने भी योजनाएं चलेंगी उसमें अगर धार्मिक स्थल पड़ेगा तो उसे किसी को तोड़ने नहीं दिया जाएगा।