जहां हुआ राज्य का पहला ऐसा ऑपरेशन


आशुतोष रंजन
गढ़वा

झारखंड का गढ़वा सदर अस्पताल जहां की इलाजीय व्यवस्था को ले कर अक्सर यही चर्चा होती थी की अरे आप कहां इलाज़ कराने जा रहे हैं तो लोग जब यह कहते थे की गढ़वा सदर अस्पताल जा रहे हैं तो पूछने वाले का यही कहना होता था की आप वहां ना ही जाएं,क्योंकि बेहतर इलाज़ की बात कौन करे आपका प्राथमिक उपचार भी नहीं होगा,आपको रेफर होना होगा,लेकिन यह सारी बातें गुज़रे वक्त की हो गईं,क्योंकि वर्तमान गुजरते समय में छोटे बड़े इलाज़ की बात कौन करे मरीजों को बेहतर इलाजिय सुविधा मुहैया कराने के साथ साथ जटिल ऑपरेशन तक किए जा रहे हैं, सिविल सर्जन अनिल कुमार सिंह और उपाधीक्षक अवधेश कुमार सिंह के साथ साथ उनके कुशल नेतृत्व में विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम द्वारा कई बड़े जटिल ऑपरेशन को सफ़ल बनाते हुए मरीजों की चूकती सांसों की डोर को थामा जा रहा है,जिला नहीं राज्य स्तर पर पहली बार किस जटिल ऑपरेशन को अंजाम दिया गया,आइए आपको इस ख़ास खबर के जरिए बताते हैं।

अब तक ऐसा होता था: – ख़बर के सब हेडिंग में हमने लिखा है की राज्य में पहली बार हुआ ऐसा ऑपरेशन,आप बेशक जानना चाह रहे होंगें की ऐसा क्या हुआ जिसे पहली बार होने का दर्ज़ा दिया जा रहा है तो आपको बताऊं की अब तक हमारे झारखंड के विभिन्न बड़े अस्पतालों में केवल हिप का युनिपोलर रिप्लेसमेंट किया जाता था,जिससे मरीजों का ऑपरेशन तो हो जाता था लेकिन शारीरिक हरकत में उसे दर्द का अहसास होता था,यह केवल बड़े अस्पतालों में भारी भरकम राशि खर्च कहने के बाद ही होता था,लेकिन शायद ही आपने कभी सुना होगा की किसी जिले के जिला अस्पताल में ऐसा ऑपरेशन किया गया,लेकिन गढ़वा अस्पताल ने उस मिथक को तोड़ने का काम किया,क्योंकि यहां मरीज़ का केवल एक ऑपरेशन ही नहीं बल्कि बाइपोलर रिप्लेसमेंट करते हुए उसे आगे भविष्य में होने वाले दर्द से भी राहत दी गई,इसी लिहाज़ से इसे झारखंड में पहली बार हिप रिप्लेसमेंट किया जाना कहा जा रहा है,सिविल सर्जन अनिल कुमार सिंह,एनेस्थीसिया जानकार सह अस्पताल उपाधीक्षक अवधेश कुमार सिंह द्वारा अपने पूरे टीम के साथ गढ़वा प्रखंड के सोह गांव निवासी पचपन वर्षीय मंगरू चौधरी का ऑपरेशन के तहत हिप रिप्लेसमेंट किया गया।

जहां लाखों होता खर्च,वहां हुआ निःशुल्क ऑपरेशन: – राज्य में पहली बार उक्त जटिल ऑपरेशन को सफ़ल बना कर आह्लादित डॉक्टर अवधेश कुमार सिंह ने कहा की ऐसे तो छोटे बड़े इलाज़ के साथ साथ कमोवेश प्रतिरोज़ सफ़ल ऑपरेशन करते हुए मरीजों की ज़िंदगी बचाई जा रही है,बात इस मरीज़ की करें तो जब वो अस्पताल में आया उससे पहले वो यहां से ले कर बाहर के कई अस्पतालों के चक्कर लगा चुका था,पर मुफलिसी हालात की लाचारी इसके इलाज़ के आड़े आ रहा था,जब वो यहां आया और उसकी जांच की गई तो हिप रिप्लेसमेंट को बेहद ज़रूरी समझा गया,ऑपरेशन हेतु सिविल सर्जन से बात करते हुए सारी तैयारी कर आयुष्मान भारत योजना का उसे लाभ देते हुए उसका सफ़ल ऑपरेशन कर हिप रिप्लेसमेंट किया गया,साथ ही कहा की गढ़वा सदर अस्पताल में इलाज़ को ले कर लोगों के दिलों में जो भ्रम था वो अब जहां एक ओर दूर हुआ है वहीं लोगों का विश्वास भी बढ़ा है तभी तो अन्य इलाज़ के साथ साथ संस्थागत प्रसव में भी इज़ाफा हुआ है,अब आम के साथ साथ ख़ास लोगों में भी सदर अस्पताल में ही प्रसव कराने को ले कर जागृति आई है,इसलिए यही कहना चाहूंगा की आप बीमार होने के बाद बेझिझक सदर अस्पताल पहुंचिए और बेहतर इलाजिए सुविधा का लाभ लेते हुए स्वस्थ हो कर घर जाइए।