क्या मंत्री के निर्देश को माने अधिकारी..?


आशुतोष रंजन
गढ़वा

पूरी पारदर्शिता के साथ केवल विकास की वकालत ही नहीं बल्कि ज़मीनी धरातल पर उस विकासीय कार्य को कार्यान्वित कराते हुए गढ़वा विधानसभा क्षेत्र को नए स्वरूप में गढ़ रहे स्थानीय विधायक सह राज्य के मंत्री मिथिलेश ठाकुर किसी भी सरकारी कर्मचारी और अधिकारी की लापरवाही को कैसे बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं वो आज तब नुमाया हुआ जब वो कोरवाडीह गांव में आयोजित सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर रहे थे,जहां वृद्धावस्था पेंशन का मामला सामने आने के बाद वो पूरी तरह बिफर पड़े और मौक़े पर मौजूद वरीय अधिकारी को ऐसा निर्देश दे डाला,दरअसल कुछ वृद्ध महिलाओं द्वारा सीधे मंत्री से कहा गया की सभी को पेंशन मिल रहा है आख़िर हमें क्यों वंचित रखा गया है,अन्य विकास योजनाओं के साथ साथ ख़ास तौर पर पेंशन को ले कर अधिकारियों को समय समय पर ताकीद करने वाले मंत्री ने जैसे ही उन महिलाओं की कसक को सुना वो पूरी तरह बिफर पड़े और पूछा की आख़िर इसका जिम्मेवार कौन है,उन्हें विनोद गुप्ता पंचायत सेवक के बावत जानकारी दी गई,उक्त जानकारी होते ही उनके द्वारा तल्ख़ लहज़े में वरीय अधिकारी को निर्देश दिया की यह विनोद गुप्ता कौन है,इसे आज ही सस्पेंड कीजिए,उन्होंने कहा की मैं बहुत कुछ सहन कर सकता हूं लेकिन ऐसी लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता,अब सवाल उठता है की मंत्री द्वारा निर्देश तो दे दिया गया लेकिन क्या अधियारियों द्वारा उनके निर्देश को तवज्जो दी गई,क्या विनोद गुप्ता को सस्पेंड किया गया..?