सुगम और सुरक्षित आवागमन के लिए प्रतिबद्ध है हेमंत सरकार: मंत्री


आशुतोष रंजन
गढ़वा

कालांतर से वर्तमान तक राज्य से ले कर देश पटल पर एक जिला अपने पिछड़ेपन के लिए चर्चित है,हम बात गढ़वा की कर रहे हैं,लेकिन कल का अविकसित जिला अब विकास कर रहा है,आख़िर कैसे,जानने के लिए आप इस ख़ास रिपोर्ट को पढ़िए।

अब बुझे चेहरों में चमक नज़र आती है: – सड़क के नाम पर चलने को पगडंडी,रहने को आवास की जगह खपड़ैल घर में रहने की विवशता,हलक तर करने के लिए चुआं ही जहां के लिए एकमात्र सहारा था वह जिला गढ़वा था,पर आज स्थिति बदल रही है,अविकसित जिले का विकास हो रहा है,और यह संभव हो रहा है स्थानीय विधायक सह सूबे के मंत्री मिथिलेश ठाकुर के दिली प्रयास से,ग्यारह साला संघर्ष के दरम्यान से ही जिले के पिछड़ेपन से दो चार होने वाले मिथिलेश ठाकुर द्वारा उस वक्त ही विकास का संकल्प लिया गया था,जो अब विधायक और मंत्री बनने के बाद उनके द्वारा उसे पूरा किया जा रहा है,जिसकी बानगी अनवरत देखने को मिल रही है,जिस इलाक़े में लोग कई दशकों से सड़क की राह ताक रहे थे,जहां लोगों को घर से मुख्य सड़क तक पहुंचने में घंटों गुज़र जाते थे आज उनके गांव में मंत्री सड़क की योजना ले कर पहुंच रहे हैं,जहां हर क्षेत्रों में एक दो नहीं बल्कि दर्जनों योजनाओं की एक साथ आधारशिला रखी जा रही है,कभी वो वक्त था जब जनप्रतिनिधि यह सोचा करते थे की अविकसित सड़कों के लंबे फेहरिस्त में से किस सड़क का निर्माण शुरू करूं,आज एक जनप्रतिनिधि यह भी हैं जिनके द्वारा लगातार सड़क निर्माण की स्वीकृति दिलाने के साथ साथ उसके निर्माण शुरू कराए जा रहे हैं,जिसका आलम है की ढूंढना पड़ रहा है की अब किस सड़क का निर्माण कराया जाए,मंत्री द्वारा एक रोज़ पहले स्वीकृत कराए गए सड़क की बात करें तो नामधारी कॉलेज से पचपड़वा तक 120 करोड़ रुपए की लागत से 24.5 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण की स्वीकृति दिलाई गई है,आपको बताएं की दशकों से लोग इसकी राह ताक रहे थे,कई चुनाव गुजरने और कई जनप्रतिनिधियों को मौक़ा दिए जाने के बाद भी जहां एक ओर ख़्वाब दिवास्वप्न ही बना हुआ था तो वहीं दूसरी ओर चेहरे बुझे पड़े थे,पर आज मंत्री के ईमानदार विकासीय पहल ने उनके बुझे चेहरों पर चमक ला दी है,साथ ही आवाम के हर ख़्वाब को पूरा करने को संकल्पित मंत्री द्वारा अपने वायदे के अनुसार इसकी स्वीकृति दिलाई गई,आपको यहां यह भी बताएं की इस सड़क के बन जाने से कोरवाडीह,चामा दुलदुलवा सहित क्षेत्र के कई गांव के लोगों को काफ़ी सहूलियत होगी,

ईमानदार प्रयास से पूरे हो रहे आस: – उधर जब भी मंत्री का लोगों से मिलना होता है तो लोगों द्वारा किए जाने वाले सहृदय स्वागत के वक्त वो बस एक ही बात कहा करते हैं की स्वागत मेरा नहीं बल्कि हर वक्त आपका होना चाहिए क्योंकि आपने ही मुझे हालात में बदलाव करने लायक समझते हुए मुझे मौक़ा दिया है,मेरी बस यही चाहत है की जहां एक ओर मैं क्षेत्र की बदहाल हालात में बदलाव करूं तो वहीं आपके मुरझाए चेहरे पर चमक ला सकूं,मैं कभी भी भूलता नहीं हूं उस वक्त को जब संघर्ष के दरम्यान आपके पास आता था तो आपके द्वारा बिना कुछ बोले हुए भी आपके मुरझाए चेहरे और आंखों की बुझी चमक स्याह हालात को बयां कर देते थे,उस वक्त मुझे कैसी कसक होती थी,मैं किस असहनीय पीड़ा से गुजरता था उसे शब्दों के ज़रिए ज़ाहिर करना मुश्किल है,मैं हर बार इतना ज़रूर कहता हूं की उसी वक्त मैंने संकल्प लिया था की आप मुझे जब भी मौक़ा देंगें,आपका जब भी आशीर्वाद मिलेगा,उस आशीर्वाद को एक निर्देश के रूप में दिल से आत्मसात करते हुए क्षेत्र की बदहाली को खुशहाली में बदलना शुरू कर दूंगा,इतना वक्त गुजर जाने के बाद शायद मुझे बताने की जरूरत नहीं है की किस रूप में मैं हालात को बदल रहा हूं,हां नहीं चाहते हुए भी एक बात ज़रूर कहना चाहूंगा की नेक नियत और ईमानदार प्रयास हों तो कुछ नहीं बल्कि बहुत कुछ किया जा सकता है,लेकिन इसी की कमी पूर्व के जनप्रतिनिधियों में नहीं होना क्षेत्र की बदहाली का कारण बना,पर अब ऐसी स्थिति नहीं रहेगी,सड़क रूपी बुनियाद पर विकास की बुलंद इमारत खड़ी करने को ले कर मैं दृढ़ संकल्पित हूं।

रेवड़ी की तरह बंटती थी विधायक मद की राशि: – उधर क्षेत्र में लोगों के चेहरों पर छायी रहती थी उदासी,और इधर रेवड़ी की तरह बंटती थी विधायक मद की राशि”,इस पंक्ति के साथ पूर्व के हालात को परिभाषित करते हुए मंत्री कहते हैं की ऐसी बात नहीं है कि गढ़वा के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए विकास की योजनाएं नहीं बनती थीं,एक दो नहीं बल्कि सैकड़ो और हज़ारों योजनाएं स्वीकृत होती थीं,पर अफ़सोस वो कभी धरातल पर नहीं उतरती थीं,तभी तो आज भी गांव विकास से कोसो दूर है,ऐसे में जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने विधायक निधि का बंदरबांट कर दिया जाता था,पर मैं उसका सदुपयोग कर रहा हूं,यहां भी मुझे बताने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि विधायक मद की राशि से किस तरह योजनाएं सरजमीन पर कार्यान्वित हो रही हैं,उसे आप बखूबी नज़र कर रहे हैं।

विकास के लिए संवेदनशील हो कर कार्य करने वाले मंत्री मिथिलेश ठाकुर की जहां एक ओर लोग दिली सराहना कर रहे हैं वहीं यह भी कह रहे हैं कि अब हमारे जिले के ऊपर लगे पिछड़ेपन का कलंक धूल जाएगा और हमारा गढ़वा विकसित कहलायेगा।