मिलेगा फसलों के नुकसान का मुआवजा: शेखर जमुआर


आशुतोष रंजन
गढ़वा

प्रशासनिक कार्य किस तरह सरजमीन पर पूरे पारदर्शी तरीके से कार्यान्वित होता है इसे नुमाया होते देखना हो तो आप ज़रा झारखंड के गढ़वा जिला का रुख कर लीजिए जहां शहरी मुख्यालय के साथ साथ गांव देहात में भी सरकारी योजनाएं अमलीजामा पहन रही हैं,और यह सब तब से संभव हो पाया है जब से जिला उपायुक्त के रूप में शेखर जमुआर की पदस्थापना हुई है,उनके द्वारा एक टीम वर्क के रूप में काम किया जा रहा है,जिसका अनवरत बेहतर परिणाम सामने आ रहा है,वो किसी भी प्रशासनिक काम को ले कर कितना संजीदा हैं वो आज तब परिलक्षित हुआ जब वो गढ़वा जिला के बाढ़ प्रभावित इलाके में पहुंचे,वहां उनके द्वारा क्या किया गया,आइए आपको इस ख़बर के ज़रिए बताते हैं।

जब बाढ़ प्रभावित इलाके में पहुंचे उपायुक्त: – केवल अपने कार्यालय में बैठ जिला में प्रशासनिक कार्यों का संचालन करने से परहेज़ करने वाले उपायुक्त आज जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र में पहुंचे,जहां उनके द्वारा बाढ़ प्रभावित नारायणपुर सोनपुरा के अतिरिक्त अन्य कई गांवों में पहुंच किसानों द्वारा लगाए गए हजारों एकड़ में धान एवं अन्य फसलों का पंडी नदी की बाढ़ से हुए नुकसान का स्थलीय जायजा लिया गया,जायजा लेने के दौरान उपायुक्त ने बताया कि बाढ़ से हुए फसलों के नुकसान का मुआवजा बहुत जल्द दिलाया जाएगा जिसके लिए उनके द्वारा कांडी बीडीओ मनोज कुमार तिवारी को निर्देश दिया गया कि बाढ़ प्रभावित गांव के किसानों की सूची तैयार कर अविलंब रिपोर्ट दें,ताकि किसानों को उचित मुआवजा मिल सके,कई गांव में किसानों के खपरैल मकान जर्जर होकर ध्वस्त हो चुके हैं,कई लोग बेघर हो गए हैं,जिस पर उपायुक्त ने कहा कि वैसे व्यक्ति को चिन्हित कर तत्काल सहयोग प्रदान किया जाएगा,साथ ही बेघर लोगों की जांच कर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा,वहीं सैकड़ो की संख्या में उपस्थित किसानों ने उपायुक्त से अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि नारायणपुर गांव में पुल निर्माण से पूर्व पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा 27 लाख की लागत राशि से डायवर्सन का निर्माण कराया गया था,पुल निर्माण के पश्चात उक्त डायवर्शन को नहीं हटाने के कारण आज हजारों एकड़ किसानों की धान की फसल डूब गई,जिसमें 10 से 15 फीट पानी भर गया है,जिससे पूर्ण रूप से धान की फसल बर्बाद हो गई,हालांकि उक्त डायवर्सन जेसीबी मशीन द्वारा तोड़ कर पानी की निकासी की जा रही है,इस संबंध में पुल निर्माण के संवेदक अमृत शुक्ला ने बताया कि अपनी निजी खर्चे से जेसीबी मशीन द्वारा डायवर्शन को तोड़कर पानी की निकासी की जा रही है ताकि किसानों के धान की फसल को बचाया जा सके विदित हो कि सोमवार की सुबह पंडी नदी में आए बाढ़ से दर्जनों गांव के किसानों द्वारा सैकड़ो एकड़ में लगाए गए धान,अरहर, मूंगफली तथा सब्जी की फसल पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गयी है,लगातार तीन वर्षों से हो रही अकाल सुखाड़ जैसी समस्या से जूझ रहे किसानों द्वारा खून पसीना एक कर खेतों में अपना फसल लगाया गया,परंतु फसल जब तैयार हुआ तो प्राकृतिक आपदा से उनकी कमर टूट गई।

इनकी भी रही मौजूदगी: – मौके पर बीडीओ मनोज कुमार तिवारी,सीआई जगरनाथ मांझी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी शाहिद अंसारी,कांडी प्रमुख सत्येंद्र कुमार पांडे उर्फ पिंकू पांडेय,बलियारी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि ललन कुमार मेहता,जिला परिषद प्रतिनिधि दिनेश कुमार,अरुण दुबे,मुखिया प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह,समाज सेवी सतेंद्र पाल,प्रदीप पाल के अलावे अन्य कई लोग मुख्य रूप से मौजूद रहे।