आईजी ने कहा नक्सली संगठन नहीं आपराधिक गिरोह है जेजेएमपी और टीपीसी


आशुतोष रंजन
गढ़वा

Bindash न्यूज़ के यूटयूब चैनल पर कल हमने आपको ख़बर दिखाया था की गढ़वा में पुलिस और नक्सली संगठन जेजेएमपी के साथ मुठभेड़ हुई थी जिसमें रंका थाना प्रभारी को गोली लगी थी जो फिलवक्त मेडिका में इलाजरत हैं,उधर मुठभेड़ के बाद एसपी के नेतृत्व में पुलिस द्वारा सघन छापामारी की गई थी जिसमें एक हार्डकोर नक्सली की गिरफ़्तारी हुई वहीं हथियार और गोली के साथ साथ कई नक्सली सामान बरामद हुआ,आइए पढ़िए उसी से जुड़ी एक ख़ास रिपोर्ट।

पुलिस को मिली थी ऐसी सूचना,जहां पहुंचने पर हुई मुठभेड़ : – पुलिसिया सफ़लता के बावत बताने से पहले आइए आपको तस्वीर के ज़रिए उक्त स्थल को दिखाते हैं जहां मुठभेड़ हुई थी,रंका अनुमंडल इलाक़े का यह ढेंगुरा जंगल है जहां जेजेएमपी नक्सली संगठन के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई,दरअसल पुलिस को कुछ दिनों से जानकारी मिल रही थी की टुनेश उरांव छोटे विकास कार्यों के साथ साथ एलएनटी कंपनी द्वारा कराए जा रहे पानी टंकी निर्माण कार्य से भी लेवी मांग रहा है,साथ ही मुंशी को धमकी भी दिया गया है,उधर परसो रात में पुलिस को जानकारी मिलती है की जोनल कमांडर टुनेश उरांव अपने दस्ते के साथ जंगल में मौजूद है,उक्त जानकारी के आलोक में एसपी दीपक पांडेय द्वारा एक टीम गठित की जाती है,जो टीम वहां पहुंची जिसे देख नक्सलियों द्वारा गोलीबारी शुरू कर दी गई,उधर पुलिस की ओर से भी जवाबी कार्रवाई के रूप में गोली चलाई गई,दोनो ओर से हो रहे मुठभेड़ के दरम्यान ही थाना प्रभारी शंकर प्रसाद कुशवाहा को गोली लगी,जंगल में खून का निशान भी आपको दिख रहा होगा,गोली लगने के बाद जहां एक टीम थाना प्रभारी को ले कर अस्पताल के लिए निकली तो उधर एक टीम द्वारा छापेमारी शुरू की गई,बताया जाता है की उक्त मुठभेड़ में नक्सलियों को भी गोली लगी है,लेकिन छापेमारी में मारे गए नक्सलियों के शव को बरामद नहीं किया जा सका,क्योंकि अपने मारे गए साथियों के शव को ले कर भाग जाने का नक्सलियों का पुराना इतिहास रहा है।

ऐसे हासिल हुई बड़ी सफ़लता: – आइए अब आपको एक बार फिर से तस्वीरों के ज़रिए दिखाते और बताते हैं की पुलिस ने कैसे हासिल की सफ़लता,मुठभेड़ के बाद की जा रही छापेमारी के दरम्यान ही पुलिस को एक व्यक्ति दिखता है जो जंगल में भाग रहा है पुलिस द्वारा उसे रुकने को बोला जाता है तो वो पुलिस को देखते ही तेज़ गति से भागने लगता है,जिसे चारो ओर से घेर कर पकड़ लिया जाता है,चेहरा ढंके और हथकड़ी में जकड़ा यह वही हार्डकोर नक्सली शिवपूजन मुंडा है जिसे गिरफ्तार किया गया,जब उससे पूछताछ हुई तो उसके द्वारा जहां एक ओर ख़ुद को मुठभेड़ में शामिल होना बताया गया वहीं उसके निशानदेही पर एक AK 47 रायफल और कई दर्जन जिंदा गोली और खाली खोखा बरामद किया गया,साथ ही कई वर्दी और मोबाइल फोन और अन्य सामान भी बरामद किया गया,इस जानकारी के अलावे प्रेसवार्ता के दौरान आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया की जोनल कमांडर टुनेश उरांव के विरुद्ध दर्जनों घटनाएं दर्ज़ हैं,साथ ही कहा की जहां एक ओर जेजेएमपी और टीपीसी नक्सली संगठन को उग्रवादी नहीं बल्कि आपराधिक गिरोह ही कहा जाएगा क्योंकि ना तो अब माओवादियों का कोई सिद्धांत रहा और ना ही इनका कोई आइडियोलॉजी है।

आईजी द्वारा सम्मानित किए गए अधिकारी और जवान : – उधर मुठभेड़ और उसके बाद तटस्थ हो कर छापेमारी करते हुए एक हार्डकोर नक्सली की गिरफ़्तारी और हथियार,गोली के साथ साथ अन्य सामानों की बरामदगी को एक बड़ी सफ़लता मानते हुए आईजी द्वारा उक्त मुठभेड़ में शामिल अधिकारी,हवलदार और जवान समेत आठ लोगों को जहां सम्मानित किया गया वहीं उनके द्वारा कहा गया की इनके द्वारा हासिल की गई सफ़लता के बावत मैं इनका नाम मुख्यालय भेजूंगा ताकि जहां एक ओर इन्हें बड़ा सम्मान मिले और इनके प्रोन्नति में सहायक हो।

गढ़वा को माओवादियों से पूरी तरह मुक्त करा लेने के बाद अब पुलिस नक्सली संगठन नामक छद्म आपराधिक गिरोह के समूल खात्मा की दिशा में भी अभियान शुरू कर चुकी है,बहुत जल्द इनसे भी गढ़वा को मुक्त करा लिया जाएगा,बस ज़रूरत है आवाम के उसी सहयोग की जिस सहयोग के बदौलत माओवादियों का खात्मा किया गया।