बेहद ज़रूरी है रफ़्तार पर अंकुश लगाना


आशुतोष रंजन
गढ़वा

जिले में रफ्तार की कमी रुकने का नाम नहीं ले रहा है,लगातार घट रही दुर्घटना में पिछले 3 माह में 35 लोगों की जान गई,जबकि पिछले वर्ष एक सौ 159 लोगों की जान दुर्घटना में गई थी,तेज वाहन की रफ्तार के आगे करीब 3 माह में 165 लोगों ने अपने शरीर के कुछ अंग को खो दिए, शहर से लेकर सुदूरवर्ती गांव के सड़कों पर किसी तरह की सख्ती नहीं होने के कारण कम उम्र के बच्चे सड़क पर ऑटो,बाइक,कार चलाते देखे जाते हैं,इसी वज़ह से दुर्घटना भी हो रही है,भीड़ वाले इलाके में भी वाहन चालक यातायात नियमों की अनदेखी कर धड़ल्ले से वाहन चलाते देखे जाते हैं,यातायात नियमों की अनदेखी एवं तेज रफ्तार बिना हेलमेट वाहन चलाने का परिणाम यह हुआ कि 2021 से 22 में 159 लोगों ने दुर्घटना में अपनी जान गंवाई,वहीं दुर्घटना में 511 लोग घायल हुए,दुर्घटना में मरने वालों की संख्या पिछले 2021 में कम थी,जबकि 2022 में ज्यादा थी,उससे भी अधिक तीन माह में हुई,जहां 2023 जनवरी से मार्च तक ही 35 लोग की मौत हो गई।

रफ्तार पर अंकुश लगाना है ज़रूरी: – मौत के आंकड़ों की भयावहता को देखते हुए यातायात नियमों की अनदेखी कर चल रहे वाहनों की रफ्तार पर अंकुश लगाना बेहद ज़रूरी है,क्योंकि एक वर्ष के अंदर वाहन दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 2 गुना बढ़ गई,पुलिसिया जांच के क्रम में हेलमेट और ड्राइविंग लाइसेंस की जांच तो की जाती है,पर रफ्तार पर लगाम लगाने का प्रयास सफल नहीं हो रहा है,जिला मुख्यालय से गुजरने वाले एनएच 75 और एनएच 343 पर चलने वाले वाहनों की रफ्तार घनी आबादी में भी कम नहीं होती,मुख्यालय से निकलते ही यातायात नियमों की अनदेखी कर वाहन चलाए जाते हैं,जो दुर्घटना का मुख्य कारण है।

क्या कहते हैं समाजसेवी: – इस संबंध में कन्या विवाह एंड विकास सोसायटी के सचिव विकास कुमार माली ने कहा कि तीन माह में पैंतीस लोगों का मौत दुर्घटना के कारण हो जाना बहुत ही दुखद और पीड़ादायक है,अगर वाहन चलाते वक्त लोग ट्रैफिक नियम का पालन करते, कम रफ्तार में वाहन चलाते, हेलमेट पहनकर वाहन चलाते,तो शायद वो हम सबों के बीच होते,उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि आप अपने नाबालिग बच्चों को बाइक देने से परहेज़ करें,साथ ही स्कूल प्रबंधन से भी आग्रह किया है की वो बच्चों की आवाजाही को जांचें,क्योंकि नवीं और दसवीं के बच्चों को बाइक से स्कूल जाते अक्सर देखा जाता है,इस पर रोक लगाना आवश्यक है,साथ ही सामाजिक स्तर पर भी इस दिशा में पहल हो ताकि किसी के घर का चिराग़ दुर्घटना के कारण ना बुझे।

जर्जर व तीखा सड़क दुर्घटना का प्रमुख कारण: – जिले की अधिकांश सड़कें तीखे मोड़ वाली हैं,जहां अक्सर दुर्घटना घटित होती हैं, 2021 में सबसे ज्यादा दुर्घटना एनएच 75 पर हुई है,वहीं गढ़वा मझिआंव सड़क भी दुर्घटना के मामले में कम नहीं है, उक्त सड़क भी लगातार दुर्घटना का गवाह बनता है,उसके अलावे मझिआंव से विशुनपुरा,रंका से रमकंडा,बंशीधर नगर से भवनाथपुर,मेराल से डंडई,गढ़वा से चिनिया सड़क भी दुर्घटना जोन बन गया है।