पूछ रहे ग्रामीण,क्या आप सच में हमारे साथ बैठे हैं.?


आशुतोष रंजन
गढ़वा

यह मुझे बताने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि आप बखूबी वाक़िफ हैं की किसी भी विधानसभा क्षेत्र के गांव में राजनेता आपको तब दिखाई देंगे जब चुनाव का दौर शुरू हुआ हो,दिन हो या रात आप अपने बीच नेता को पाएंगें,पर चुनाव के बाद शायद ही आम दिनों में आपको वो नेता नज़र आयेंगे,पर एक ऐसा भी क्षेत्र है जहां एक समाजसेवी और युवा नेता दिन के उजाले की बात कौन करे रात के अंधेरे में भी गांव में पहुंच बजाप्ते चौपाल लगा लोगों से मिलते हुए उनके समस्याओं को सुनते हुए जहां तक हो सकता है उसका समाधान कर रहा है,हम बात विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक प्रत्याशी बिकास दुबे की कर रहे हैं,आइए आपको इस ख़बर के ज़रिए उक्त चौपाल से वाक़िफ कराते हैं।

बिकास जान रहे लोगों का हाल: – गांव में लगा कर रात्रि चौपाल,बिकास जान रहे लोगों का हाल”, यह केवल एक मात्र तुकबंदी वाली पंक्ति नहीं बल्कि वो कोरी सच्चाई है जो प्रतिरोज़ नुमाया हो रहा है,पिछले कई माह से अहले सुबह से देर शाम तक अपने क्षेत्र में घूम घूम कर लोगों का हाल जानने वाले बिकास दुबे अब रात्रि चौपाल लगा कर लोगों से मुलाकात और बात कर रहे हैं,अब तलक दर्जनों गांव में उनके द्वारा चौपाल का आयोजन किया गया जहां मौजूद रहने वाले ग्रामीणों द्वारा उन्हें अपनी समस्याएं बताई गईं,उधर लोगों की परेशानी को सुनने के बाद जो तुरंत समाधान लायक था उसका त्वरित समाधान भी किया गया,साथ ही बताऊं की उक्त चौपाल प्रतिरोज़ ज़ारी है,जहां एक ओर वो अहले सुबह अपने आवास पर आने वाले लोगों से मिलते हुए उनसे उनकी परेशानी जान रहे हैं तो वहीं पूरे दिन क्षेत्र के कई गांव का दौरा कर ग्रामीणों से मिल रहे हैं।

क्या आप सच में हमारे साथ बैठे हैं: – एक समाजसेवी के तौर पर केवल अपने बीच आने और परेशानी जानने वाले नहीं बल्कि उसका समाधान करने वाले बिकास दुबे द्वारा जब गांव में रात्रि चौपाल लगा कर ज़मीन पर बैठ लोगों से बात की शुरुआत की गई तो उनके साथ बैठने वाले ग्रामीणों को सहसा विश्वास नहीं हो रहा है,क्योंकि आज तलक उनके द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि की बात कौन करे उनसे वोट ले कर उनका प्रतिनिधि बनने का सपना संजोए संघर्ष करने वाले किसी नेताओं द्वारा ऐसा नहीं किया गया की वो उनके साथ रात के अंधेरे में गांव में चौपाल लगा कर उनके साथ ज़मीन पर बैठे और उनसे उनका हाल जाने,लेकिन बिकास दुबे द्वारा किए जा रहे इस अभिनव पहल को देख वो अपनी समस्या उनसे बताने से पहले पूरी तरह भावुक हो जा रहे हैं,उधर उनके उस भावुकता को नज़र कर ख़ुद भी भावुक हो जाने वाले बिकास उनसे यही कह रहे हैं की अब आपको इस तरह मायूस होने की ज़रूरत नहीं है,मैं आपके आंखों से लरजते हुए इसी आंसू को पोछने और केवल आपसे आपका हाल पूछने नहीं बल्कि उस बदहाली को आपसे दूर करने ही आपके बीच आया हूं,आपकी समस्या अब आपकी नहीं हमारी है,और मैं उसे ख़ुद की परेशानी समझते हुए दूर करूंगा,बस आपका आशीर्वाद और आपके साथ की ज़रूरत है।