शायद घरवाले को मालूम भी नहीं है की बुझ गया उनका चिराग़


आशुतोष रंजन
गढ़वा

मौत शाश्वत सत्य भले हो पर कभी कभी ऐसी मौत हो जाती है जो एक ओर जहां मन को विचलित कर देता है वहीं दूसरी ओर सोचने पर भी विवश कर जाता है,जैसा की आज गढ़वा जिला में हुआ,जहां एक सात साल का बच्चा अंधविश्वास की बलि चढ़ गया,ऐसा लिखने से आप यह मत समझ लीजिएगा की किसी बच्चे की बलि दी गई है,लेकिन मामला सीधे रूप में अंधविश्वास से ही जुड़ा है,आपको बताएं की जिले के हरिहरपुर गांव निवासी सुरेंद्र चौधरी की पत्नी गुड्डी देवी का मोबाइल गुम हो गया था,काफ़ी खोजबीन किए जाने के बाद भी जब उसे मोबाइल नहीं मिल सका तो उसने अंधविश्वास का सहारा लिया और गांव के ही गणेश चौधरी के सात वर्षीय पुत्र को यह कह कर अपने साथ ले गई की एक व्यक्ति द्वारा बच्चे के नाखून पर दिखाया जाता है की मोबाइल कहां है या किसके द्वारा चुराया गया है,गुड्डी देवी मुकेश को ले कर उस व्यक्ति पास जा ही रही थी की विपरीत दिशा से आ रहे एक यात्री बस ने मुकेश को अपने चपेट में ले लिया,जिससे वो बुरी तरह जख्मी हो गया और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई,अब यहां आप ही बताइए की क्या मुकेश की दुर्घटना में मौत हुई या अंधविश्वास में जान गई.?

बुझ गया उनका चिराग़: – लोगों द्वारा बताया जा रहा है की शायद घरवालों को मालूम भी नहीं है की बुझ गया उनका चिराग़,लोगों की मानें तो मुकेश गांव में खेल रहा था,वहीं से गुड्डी देवी द्वारा बिना उसके माता पिता को बताए उसे ले जाया जा रहा था जहां रास्ते में घटना घटित हुई,उधर पुलिस द्वारा शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया गया है,जहां लगी भीड़ जानकारी होने के बाद भावुक हो रही है तो वहीं गुड्डी देवी के ऊपर आक्रोशित हो रही है।