मुझे आज अहसास हुआ की लोग सच कहते हैं


आशुतोष रंजन
गढ़वा

रास्ते में कोई बड़ा पत्थर हो जिससे लोगों को ठोकर लगती हो साथ ही कोई अवरोध हो जिससे बेहद परेशानी होती हो जिस बावत लोग जनप्रतिनिधि से ले कर हम जैसे पत्रकार को बोलते हों,लेकिन जिस तरह जनप्रतिनिधि को उनके बात पर अब तलक यकीन नहीं हुआ ठीक उसी तरह मुझे भी विश्वास नहीं हुआ,पर कुछ दिनों पहले के साथ साथ आज तब मुझे उनकी बातों पर यकीन हो गया जब मैं उस अवरोध के कारण पिछले दिनों पूरे परिवार के साथ और आज पत्नी के साथ गिर कर चोटिल हुआ,मैं यह कोई कहानी नहीं बल्कि जो घटित हुई है उसे बयां कर रहा हूं।

बदनुमा दाग़ है यह सड़क: – हमने ख़बर का शीर्षक दिया है की बदनुमा दाग़ है यह सड़क,मैं इसी सड़क की बात तो कर रहा हूं,जो गढ़वा शहर के सहिजना मोहल्ले में है,आप तस्वीर में सड़क का हाल बेशक देख रहे होंगें,ऐसे तो यह सड़क शुरुआत से ले कर अंतिम मुहाने तक ख़राब ही है लेकिन जहां सबसे ज्यादा ख़राब है वहीं पर लोग गिर कर चोटिल होते हैं,कई लोगों द्वारा मुझे परेशानी बताई गई थी,लेकिन मैं यकीन नहीं कर रहा था,पर एक रोज़ के बाद आज जब एक बार फ़िर गिरा और चोटिल हुआ तब अहसास हुआ की लोगों को कैसी पीड़ा हुई होगी,लेकिन परेशानी,दर्द और पीड़ा तो इस सड़क से गुजरने वाले अनलोगों को न हो रही है जो चोटिल हो रहे हैं,भला उन जनप्रतिनिधियों और उनके नुनाइंदो को थोड़े हो रही है जो हम जैसे आम लोगों की तरह कभी पैदल तो कभी बाइक से गुजरा करते हैं,साथ ही यह कहने में भी कोई गुरेज नहीं है की नगर परिषद के साथ साथ वर्तमान विधायक द्वारा भी कई सड़कों का निर्माण किया गया,लेकिन दोनो जनप्रतिनिधि के सलाहकारों द्वारा इस सड़क की बदहाली नहीं बताई गई,साथ ही अफ़सोस के साथ यह भी कहना होगा न की इस सड़क की बदहाली ख़ुद उन्हें भी नजर नहीं आई तभी तो कहना पड़ रहा है की सारे विकासीय कार्य पर बदनुमा दाग़ है यह सड़क।